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अपोलो हॉस्पिटल्स में विश्व फिजियोथेरेपी दिवस पर चलाया गया फिजियोथेरेपी के जरिए जागरुकता अभियान

नई दिल्ली। विश्व फिजियोथेरेपी दिवस पर दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉ स्पिटल्स ने फिजियोथेरेपी के जरिए जागरुकता अ भियान आयोजित किया। इस दौरान फिजियोथेरेपी और पुनर्वास विभाग की प्रमुख डॉ. सीमा ग्रोवर ने फिजियोथेरेपी के बारे में अहम जानकारियां साझा कीं। उन्होंने बताया कि सूजन संबंधी गठिया से जूझ रहे रोगियों के जीवन में फिजियोथेरेपी की भूमिका काफी अहम है। इसके जरिए रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सूजन संबंधी गठिया, जोड़ों में सूजन पैदा करने वाले ऑटोइम्यून रोगों का एक समूह है जो एक महत्वपूर्ण वैश्विक आबादी को प्रभावित कर रहा है।
2019 में, दुनिया भर में लगभग 18 मिलियन लोगों को रुमेटीइड गठिया था, जिनमें से अधिकांश महिलाएं (70%) और उनमें से सबसे अ धिक 55 वर्ष से अधिक उम्र (55%) वाली थीं। भारत की बात करें तो आबादी के लगभग 0.92% वयस्क इस स्थिति से प्रभावित हैं। इसके अतिरिक्त, एक्सियल स्पोंडिलोआर्थराइटिस की व्यापकता 2019 में प्रति 10 हजार व्यक्तियों में 9 से 30 तक थी, जबकि किशोर सूजन गठिया ने वैश्विक स्तर पर प्रति एक लाख व्यक्तियों में अनुमानित 3.8 से 400 को प्रभावित किया। ये आंकड़े रुमेटोलॉजी और फिजियोथेरेपी में जागरूकता बढ़ाने और नवीन हस्तक्षेपों की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डाल रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य उपस्थित लोगों को गठिया के प्रकारों की गहरी समझ प्रदान करना, मिथकों को दूर करना और सूजन संबंधी गठिया के प्रबंधन में फिजियोथेरेपी की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देना था। इस दौरान कार्यक्रम में प्रतिष्ठित चिकित्सा पेशेवर शामिल हुए जिन्होंने रुमेटोलॉजी में नवीनतम विकास और सूजन संबंधी गठिया को संबोधित करने में एक सहयोगी, बहु-विषयक दृष्टिकोण के महत्व पर अपनी विशेषज्ञता साझा की।
इस चर्चा के बाद “सटीक फिजियोथेरेपी के साथ गति विश्लेषण” का प्रदर्शन किया गया। यह एक ऐसी तकनीक जो जोड़ों और मांसपेशियों की गति का विश्लेषण करने के लिए विशेष उपकरणों का उपयोग करती है। इस सत्र के जरिए लोगों को जानकारी मिली कि कैसे फिजियोथेरेपी सूजन संबंधी गठिया से पीड़ित व्यक्तियों के लिए गतिशीलता और समग्र कल्याण में सुधार करने में योगदान देती है।
अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. प्रताप सी रेड्डी ने टिप्पणी की, “हमारा मानना है कि स्वास्थ्य सेवा को केवल बीमारियों का इलाज नहीं करना चाहिए बल्कि व्यक्तियों को अपने स्वास्थ्य पर नियंत्रण रखने के लिए सशक्त बनाना चाहिए। इस विश्व फिजियोथेरेपी दिवस पर, हम सूजन संबंधी गठिया जागरूकता और सटीक फिजियोथेरेपी को बढ़ावा देने के लिए हाथ मिलाते हैं।” उन्होंने कहा कि हम स्वास्थ्य देखभाल में एक प्रेरक शक्ति के रूप में नवाचार को अपनाते हैं। जागरूकता और सटीकता के माध्यम से, हमारा उद्देश्य सूजन संबंधी गठिया से पीड़ित लोगों की पीड़ा को कम करना और उन्हें अपने जीवन पर नियंत्रण हासिल करने में मदद करना है।”
वहीं इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल नई दिल्ली के प्रबंध निदेशक श्री शिव कुमार पट्टाभिरामन ने कहा, “इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में हम मानते हैं कि सच्ची चिकित्सा मुख्यधारा से एकदम परे है। यह ज्ञान, सशक्तिकरण और प्रभावित लोगों के जीवन में वास्तविक बदलाव लाने के बारे में है। यह जागरूकता कार्यक्रम समग्र स्वास्थ्य देखभाल के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।”
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स, नई दिल्ली की फिजियोथेरेपी और पुनर्वास प्रमुख डॉ सीमा ग्रोवर ने कहा, “हम समग्र स्वास्थ्य देखभाल समाधान और जागरूकता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो बेहतर स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में सुधार की यात्रा पर व्यक्तियों को शिक्षित और सशक्त बनाने के हमारे समर्पण का उदाहरण है। इसके माध्यम से हम सूजन संबंधी गठिया के रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने में सटीक फिजियोथेरेपी और रुमेटोलॉजी हस्तक्षेप के प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाते हैं। हमारा मानना है कि शिक्षा और सहयोग के माध्यम से, हम इस स्थिति से प्रभावित लोगों के जीवन में वास्तविक बदलाव ला सकते हैं।

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