”दी प्रिंच” ने कोटा पब्लिक लाईब्रेरी के “नोलेज एट योर डोर स्टेप” की यात्रा की कहानी साझा की
-डॉ. प्रभात कुमार सिंघल, कोटा
पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान के क्षेत्र मे विश्व के प्रतिष्ठित ब्लॉग – “दी प्रिंच” ने “पब्लिक लाईब्रेरी कोवीड-19 एडेपटेशन” शीर्षक अंतर्गत वेश्विक महामारी के दौरान दुनिया कि पब्लिक लाईब्रेरीज ने किस प्रकार इस चुनोती को स्वीकार करते हुये बदलते परिद्रश्य अनुरुप घर बेठे आमजन को ऑनलाईन साहित्य की सेवा से जोडे रखा बावत राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय कोटा के “व्हाटस एप इनीशीयेटीव – “नोलेज एट योर डोर स्टेप” की यात्रा की कहानी को साझा किया है। यह जानकारी पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव ने देते हुए बताया कि राजस्थान में कोटा का पहला पुस्तकालय है, जिसको यह अवसर प्राप्त हुआ है।
इस सेगमेंट मे “दी प्रिंच” ने कोटा की पब्लिक लाईब्रेरी को प्रमुखता से प्रस्तुत करते हुये बताया कि किस तरह इफ्ला की एडवाईजरी को मध्यनजर रखते हुये“ मिसइण्फोर्मेशन, मॉलइण्फोर्मेशन एवं फेक न्युज” से बचाते हुये आमपाठक को स्वस्थ साहित्य सेवा प्रदान की साथ ही उन्होने “बिब्लिओथेरेपी“ संकल्पना की भी प्रसंशा की।
दी प्रिंच” के “पब्लिक लाईब्रेरी कोवीड -19 एडेपटेशन” मे कोटा पब्लिक लाईब्रेरी के साथ-साथ टोरंटो पब्लिक लाईब्रेरी के “फूड बैंक” इनिशीयेटीव एवं एरिजोना पब्लिक लाईब्रेरी के “पब्लिक वाई-फाई” की स्टोरी को साझा किया है।
दी प्रिंच अपनी ओब्जर्वेशन मे लिखता है कि दुनिया कि पब्लिक लाईब्रेरीज ने यह साबित कर दिया कि पब्लिक लाईब्रेरीज का दायित्व केवल पुस्तक आदान दृप्रदान करने तक ही सिमित नही है अपितु इसका कार्य उससे कहीं अधिक है जिसे इन सार्वजनिक पुस्तकालयों की अनुकरणीय कहानियों के माध्यम से आसानी से समझा जा सके। विस्तृत जानकारी के लिये लिंक से जानकारी साझा की जा सकती है।