शाहीन बाग के तीन प्रदर्शनकारियों को मिली जमानत
नई दिल्ली। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने कोरोना वायरस को रोकने के लिए लॉकडाउन का उल्लंघन कर शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने के आरोप में तीन गिरफ्तार लोगों को जमानत दे दिया है। ड्यूटी मजिस्ट्रेट जीतेंद्र प्रताप सिंह ने तीनों आरोपियों को 25-25 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी है।
कोर्ट ने तीनों आरोपियों को नागरिकता संशोधन कानून या एनपीआर, एनआरसी पर सोशल मीडिया में कोई भी पोस्ट डालने से मना किया है। कोर्ट ने तीनों आरोपियों को निर्देश दिया कि वे नागरिकता संशोधन कानून या एनपीआर, एनआरसी के मामले पर प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कोई इंटरव्यू नहीं देंगे। कोर्ट ने तीनों आरोपियों को पांच लोगों से ज्यादा की किसी भी सभा या मीटिंग में हिस्सा लेने से मना किया है। कोर्ट ने तीनों आरोपियों को शाहीन बाग के प्रदर्शन स्थल पर जाने पर रोक लगा दिया है। कोर्ट ने तीनों आरोपियों को हर सोमवार को दस बजे सुबह शाहीन बाग थाने जाकर अपनी हाजिरी लगाने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने तीनों आरोपियों को निर्देश दिया है कि वे कोरोना वायरस पर राज्य और केंद्र सरकार के अलावा स्थानीय प्रशासन के दिशानिर्देशों का पालन करेंगे। कोर्ट ने तीनों आरोपियों को साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने और गवाहों को प्रभावित करने से मना किया है। कोर्ट ने तीनों आरोपियों को निर्देश दिया कि अगर वे अपना रिहायशी ठिकाना बदलते हैं तो इसकी सूचना वे कोर्ट को देंगे और कोर्ट में उनके मामले की जब भी सुनवाई होगी वे उपस्थित होंगे। कोर्ट ने तीनों को बिना अनुमति के देश छोड़ने से मना किया है।
तीनों की जमानत याचिका का दिल्ली पुलिस ने ये कहते हुए विरोध किया था कि आरोपी रिहा होने के बाद भीड़ को एकत्र कर सकते हैं जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो सकती है और कोरोना वायरस को रोकने के सरकार के कदम पर विपरीत असर पड़ सकता है। तीनों आरोपियों ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि जेल के अंदर वे भी कोरोना वायरस की चपेट में आ सकते हैं। उनके खिलाफ इसके पहले कोई आपराधिक मामला भी लंबित नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि वर्तमान स्थिति में सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट ने जेलों में बंद कैदियों की संख्या कम करने का दिशानिर्देश दिया है। कोर्ट ने सरकार की आशंकाओं को दूर करने के लिए तीनों आरोपियों को सशर्त जमानत देने का आदेश दिया। कोर्ट ने जिन आरोपियों को जमानत दी है उनमें सैयद तासीर अहमद, शाह मोहम्मद और सैयद मसूद अहमद शामिल हैं।