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आंखों की देखभाल संबंधित सुविधाएं केवल प्रभावित क्षेत्रों में रहेंगी बंद : एआईओएस

नई दिल्ली। ऑल इंडिया ऑपथेल्मोलॉजिकल सोसाइटी (एआईओएस) ने आंखों के इलाज से संबंधित सुविधाओं के लिए नई गाइडलाइनस जारी की हैं। इन गाइडलाइन्स के जरिए एआईओएस मरीजों को बिल्कुल सुरक्षित और प्रभावी इलाज प्रदान करना चाहता है। एआईओएस के पिछले दिशा-निर्देशों के अनुसार, ऑपथेल्मोलॉजिस्ट्स केवल गंभीर मरीजों का इलाज कर रहे थे। जबकी नए दिशा-निर्देश यह कहते हैं कि उचित सावधानी के साथ वैकल्पिक सर्जरी की जा सकती है। दरअसल, कैटरैक्ट और उससे होने वाले अंधेपन के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है इसलिए इन सुविधाओं को शुरू करना जरूरी है।
एआईओएस के अनुसार, आंखों से संबंधित सुविधाएं हर जगह खुली रहेंगी सिवाय कोरोना से प्रभावित क्षेत्र जो सरकार द्वारा सील कर दिए गए हैं। खुलने वाले सभी क्लिनिक्स में भारत सरकार के सभी नियमों का पालन किया जाएगा। ये क्लिनिक ओपीडी, आईपीडी, निदान और सर्जरी आदि सुविधाएं शुरू कर सकते हैं। सेंटर फॉर साइट ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के चेयरमैन और एआईओएस अध्यक्ष डॉ. महिपाल सिंह सचदेव ने बताया कि, “दिशा-निर्देशों के अनुसार, सभी मरीजों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और अस्पताल के नियमों का पालन करना अनिवार्य है। हालांकि, हमारी सलाह है कि ऑरेंज और रेड जोन वाले क्षेत्रों में कम से कम 2 महीनों तक ये सुविधाएं न पहुंचाई जाएं। सभी ऑपथेल्मोलॉजिस्ट्स के लिए हमारी यही सलाह है कि वे ऐसे क्षेत्रों में टेली-ऑपथेल्मोलॉजी और टेली-कंसल्टेशन की सुविधा प्रदान करें। ”ये दिशा-निर्देश भारतीय और विदेशी विशेषज्ञों की राय और विचारों के आधार पर तैयार किए गए हैं।
हालांकि, समय-समय पर सरकार द्वारा बताए गए सभी नियमों को इसमें शामिल किया गया है लेकिन ऑपथेल्मोलॉजी के सुरक्षित अभ्यास के लिए सभी दिशा-निर्देशों को बहुत सोच-समझकर तैयार किया गया है। सभी स्थानों पर स्थानीय प्रशासन और अधिकारियों का राज है। ये गाइडलाइन्स डॉक्टरों, मरीजों, हेल्थकेयर स्टाफ और पूरे क्षेत्र के हित में तैयार की गई हैं। एआईओएस द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों को कोविड-19 की वर्तमान की स्थिति, हालात और बदलावों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है जिससे ऑपथेल्मोलॉजिस्ट्स पूरी सुरक्षा के साथ मरीजों को देखभाल प्रदान कर सकें। सरकार के नियमों के अनुसार, सभी मरीजों के लिए अस्पताल में मास्क पहनना, हाथ धोना और लोगों से दूरी बनाकर रखना जरूरी है। ऑप्थ आरपी सेंटर की प्रोफेसर और एआईओएस की महासचिव, डॉ. नम्रता शर्मा ने बताया कि, “चूंकि, ऑपथेल्मोलॉजी और आई हेल्थ टीम इलाज के दौरान मरीज के बहुत करीब होती है इसलिए उनमें कोविड-19 का खतरा ज्यादा है। यही वजह है कि इस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सभी नियमों और प्रोटोकॉल्स का पालन करना जरूरी है। नए दिशानिर्देशों तैयार करने का मुख्य उद्देश्य ओटी को खोलने से पहले जरूरी बदलावों को अपनाना है। ये दिशानिर्देश ऑपथेल्मोलॉजी के 12 उप-विशिष्टताओं के लिए तैयार किया गया है, जो कोर्निया के इलाज को फिर से शुरू करने का सुझाव देते हैं। हालांकि, ये हॉस्पिटल कोर्निया रिट्रीवल प्रग्राम (एचसीआरपी) को शुरू करने वाले आई बैंकों को प्रबंधित करता है।”

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