ग्रीन लाईब्रेरी : दी अल्टीमेट सोल्युशन टू प्रोटेक्ट आवर रीडर्स नेच्युरल रिक्वायरमेंट
कोटा। राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय कोटा में विश्व पर्यावरण दिवस पर एक टेली कॉंन्क्लेव का आयोजन किया गया जिसकी थीम “ग्रीन लाईब्रेरी: दी अल्टीमेट सोल्युशन टू प्रोटेक्ट अवर रीडर्स नेच्युरल रिक्वायरमेंट ” थी। जिसमे बतौर रिसोर्स पर्सन इनेली इण्डिया इनोवेटर डा गोपाल मोहन शुक्ला मुख्य पुस्तकालयाध्यक्ष गवर्मेंट पब्लिक लाईब्रेरी प्रयागराज, राजेन्द्र कुमार जैन सहायक कुल सचिव राजस्थान तकनिकी विश्वविधालय कोटा एवं निशा गुप्ता व्याख्याता जवाहर नवोदय विधालय जोरा मध्यप्रदेश ने शिरकत की।
डा. दीपक कुमार श्रीवास्तव ने उदघाटन भाषण मे बताया कि हरित पुस्तकालय की डिजाइन एक उभरती हुई संकल्पना है जो 21 वीं सदी के पुस्तकालय को परिभाषित करती है। हरित पुस्तकालय आंदोलन जिसमें पुस्तकालयाध्यक्ष शामिल है वह पुस्तकालय परिसर इसके लिए हरा-भरा करना और पर्यावरण के क्षरण को कम करना प्रतिबद्ध हैं तथा वह कागज के उपयोग को कम कर ई रिसोर्सेज के उपयोग पर फोकस करते है तकि कम से कम पेडो की कटाई हो। पुस्तकालयों को हरा-भरा करना और पर्यावरण के क्षरण को कम करना। कागज पर प्रकाश डाला गया है। कार्यक्रम संयोजिका शशि जैन ने कहा कि – भारत में हरित पुस्तकालय पहल मे हमारा सारवजनिक पुस्तकालय अग्रणी है जिसकी वजह सौर उर्जा।
रिसोर्स पर्सन डा गोपाल मोहन शुक्ला ने कहा कि – पुस्तकालयों एवं पुस्तकालयध्यक्षों का दायित्व केवल सूचना उपलब्ध कराना नहीं है बल्कि समाज में पर्यावरण जागरूकता का उदाहरण प्रस्तुत करना भी है। विश्व स्तर पर ग्रीन लाइब्रेरी का विचार 1990 के दशक में सामने आया। इसके अंतर्गत पर्यावरण अनुकूल पुस्तकालयों का विकास एवं इनके माध्यम से लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का विचार था। अवधारणा के अंतर्गत पुस्तकालयों का विकास इस ढंग से करने का विचार सामने आया जिसके अंतर्गत पुस्तकालय परिसरों का वातावरण तो प्राकृतिक हरियाली से पूर्ण हो ही साथ ही पुस्तकालय में प्राकृतिक प्रकाश एवं हवा के प्रवाह का समुचित ध्यान रखा गया हो। इन पुस्तकालयों में ऐसी सामग्री, तकनीक, एवं उपकरणों का प्रयोग किया जाता है जो पर्यावरण एवं स्वास्थ्य के अनुकूल हो। विश्व में इस दिशा में काफी जागरूकता पाई गई है परंतु भारत में भी कुछ पुस्तकालय में हरित पुस्तकालय के बुनियादी सिद्धांतों के अनुसार अपना विकास किया है जिनमें अन्ना सेंट्रल लाइब्रेरी चेन्नई, दिल्ली यूनिवर्सिटी लाइब्रेरी एवं इलाहाबाद पब्लिक लाइब्रेरी प्रयागराज प्रमुख है ।
राजेन्द्र कुमार जैन सहायक कुल सचिव राजस्थान तकनिकी विश्वविधालय कोटा ने बताया कि हरित पुस्तकालय संकल्पना मे सबसे महत्वपुर्ण हे इंडोर एयर कवालिटी अर्थात बिना एयर कंडीशन के उपयोग के पुस्तकालय के लिये छायादार वृक्षों का बहुतायत मे लगाकार , वातवरणीय तापमान को नियंत्रित कर पाठको को वातावरण प्रदान करना।
निशा गुप्ता व्याख्याता ने बताया कि – शस्य श्यामला धरती का रूप मधुरम तभी होगा, जब चारों ओर पर्यावरण का विघटन नहीं होकर मंथन होगा। आज पूरे विश्व को ग्रीन लाइब्रेरी की महती आवश्यकता है। ग्रीन लाइब्रेरी यानी – एक ऐसी लाइब्रेरी जिसमें चारों ओर मानव द्वारा संचालित उपकरण के स्थान पर प्रकृति प्रदत उपकरण उपयोग में हो। नीले गगन से शुद्ध जल की फुहारें, चाँदनी रात का प्रकाश, सूरज की रोशनी, मधुर-मधुर बयार, पेड़-पौधे, फल-फूल आदि प्रत्येक परिसर में हो। यह सभी विशेषतायें हमें कोटा राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय में दिखाई देती है। इसी कारण कोटा सार्वजनिक पुस्कालय सबसे अनोखा कोटा का ग्रीन पुस्तकालय है।
इस अवसर पर स्थानीय पुस्तकालय मे पोधारोपण कार्यक्रम किया गया तथा पोधारोपण के लिये क्रत संकल्प कार्मिक नवनीत शर्मा को सम्मानित किया गया।