लाइफस्टाइल

अनामिका छाबड़ा : मिसेज इण्डिया क्वीन आफ सब्सटेन्स 2019 की फाइनलिस्ट

दिल्ली। एक जानी-मानी शिक्षक, उद्यमी तथा बेघर, मानसिक एवं शारीरिक रूप से विकलांग लोगों के लिए काम करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता अनामिका छाबड़ा अब मिसेज इण्डिया क्वीन आफ सब्सटेन्स 2019 की तैयारी में जुटी हैं। वे बहुमुखी व्यक्तित्व का एक उदाहरण हैं जो विशष्टीकृत शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। समाज को जानकारी देना और सशक्त बनाना उनका मुख्य दृष्टिकोण है। वे दिव्यांग बच्चों केे लिए काउन्सिलर की भूमिका भी निभती हैं। समर्पण और सूक्ष्मता उनके खून में दौड़ती है।
‘आज में जियो और इसका सर्वश्रेष्ठ संभव इस्तेमाल करो, ताकि इस दुनिया को हर व्यक्ति के लिए एक बेहतर स्थान बनाया जा सके’ यही उनके जीवन का मूल मंत्र है। एक शिक्षक होने के नाते वे हमेशा से बच्चों से जुड़ी रही हैं। श्री राम स्कूल में इंटर्नशिप के दौरान उन्होंने जाना कि उनका जीवन ‘अंकों और शब्दों’ केे दायरे से कहीं अधिक विस्तारित है। लोग कहते हैं कि अनामिका बड़ी ही आसानी से कुछ खास शिक्षा देती हैं, लेकिन उनका मानना है कि उन्हें हर दिन कुछ नया सीखने का मिलता है। इस बारे में बात करते हुए वे कहती हैं ‘‘मातृत्व एक चुनौती बन जाती है जब आपको महसूस होता है कि आपका बच्चा देर से बोलना सीख रहा है और दूसरे बच्चों की तरह अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पाता, मैंने बच्चों को यही कौशल सिखाने का गुर सीखा। इस दौरान मैंने बच्चों के विकास में आने वाली कई अन्य चुनौतियों को भी पहचाना। मैं विशेष जरूरतों वाले इन बच्चों की मदद करना चाहती थी। मैंनें इन बच्चों को ऐसा प्लेटफाॅर्म उपलब्ध कराने की कोशिश की जो मुझे आज यहां मिसेज इण्डिया क्वीन आॅफ सब्सटेन्स तक लेकर आया है।
उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, ‘‘जब हम जागरुक नहीं होते, हम अपंग हो जाते हैं…….. तो आइए जानकारी का विस्तार करें, आइए जागरुकता फैलाएं और हमारे मन में बनी सीमाओं को दूर करें, अपने दिल में हर व्यक्ति के लिए जगह बनाएं। मैंने आज इस मुकाम पर पहुंची हूं, मुझे अपने आप पर गर्व है कि मैं ऐसी महिला हूं जो अपने आस-पास हर चीज को लेकर जागरुक है।’’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *