हलचल

आज लोगों की सोच और काम में बदलाव आया है और आज अनाउंसर नहीं रेडियो जॉकी होते है : डॉ. संदीप मारवाह

नोएडा। रेडियो आधुनिक विज्ञान का एक महान और उपयोगी अविष्कार रहा है यह हमारे आधुनिक जीवन का एक हिस्सा है जो बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है रेडियो प्रसारण समाचार या श्रोताओं से संबंधित कुछ मनोरंजन के बारे में नवीनता अपडेट करने के लिए 24 घंटे प्रसारित सूचना और मनोरंजन प्रदान करता है, जब इंटरनेट नहीं था उस समय अपनी बात रेडियो के जरिये हम करोड़ो लोगों तक पंहुचा सकते थे। और आज भी यह मनोरंजन का एक आसान साधन है रेडियो महंगा नहीं है इसलिए अमीर या गरीब कोई भी व्यक्ति इसे खरीद सकता है. दुनिया के किसी भी हिस्से में रहकर विभिन्न कार्यक्रम का आनंद ले सकता है जब से रेडियो की दुनिया में एफ.एम ने कदम रखा है लोगों की सोच और काम में बदलाव आया है आज रेडियो सिर्फ गीतों का माध्यम नहीं बल्कि नॉलेज, और दुनिया में क्या हो रहा है  युवाओं के लिए नए फैशन, महिलाओ व बुजुर्गो के लिए प्रोग्राम दिनभर आते है. ये बात और है अनाउंसर नहीं रेडियो जॉकी होते है यह कहना था 12वा ग्लोबल फेस्टिवल ऑफ़ जर्नलिज्म के दूसरे दिन इंटरनेशनल चैम्बर ऑफ़ मीडिया एंड एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री (आईसीएमईआई), चांसलर डॉ. संदीप मारवाह का.  इस अवसर पर  रेडियो के दुनिया के जाने माने रेडियो जॉकी  ज़रीन, अतिशय सुरिंदर लाली साहनी, शिशिर सिन्हा, वरिष्ठ पत्रकार डॉ.एम शाहिद सिद्दीकी,  रोहन, नलवा,श्वेता झा,  कैंपी,  रितेश, तृप्ति, राजेश यादव व दिनेश कांडपाल, शामिल हुए , उनके साथ कई देशों के राजदूत जैसे  एबेल डेस्पैग्ने, चार्ज डी ‘अफेयर्स, क्यूबा दूतावासकमांडर के.एल गंजू,  कोमोरोस के वाणिज्य दूत, पेरू के राजदूत जेवियर पॉलिनिच,  कार्मेल मौरिस और ऑस्ट्रेलिया से रिचर्ड मौरिस, अज़रबैजान के राजदूत एल्चिन हुसेनली गाम्बिया के उच्चायुक्त एच ई मुस्तफा जवारा मौजूद रहे। एल्चिन हुसेनली  ने  कहा  की  संस्कृतियों और सिनेमाई उत्साह का यह जीवंत संगम भारत और अज़रबैजान के बीच स्थायी साझेदारी का एक प्रमाण था, जो एक-दूसरे की विरासत और कलात्मक अभिव्यक्तियों की गहरी समझ और सराहना को बढ़ावा देता था। रेडियो जॉकी से मिलकर  संस्थान के  छात्रों का उत्साह देखने लायक था। सभी का कहना था की इस तरह का आयोजन होते रहना चाहिए इससे और अच्छा काम करने का उत्साह और ऊर्जा मिलती है  इस अवसर पर कई देशों की फिल्म भी दिखाई गई महोत्सव निदेशक डॉ. अजय कुमार ने अंत में सबका धन्यवाद देते हुए कहा की हमारी कोशिश यही होती है की हम अपने छात्रों को सर्वोत्तम शिक्षा और मंच दे। अंत में संदीप मारवाह ने आये हुए अतिथियों को पुरस्कार आजीवन सदस्यता प्रमाणपत्र व उत्सव स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।

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