बाल श्रम उन्मूलन की दिशा में काम करें : आयोग अध्यक्ष
-डॉ. प्रभात कुमार सिंघल, कोटा
बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती संगीता बेनीवाल ने कहा कि अधिकारी बाल संरक्षण के लिए समन्वय से कार्य करते हुए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से पात्र बच्चों को स्वप्रेरणा से लाभान्वित करें।
आयोग अध्यक्ष शनिवार को टैगोर सभागार में विभागवार बाल संरक्षण की दिशा में किये जा रहे कार्यो की समीक्षा करते हुए उपस्थित अधिकारियों को सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि राजस्थान को बालमित्र बनाने की कल्पना को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की सफल क्रियान्विति के साथ प्रत्येक पात्र बच्चा लाभान्वित हो, इसके लिए मिलकर प्रयास करें। उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों में इस तरह के प्रबंध किये जाये कि शिशुओं को बेहतर उपचार मिल सके। साफ -सफाई के साथ कार्मिकों का व्यवहार इस प्रकार हो कि अभिभावक परेशान न हो। उन्हांेने जेकेलोन अस्पताल में उपलब्ध संसाधनों व स्थान का बेहतर उपयोग करने के निर्देश दिये। उन्होंने जिले में बालश्रम उन्नमूलन के लिए सभी होटल, प्रतिष्ठानों को पांबद करने तथा पुनर्वास के लिए प्रयास कर सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने के निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि सभी शैक्षणिक संस्थानों व कार्य स्थलों पर गुड टच-बैड टच के बारे में जागरूकता कार्यक्रम चलाकर गांव-गांव तक संदेश पहुंचाया जाये। उन्हांेने कहा कि पोक्सो एक्ट में भी प्रभावी कार्यवाही कर दोषियों के खिलाफ समय पर चालान पेश कर प्रभावित लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बाल अपराध मे लिप्त बच्चों का पुनर्वास अथवा अपराध उन्नमूलन के लिए भी कार्यवाही करें। उन्होंने भीक्षावृति एवं बालश्रम में पाये जाने वाले बच्चों को बेघर-बेसहारा छात्रावास में रखकर स्किल डवलपमंेट के लिए भी प्रशिक्षित करने के निर्देश दिये। उन्होंने बालिका गृह की व्यवस्थाओं का समय -समय पर निरीक्षण करने, विद्यालयों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम की पालना सख्ती से कराने के निर्देश दिये। उन्होंने विभागवार आयोग के लम्बित प्रकरणों की भी समीक्षा की तथा समय पर निस्तारण कर आम लोगों को राहत पहुंचाने के निर्देश दिये।
जिला कलक्टर उज्जवल राठौड़ ने सभी विभागों को निर्देश दिये कि बाल संरक्षण की दिशा में चलाई जा रही योजनाओं का समय पर लाभ दिलाना सुनिश्चित करें। पुलिस अधीक्षक डॉ विकास पाठक ने बाल अपराधों की रोकथाम के लिए किये जा रहे प्रयासों एवं मानव तस्करी यूनिट द्वारा किये गये कार्यो की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शहर में 40 बच्चे दस्तयाब किये गये है 10 बालश्रम के मुकदमे दर्ज किये गये है। ग्रामीण पुलिस द्वारा 20 बच्चे दस्तयाब कर 8 बालश्रम के मुकदमें दर्ज किये गये है। इस अवसर पर अतिरिक्त कलक्टर सत्यनारायण आमेठा, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज डॉ विजय सरदाना, उप निदेशक महिला एवं बाल विकास कृष्णा शुक्ला, सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष तलत फातिमा, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य हर्पित कौर, बाल संरक्षण इकाई के श्वेता शर्मा, उपायुक्त श्रम प्रदीप झा, चाइल्डलाईन से यज्ञदत्त हाडा़ सहित संबधित अधिकारी उपस्थित रहे।