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देश में पुरुष आयोग के स्थापना की आवश्यकता : अंशुल वर्मा

नई दिल्ली। नई दिल्ली के इंडियन सोसाइटी फॉर इंटरनेशनल लॉ में अपनी तरह का अनोखा पुस्कार समारोह आयोजित किया गया। इस पुरस्कार समारोह का नाम पुरुषार्थ महोत्सव रखा गया था। अब तक गुमनामी के अंधेरे में रहकर समाज की भलाई के लिए बढ़-चढ़कर योगदान देने वाले वाले पुरुषार्थियों को यह पुरस्कार दिया जाएगा। इस पुस्कार समारोह का आयोजन टीम पुरुषार्थ ने सेव इंडियन फैमिली फाउंडेशन (एसआईएफएफ) के सहयोग से किया। एसआईएफएफ की लीड या प्रतिनिधियों में श्री रूपांशु प्रताप सिंह, श्री विक्रम बिस्यार और श्री कुमार एस. रत्न शामिल थे।
राज्यसभा सदस्य श्री के.टी.एस तुलसी, ने कहा, “सिर्फ कानून बनाने से समाज की बुराइया नहीं खत्म होती है, बुराई खत्म होती है जब लोग अपने आदर्शपूर्ण व्यवहार का उदाहरण पेश करते हैं, 1995 में दहेज प्रताड़ना के केसों की संख्या 4668 थी जो बढ़कर 2005 में 6776 और 2015 में 7638 रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा झूठे केसों की संख्या दिन प्रतिदिन बढती गयी है, जहां कानून का दुरूपयोग कर महिलाएं अपने विशेषाधिकार का फायदा उठाती रही हैं। मैंने संसद में एक प्रस्ताव रखा है की यौन उत्पीड़न की सजाएं जेंडर न्यूट्रल हो। जिससे कानून का दुरूपयोग ना हो और समाज में संतुलन बना रहे। श्री के.टी.एस तुलसी ने कहा की पुरुषार्थी महोत्सव 2019 की यह पहल हर पीड़ित पुरुष को न्याय दिलाने की पहल है। मैं कामना करता हूँ की यह शुरुआत समाज मैं सकारात्मक बदलाव लाएगी।”
पूर्व सांसद श्री अंशुल वर्मा ने कहा,” समाज का कल्याण करना ही पुरुषार्थ है, लोगों को शिक्षित करने से ही समाज में बदलाव आएगा क्यों की शिक्षा ही आपको स्वतंत्र सोच देती है। भारत एक युवा देश है जहां युवाओं को एक सही मार्गदर्शन की जरूरत है जो उन्हें मानसिक तौर पर मजबूत व स्वतंत्र बनाये, पुरुषार्थ महोत्सव आगाज है समाज में नई सोच के प्रादुर्भाव का।“
आयोजकों ने सामूहिक रूप से कहा, “हम अपनी तरह का अनोखा इवेंट आयोजित कर काफी उत्साहित हैं। इस पुरस्कार समारोह में ऐसे व्यक्तियों को पुरस्कार दिया जाएगा, जिन्होंने समाज की भलाई के लिए एक से बढ़कर एक प्रयास किए। हमने प्लेटफॉर्म बनाया है, जो हमें ऐसे लोगों की पहचान में मदद करेगा, जिन्होंने समाज के हित में अपना स्वार्थ नहीं देखा। बिना किसी लालच के निस्वार्थ भाव से जरूरतमंदों की मदद की। उनके अच्छे कार्यों को किसी ने नहीं सराहा, इसीलिए उन्हें समाज में पहचान भी नहीं मिली। कहीं से भी किसी तरह की मदद न मिलने पर भी वह लोगों की भलाई से पीछे नहीं रहे। समाज की भलाई के लिए गए कार्यों ने ऐसे लोगों को पुरुषार्थी पुरस्कार के काबिल बनाया है। यह पुरस्कार समाज की भलाई के लिए काम करने की इच्छा और मानवता के कल्याण के लिए किए गए किए गए कार्यों को पहचान देता है।
श्री आर .के .सोलंकी (लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड) ने कहा, “मै सहृदय ध्यानवाद करता हूँ पुरषार्थ का की जिसने मुझे इस मंच पर मेरे काम को सराहा है, ये जो समस्याएं यहाँ पर बताई गयी है चाहे वो दहेज प्रतारणा हो या मानसिक उत्पीड़न ये वो समस्या है जिससे हर व्यक्ति रूबरू है हमें समाज में सुधार की शुरुवात एक परिवार से होता है जो मैंने भी इसी राह को चुना।”
कुमार एस रतन ने कहा “The sky is not pink, it’s blue. आज महोत्सव का मूल उद्देश्य है कि, आप सब पुरूषार्थीयों के हर पुरुष किसी ना किसी सामाजिक कार्यों से जुड़े और देश, परिवार, समाज को बेहतर से और बेहतर बनाने में योगदान दे।’ विक्रम बिसयार ने कहा, ‘पुरुषों द्वारा समाज सुधार के लिए किये गए कार्य को सराहना की जानी चाहिए और उन्हें समाज पे पहचान मिलनी चाहिए। रूपेंश सिंह ने कहा, की पुरुषार्थ समाज की शक्ति है, जो समाज के परदे के पीछे के हीरो को प्रोत्साहित करती है।
इस पुस्स्कार समारोह में राज्यसभा के नामांकित सदस्य श्री के.टी.एस तुलसी मुख्य अतिथि थे। यूपी के हरदोई से पूर्व सांसद श्री अंशुल वर्मा समारोह के सम्मानित अतिथि थे। इस कार्यक्रम में एक शार्ट फिल्म “एक्यूस्ड” की स्क्रीनिंग की गई, जिसका निर्देशन श्री जतिन चानना ने किया है। “एक्यूस्ड” में पुरुषों की रोजमर्रा की जिंदगी की दुःख, तकलीफ और समस्याओं को दिखाया गया है। इस अवसर पर एक अन्य डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता ओर जेंडर राइट्स सपोर्टर मिस दीपिका नारायण भारद्वाज की डॉक्युमेंट्री फिल्म “इंडिया” सन के ट्रेलर की स्क्रानिंग की गई। इसके बाद समाज के विभिन्न वर्गों से आए विशेषज्ञों ने पैनल डिस्कशन किया। उन्होंने वहां आए लोगों से बातचीत की और उनके सवालों के जवाब दिए।
इस पुरस्कार समारोह में इनाम जीतने वाले लोगों के नाम इस प्रकार हैं –
श्री आर .के .सोलंकी (लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड), श्री राजेश गोयल, श्री पुत्तु लाल गुप्ता, श्री लक्ष्मी चंद्र, श्री इंद्रसेन कुमार, श्री अमित शर्मा, श्री अमिताव दास, श्री देशराज भट्ट, श्री हरबंस दुनकल, श्री डॉ. जे.एस. यादव, श्री वरुण खुल्लर, श्री अमनदीप सिंह जौहर, श्री पारुल शर्मा, श्री सीएच. बी. सी. प्रधान, श्री गगन अग्रवाल, श्री अनूप खन्ना।

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