होमशॉप 18 पर वेंडर्स ने लगाया 150-200 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप
नई दिल्ली। होमशॉप 18 वेंडर्स एसोसिएशन ने नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में टीवी शॉपिंग मार्केटप्लेस होमशॉप 18 पर 150-200 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप लगाया। एसोसिएशन का दावा है कि करोड़ों की राशि विक्रेताओं के नाम पर उपभोक्ताओं से इकट्ठी की गई। राशि उस समय से जमा की जा रही है, जब कंपनी नेटवर्क 18 ग्रुप का हिस्सा थी।
वेंडर एसोसिएशन ने कहा कि धोखाधड़ी के पीछे ताकतवर और प्रभावशाली लोगों का हाथ होने से पुलिस, प्रशासन, मंत्रालय और दूसरी सरकारी एजेंसियां कोई कारवाई नहीं कर रही है। धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराने की तमाम कोशिशों के बावजूद नोएडा पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज करने और जांच-पड़ताल से साफ इनकार कर दिया।
वेंडर एसोसिएशन ने रिजर्व बैंक का जवाब भी पेश किया है, जिसके तहत यह अपराध दंडनीय है। एसोसिएशन ने अपना दर्द सामने रखने के साथ ही होमशॉप 18 के खिलाफ दस्तावेजी सबूत भी पेश किया है। होमशॉप 18 की वेंडर्स एसोसिएशन 1500 से ज्यादा परिवारों का प्रतिनिधित्व कर रही है, जिनसे उनकी गाढ़ी मेहनत की कमाई धोखाधड़ी से छीन ली गई और उन्हें गरीबी और उधार के दलदल में धकेल दिया गया।
7 जून को होमशॉप 18 के सैकड़ों वेंडर्स को उस समय झटका लगा, जब उन्हें पता चला कि होमशॉप 18 को बेहद छोटी रियल एस्टेट की कंपनी स्काईब्लू बिल्डवेल ने टेकओवर कर लिया है। स्काईब्लू बिल्डवेल की टीवी 18 होम शॉपिंग में 82.64 फीसदी की हिस्सेदारी थी। स्काईब्लू बिल्डवेल कि पहले कोई हिस्सेदारी नहीं थी, लेकिन 7 जून से हो गई। होमशॉप 18 को 2008 में लॉन्च किया गया था। 2014 में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने नेटवर्क 18 और एचएस18 का टेकओवर कर लिया था। 2018 में इसका विलय शॉप सीजे नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड में हो गया। यह भारत का सबसे बड़ा शॉपिंग नेटवर्क बन चुका है। मनीष कालरा को कंपनी का नया सीईओ नियुक्त किया गया।
होमशॉप 18 वेंडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हिमांशु खट्टर ने कहा, “इस साल की शुरुआत में कंपनी ठीक से चल रही थी। मगर मार्च में वेंडर्स का समय से भुगतान नहीं किया गया। जब इस बारे में सीएफओ गुरविंदर सिंह और फाइनेंस के दूसरे लोगों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सीईओ मनीष कालरा मुंबई में रिलायंस के साथ फंड रिलीज करने पर बातचीत कर रहे हैं। अप्रैल में मनीष कालरा और गुरविंदर सिंह ने कहना शुरू किया कि अभी चुनाव हो रहे हैं और एफडीआई इसमें शामिल है। इसलिए चुनाव के खत्म होने के बाद 12 मई 2019 को वेंडर्स को भुगतान किया जाएगा, लेकिन वेंडर्स को कोई पेमेंट नहीं किया गया।“
हिमांशु ने कहा, “समझौते के अनुसार हमारा पेमेंट 45 दिन में मिल जाना चाहिए, लेकिन हमें पैसे नहीं दिए गए।“ दिल्ली से वेंडर हिमांशु इस चैनल के माध्यम से अपने ब्यूटी प्रॉडक्ट्स की बिक्री करते है। हिमांशु का कंपनी पर डेढ़ करोड़ रुपये बकाया है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन महीने से हालत बहुत ही खराब हो गई है। प्राइवेट साहूकारों के पैसे चुकाने के लिए उन्हें अपनी पत्नी के गहने तक बेचने पड़े। उन्होंने दावा किया कि हमने फिल्म सिटी में नेटवर्क 18 के ऑफिस में भी प्रदर्शन किया, लेकिन इसका भी कोई नतीजा नहीं निकला।
होमशॉप 18 वेंडर्स एसोसिएशन के सचिव गिरीश गुप्ता ने दावा किया, “होमशॉप 18 के अधिग्रहण के समय सुरिंदर लुनिया और सुनील बत्रा स्काईब्लू बिल्डवेल के निदेशक थे। हालांकि अब एमसीओए के आंकड़ों के अनुसार सुचिता हरेनभाई वैद्य और रिपल परागभाई पटेल कंपनी के निदेशक हैं। कंपनी बड़ी तेजी से टॉप पोस्ट पर बैठे अफसरों को बदल रही है, जिससे संकेत मिलता है कि वेंडर्स से धोखाधड़ी करने के लिए कंपनी के अफसरों ने जमकर घोटाला किया है। लुनिया रिलायंस जियो इंफोकॉम के निदेशक थे। वह जियो के बोर्ड में शामिल एक उद्योगति महेंद्र नाहटा की ओर से प्रमोट की गई रंपनी हिमाचल फ्यूचरस्टिक कम्युनिकेशन लिमिटेड के पूर्व सीईओ भी रह चुके हैं। इससे इस धोखाधड़ी में स्काईब्लू और रिलायंस की मिलीभगत का पता चलता है।“
होमशॉप18 से गिरीश को 3 करोड़ से ज्यादा का पेमेंट लेना है। उन्होंने कहा कि अधिकांश वेंडर्स दिवालिएपन की कगार पर है क्योंकि वह अपने ऋणदाताओं को उधार नहीं लौटा सके है। लेटेस्ट फाइनेंशियल रेकार्ड के अनुसार स्काई ब्लू की नेटवर्थ 7.57 लाख की है। कंपनी के पास कर्मचारियों का कोई खर्चा नहीं है, जो यह दिखाता है कि यह एक बोगस कंपनी है। इसके उलट मार्च 2018 में होमशॉप 18 की नेटवर्थ 305 करोड़ रुपये की थी। वेंडर्स ने दिल्ली में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू), नोएडा में सूरजपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) और दिल्ली में कॉपरोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) के पास अपनी शिकायत दर्ज कराई है।
हिमांशु ने कहा कि हमने माननीय राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री,वित्त मंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को पत्र भेजा है। इस घोटाले के पीछे प्रभावशाली और ताकतवर लोगों के जुड़े होने और कुछ कॉरपोरेट्स के शामिल होने के कारण पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। इसके साथ ही प्रशासन मंत्रालय और दूसरी सरकारी एजेंसियां भी इस मामले में कोई कदम नहीं उठा रही है। शिकायत दर्ज कराने की हमारी तमाम कोशिशों के बावजूद नोएडा और दिल्ली में हमारी एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी है।
एसोसिएशन ने कहा कि ऋणदाताओं की ओर से पैसा वापस करने का दबाव बढ़ाने के कारण एक वेंडर राजेश सचदेवा को हार्ट अटैक पड़ चुका है। उनके पास ऋणदाताओं के उधार लौटाने के पैसे नहीं है क्योंकि उन्होंने अपना सारा धन होमशॉप 18 में निवेश कर दिया था।