मतदाता वोट देकर निभाए अपना दायित्व, मतदान को गोपनीय रखे – पीयूष
-डॉ. प्रभात कुमार सिंघल, कोटा
“चुनाव निश्चित ही एक झरोखा है”। निष्पक्ष और प्रलोभन रहित चुनाव कैसे संपन्न हों ?जनप्रतिनिधियों को चुनना कितना लुभावना मायाजाल है ! आकर कंसलटेंट के पीयूष गोयल मतदाताओं को जागरूक करते हुए कहते हैं मतदान स्थल तक जाने के लिए किसी के वाहन का उपयोग नहीं करें । किसी से मतदान के निमित्त कोई उपहार अथवा नकद ना लें। इस संवैधानिक प्रकिया में धर्म, जाति, स्थान अथवा वर्ण इत्यादि से प्रभावित ना हों।
वे कहते हैं उक्त सभी कल्पनाशील मन की उड़ान मात्र है। हम सभी ऐसे कारकों से कमोबेश प्रभावित होते हैं। सरकारों की कार्यशैली भी पूरे कार्यकाल के दौरान इन्ही कारकों के इर्द गिर्द लोकलुभावनी योजनाएं प्रस्तुत करने तक सीमित रहती है।
इनका मानना है प्रशासन में से ‘प्र’ कहीं लुप्त हो चुका है। रही सही कसर सोशल मीडिया पूरी कर देता है जो आपकी वैचारिक क्षमता, समझ, स्वतन्त्रता को मृतप्रायः कर चुका है। फिर भी आशा है आप लोकतंत्र के पर्व में बिना प्रभावित हुए मतदान की छद्म अवधारणा का पालन करेंगे। मेरी राय में यदि इस दोगले आचरण से बचना है तो मतदान के समय मात्र एक कारक ध्यान रखें वो है “एक राष्ट्र एक धर्म” ।