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हिन्दी महासम्मेलन मे  हिंदी प्रेमियों का जमावड़ा, व्याख्यानमाला, काव्य गोष्ठि एवं सम्मान समारोह

कोटा। राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय कोटा एवं समरस संस्थान साहित्य सृजन भारत के संयुक्त तत्वाधान मे हिंदी दिवस के उपलक्ष्य मे राष्ट्रीय हिंदी महासम्मेलन का आयोजन किया गया । जिसमे व्याख्यानमाला , काव्य गोष्ठि एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम का केन्द्रीय भाव ‘ हिंदी के उन्नयन एवं राष्ट्र भाषा का सम्मान दिलाने मे साहित्यकारों की भूमिका’ रहा । इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुकेश कुमार व्यास ‘स्नेहिल’ राष्ट्रीय संस्थापक संयोजक समरस संस्थान साहित्य सृजन भारत, अध्यक्षता डॉ अनिता वर्मा विभागाध्यक्ष हिंदी विभाग राजकीय जानकी देवी बजाज कन्या महाविधालय कोटा , मुख्य वक्ता डॉ विवेक मिश्र प्रोफेसर हिंदी विभाग राजकीय महाविधालय कोटा, विशिष्ठ अतिथि डॉ रघुनाथ मिश्र सहज राष्ट्रीय संरक्षक समरस संस्थान साहित्य सृजन भारत, आनन्द जैन अकेला प्रांतीय अध्यक्ष समरस संस्थान साहित्य सृजन मध्यप्रदेश , कार्यक्रम सचिव शशि जैन एवं संयोजन डॉ दीपक कुमार श्रीवास्तव एवं कार्यक्रम उदघोषिका सीमा घोष मौजुद रही ।
मंच स्थापना व सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन के बाद, रतन लाल वर्मा जी ने राजस्थानी में सरस्वती वंदना कर कार्यक्रम की शुरुआत की। संचालन सीमा घोष ने किया।सभी कवि गण का दुपट्टा और माला पहनाकर स्वागत किया गया।
उदघाटन भाषण मे डॉ दीपक ने कहा कि “हिंदी हम सबके जीवन की भाषा है और इस भाषा को जीते हुए ही हम सामाजिक होते हैं, अमर होते हैं । हिंदी को उसकी बोलियां , उपभाषाएं रचती और गढ़ती हैं।“
मुख्य वक्ता डॉ विवेक मिश्र ने कहा कि “हिंदी के निर्माण में सबसे पहली भूमिका हमारे घर परिवार की है । घर में जब हिंदी जीवित होती है तो समाज और देश में भी भाषा का संरक्षण होता है । हमारे रचनाकार जब शब्द को गढ़ता और रचता है तो वह शब्द की अमरता को जीता है । रचनात्मक शब्द अनंत उर्जा व अमर होने के साक्ष्य होता है । कबीर सूर जायसी तुलसी मीरा से लेकर अज्ञेय मुक्तिबोध या आज का कवि लेखक अपने रचनात्मक रूप में सामाजिक सत्ता के रूप में देता है ।“
अध्यक्षता कर रही प्रोफेसर डॉ अनिता वर्मा ने कहा कि – हिंदी हमारे संस्कारो की भाषा है। हिंदी की यात्रा हमारी सांस्कृतिक चेतना और विरासत है। हिन्दी भाषा के उन्नयन में आदिकाल से अब तक साहित्यकारों की महत्त्व पूर्ण भूमिका रही है। आमिर खुसरो सूर तुलसी मीरां से लेकर प्रसाद पंत निराला महादेवी हमारे पूर्वज है जिन्होंने हिंदी को अपने सृजन से समृद्ध किया है।वर्तमान में हिंदी डिजिटल पंखो से उडान भर रही है।आवश्यकता है मानसिकता बदले ।हिन्दी को शुद्ध बोले शुद्ध पढ़ाये ।हिन्दी हमारी आत्मा और संस्कार की भाषा जो सबके दिलों को जोड़ती है।
कार्यक्रम में संवाद, ” हिंदी को उन्नयन और राष्ट्रभाषा का सम्मान दिलाने में साहित्यकारों की भूमिका” के मुख्य वक्ता विवेक मिश्र और डॉक्टर अनीता वर्मा, विशिष्ट अतिथि, कटनी से पधारे, मध्य प्रदेश के प्रांतीय अध्यक्ष कवि आनंद जैन ‘अकेला’,संस्था के संस्थापक संयोजक, मुकेश कुमार व्यास ‘स्नेहिल’ मुख्य अतिथि और अध्यक्ष, समरस संस्थान साहित्य सृजन भारत के राष्ट्रीय संरक्षक डॉ रघुनाथ मिश्र सहज रहे। सभी मंचस्थ अतिथियों का माला पहनाकर-तिलक लगाकर स्वागत किया गया।
सभी अतिथियों ने हिंदी साहित्य के संवर्धन और हिंदी को बढ़ावा देने के लिए अपने- अपने बहुमूल्य सुझाव दिए, जिससे हिंदी साहित्य को आगे बढ़ाया जा सके
डॉक्टर फरीद खान, महेश पंचोली, ज्ञान गंभीर, कवि कपिल खंडेलवाल ‘कलश’, योगीराज योगी, पुखराज सिंह झाला, दीनबंधु परालिया, महेश मोरवाल, रतन लाल शर्मा, स्नेहलता शर्मा, वेद प्रकाश ‘परकाश’, विष्णु शर्मा हरिहर, राजेंद्र पवार, डॉक्टर कृष्णा कुमारी, सलीम आफरीदी, गरिमा राकेश गौतम सहित 45 कवि गण ने काव्य पाठ किया। उसके उपरांत समरस संस्थान साहित्य सृजन कोटा जिला अधिवेशन की शुरुआत की गई। जिला महामंत्री रेणु सिंह ‘राधे’ द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत की गई ओर कोटा जिला इकाई की कार्यकारिणी गठित की गई । राष्ट्रीय संरक्षक सहज ने सभी उपस्थित कवि गण का हृदय से आभार व्यक्त किया।
केन्द्रीय साहित्य आकादमी नई दिल्ली द्वारा घोषित परिणामों मे द्वितीय स्थान प्राप्त पुस्तक ‘तत्पुरुस’ के युवा लेखक किशन प्रणय को ‘समरस श्री काव्य शिरोमणि सम्मान -2022 एवं हिंदी सेवी सम्मान मेडल-2022 से सम्मानित किया गया ।
इस अवसर पर हिंदी के क्षेत्र मे श्रेष्ठ कार्य करने वाले प्रतियोगी एवं कोटा पब्लिक लाईब्रेरी के पाठक दिनेश मीणा, रजनी कांत शर्मा, महेश मीणा ,अनुराग मीणा, अशोक कुमार, श्री नाथ शर्मा, नितिन प्रजापति, केतन लोधा, कौशल मीणा, देवेंद्र बागड़ी, प्रियंका अग्रवाल, नेहा तंजीम सागर, आशा यादव, प्रियंका शर्मा, हिमाक्षी राजावत, सुप्रिया माथुर, निशु दिलावर, कोमल शर्मा, आरती दिवालिया, राधा गुप्ता, हेमलता सोनी, इशरत खानम को हिंदी सेवी सम्मान मेडल से सम्मानित किया गया ।

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