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लाल भाटिया को अमेरिका में गलत ढंग से फंसा कर दोषी ठहराया गया, कोर्ट के दस्तावेज द्वारा हुआ रिवील

मुंबई। समीक्षकों द्वारा प्रशंसित अपनी पुस्तक ‘इंडिक्टिंग गोलिएथ’ में लेखक लाल भाटिया ने अदालती दस्तावेजों पर भरोसा करते हुए यह स्थापित किया कि रिश्वत के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका के विभाग अभियोजक स्टीफन जी. कोरिगन य फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन, विशेष एजेंट जेनेट बेरी और अन्य लोगों ने झूठे आरोपों के लिए तथ्यों को गढ़ा, गलत तरीके से दोषी ठहराया और झूठा आरोप लगाते हुए सिएटल स्थित मोन विग, मैनेजिंग सदस्य, विग प्रोपर्टीज एलएलसी के मामलों को छिपाया।
कई अदालती फाइलिंग में, जैसा कि किताब ‘इंडिक्टिंग गोलियत’ में बताया गया है ।
उदाहरण के लिए, 28 दिसंबर 2010 को यूएस बनाम लाल भाटिया, यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, नॉर्दर्न कैलिफोर्निया, कोर्ट केस नंबर: CR-04-40071-सीडबल्यू, डॉक्यूमेंट नं. 392 -394; कोर्ट केस नं .: CR-05-00334-SBA, दस्तावेज़ संख्या .: 545; लाल भाटिया बनाम संयुक्त राज्य अमेरिका के अटॉर्नी कार्यालय, उत्तरी कैलिफोर्निया, केस नं .: CV-09-05581-SBA, दस्तावेज़ संख्या: 45; और लाल भाटिया बनाम मन विग, केस नं .: CV-10-00072-SBA, दस्तावेज़ संख्या: 78, ऐसा माना गया कि यह कुबूल किया गया और निर्णायक रूप से स्थापित किया गया कि – मोन विग के जुर्म को छुपाने और उन्हें बचाने के लिए असिस्टेंट यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी, स्टीफन जी. कोरिगन, फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन स्पेशल एजेंट जेनेट बेरी और अन्य लोगों ने योजनाबद्ध ढंग से तथ्यों को गढ़ा और लाल भाटिया को गलत तरीके से दोषी ठहराया, झूठ की बुनियाद पर अपराधी साबित किया और फर्जी तरीके से उन्हें कैद किया। मोन विग के जुर्म में लंदन, इंग्लैंड (ठब्ब्प्) में बैंक ऑफ क्रेडिट एंड कॉमर्स लिमिटेड में सेफ-डिपॉजिट बॉक्स में मन विग की भारी मात्रा में कैश करेंसी का ट्रांसफर और डिपॉजिट शामिल था, और बख्तरबंद वाहनों में ले जाया गया या वाकोविया बैंक के माध्यम से संयुक्त राज्य अमेरिका में मेक्सिको से ले जाया गया।
मोन विग के अपराध को छुपाने और उन्हें बचाने के लिए स्टीफन जी. कोरिगन, फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन स्पेशल एजेंट जेनेट बेरी और अन्य लोगों ने योजनाबद्ध ढंग से तथ्यों को गढ़ा और लाल भाटिया को गलत तरीके से दोषी ठहराया, झूठ की बुनियाद पर अपराधी साबित किया और फर्जी तरीके से उन्हें कैद किया। मोन विग के अपराध में यह भी शामिल था कि बार्कलेज, ब्रिटिश बैंक, क्रेडिट सुइस ग्रुप और एबीएन एमरो बैंक के माध्यम से बड़ी मात्रा में नकद मुद्रा लाई गई।
‘इंडिक्टिंग गोलियत’ परिशिष्ट 2, पेज नंबर 245-256.
यह उन सभी लोगों के लिए एक आह्वान है जो सम्मान, मानवाधिकार और कानून की उचित प्रक्रिया में विश्वास करते हैं, कि निम्नलिखित संदेश के साथ अपनी आवाज उठाएं।
“मुझे गहरी निराशा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका का न्याय विभाग अब भी भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों को बचा रहा है जबकि कोर्ट के दस्तावेज यह रिवील कर रहे हैं कि लाल भाटिया को गलत तरीके से फंसाया गया है और उन्हें मन गढ़ंत तरीके से दोषी ठहराया गया है। मोन विग के लाखों के अवैध धन को वैध बनाया गयाय एमांउट को बैंक खाता संख्या और दूसरे रास्तों से मोन विग द्वारा लाखों के गैर कानूनी पैसों को वैध बनाया गया। वे पिछले एक दशक से अधिक समय से विग और अन्य लोगों की रक्षा क्यों कर रहे हैं?’’

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