स्वास्थ्य

अत्यधिक मोटे रोगियों के लिए वरदान है एडवांस्ड रोबोटिक सर्जरी

कानपुर। बढ़ते शहरीकरण और जीवनशैली में बदलाव के साथ, जंक फूड खाने जैसी आदतें मोटापे के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार है और इसने महामारी का रूप ले लिया है। यह हमारे देश पर महामारी बोझ बन रहा है। मध्यम आयु वर्ग के लोगों में मोटापा आजकल बहुत आम है। यह मधुमेह, उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारी, नींद की बीमारी, जोड़ों में दर्द, इनफर्टिलिटी जैसी कई गंभीर बीमारियों का मूल कारण है और यह कैंसर की संभावना को भी बढ़ाता है।
आनुवांशिकी, पोषण, जीवनशैली, नींद के पैटर्न और मनोविज्ञान के बीच का संबंध वजन बढ़ाने में योगदान देता है। लोग अक्सर कहते हैं, ‘अपने मुंह को बंद रखें, अपने मुंह पर नियंत्रण रखें, पर्याप्त रूप से सक्रिय रहें’, लेकिन बहुत कम लोग यह जानते हैं कि यह सभी के लिए काम नहीं कर सकता है। वजन के पैमाने पर सही संख्या को बनाये रखना एक कठिन लड़ाई है जिसके लिए लगभग सभी लोग अपने जीवन में संघर्ष करते हैं। वजन प्रबंधन कैलोरी संतुलन से परे है क्योंकि ऐसे कई अन्य कारक भी हैं जो इसके लिए जिम्मेदार होते हैं जिन्हें समझने और जिनका समाधान करने की आवश्यकता है।
साकेत मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सर्जरी विभाग के निदेषक और प्रमुख तथा एडवांस्ड- लैप्रोस्कोपिक, बैरिएट्रिक एवं रोबोटिक सर्जन डॉ. आषिश वषिश्ठ का कहना है कि, ‘‘वजन घटाने के किसी भी प्रयास के लिए मौलिक चीज जीवन शैली में बदलाव करना, संतुलित आहार का सेवन करना और शारीरिक गतिविधि में वृद्धि करना है। हमारी जैविक घड़ी का पालन करना अच्छे स्वास्थ्य और सेहत की कुंजी है। सोने के पैटर्न में बदलाव, जिसके कारण जो लोग गलत समय पर असमय सोते हैं, वे गलत समय पर खाना भी खाते हैैं, जिससे चयापचय में गड़बड़ी होती है। सही समय पर रोजाना 7- 9 घंटे की नींद जरूरी है। मोटापे का इलाज किया जा सकता है। लेकिन इसमें एक गोली को निगलने या आहार पर नियंत्रण से काफी अधिक करने की जरूरत है। इसके लिए डायटिशियन, एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, साइकोलॉजिस्ट, इंटर्निस्ट, कार्डियोलॉजिस्ट, फैमिली डॉक्टर, बैरिएट्रिक सर्जन जैसे विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा समन्वित दृष्टिकोण से युक्त एक बहु-विषयक मूल्यांकन की आवश्यकता होती है। अंतिम उपाय सर्जिकल मैनेजमेंट यानी बैरियाट्रिक सर्जरी है जो निरंतर वजन घटाने और मोटापे से संबंधित सभी बीमारियों में महत्वपूर्ण सुधार के लिए सबसे प्रभावी उपचार विकल्प साबित हुआ है।’’
शहरीकरण और बेहतर आर्थिक स्थिति ने परिवहन के आसानी से उपलब्ध साधनों को जन्म दिया है, जिसके कारण शारीरिक गतिविधि लगभग शून्य हो गई है। इसके अलावा, अधिक कैलोरी युक्त घटकों और कमध्पोषक तत्व रहित आसानी से सुलभ प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ कमर के घेरे को अनिवार्य रूप से बढ़ा देतेे हैं।
डॉ. वशिष्ठ ने कहा, ‘‘बैरिएट्रिक (ओबेसिटी) सर्जरी या वेट लॉस सर्जरी या मेटाबॉलिक सर्जरी में मोटे लोगों पर की जाने वाली कई तरह की प्रक्रियाएँ शामिल हैं। इसमें पेट के एक हिस्से को निकालकर (स्लीव गैस्ट्रेक्टोमी) या छोटी आंतों को पेट की छोटी थैली में रिसेक्ट और रि-रूट करके (गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी ध् वन एनाटोमिसेज गैस्ट्रिक बाईपास) पेट के आकार को कम करके वजन कम किया जाता है।’’
रोबोटिक बैरिएट्रिक सर्जिकल प्रक्रिया की पेशकश वैसे रोगी को की जाती है जिनका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) अधिक हो और मोटापे से संबंधित अन्य समस्याएं हों। रिवाइजन बैरियाट्रिक सर्जरी के मामलों में भी अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं। रोबोटिक प्रणाली के अधिक लाभ तब होते हैं जब इसे गैस्ट्रिक बाईपास के साथ किया जाता है।

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