लाइफस्टाइलस्वास्थ्य

हृदय की ब्लॉकेज में जीवनदान देगा हार्ट पंप ’’इंपेला’’

मुरादाबाद। कार्डियोजेनिक शॉक से पीड़ित मरीज को फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट, ओखला, नई दिल्ली में सफलता पूर्वक नया जीवन मिला। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन कार्डिएक केयर ने देश के पहले सूक्ष्म हार्ट पंप ’’इंपेला’’ का इस्तेमाल कर जीवन के लिए घातक ब्लॉकेज से पीड़ित मरीज को बचाने के लिए ’’प्रोटेक्टेड एंजियोप्लास्टी एंड स्टेंटिंग प्रोसीजर ’’ किया।
यह 55 वर्षीय पुरुष का मामला था जो टाइप-2 डायबिटीज मेलिटस, कोरोनरी आर्टरी डिजीज, गंभीर एलवी डिस्फंक्शन के साथ ट्रिपल वेसेल डिजीज (ईएफ : 20 फीसदी) से पीड़ित थे। मरीज को 31 दिसंबर 2018 को सीने में दर्द और सांस लेने में परेशानी की शिकायतों के साथ फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट में भर्ती कराया गया था। उन्हें क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) में भर्ती कराया गया था और उनकी देखभाल दवाइयों की मदद से की गई। जब उनकी हालत स्थित हो गई और उनका सांस फूलना भी कम हो गया, तब उनकी कोरोनरी एंजियोग्राफी की गई। इससे उन्हें ट्रिपल वेसेल डिजीज होने का पता चला। उन्होंने जल्दी ही रीवैस्क्यूलराइजेशन की जरूरत थी, हालांकि सर्जरी नहीं की जा सकती थी क्योंकि यह अत्यधिक जोखिम वाला मामला था। इसके बाद इंपेला आधारित एंजियोप्लास्टी करने का निर्णय किया गया। इंपेला की मदद से एंजियोप्लास्टी की गई और अब यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद मरीज की तबियत में सुधार हुआ है और उन्हें डिस्चार्ज किया जा चुका है। फिलहाल मरीज अपने घर पर अच्छे से हैं।
डॉ. विशाल रस्तोगी, प्रमुख-हार्ट फेल्योर प्रोग्राम, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट, ओखला, नई दिल्ली ने कहा, ’’डिवाइस ने अत्यधिक जटिल एंजियोप्लास्टी प्रक्रिया और इसके बाद सुधार के दौरान मरीज को स्थिर रखने के लिए हृदय को भरपूर समर्थन दिया। यह अत्यधिक जोखिम से भरपूर एंजियोप्लास्टी थी जिसे बगैर किसी जटिलता के सफलता पूर्वक पूरा किया गया और इस दौरान किडनी और मस्तिष्क को खून की भरपूर आपूर्ति बनाए रखी गई। यह पुष्ट हो गया है कि प्रक्रिया की सुरक्षा में सुधार करने और परिणाम को बेहतर बनाने के लिए यह हृदय का समर्थन करने में सक्षम है। प्रक्रिया पूरी होने या हृदय की हालत में सुधार होने पर इस डिवाइस को बाहर निकाला जा सकता है और हटाया जा सकता है क्योंकि यह कैथेटर की तरह होता है। इसे अनुमति मिल चुकी है और पिछले कुछ वर्षों से अमेरिका और यूरोप में इस्तेमाल किया जा रहा है और अब इसे भारत में पेश किया गया है।’’
डॉ. विशाल रस्तोगी के अनुसार सूक्ष्म हार्टपंप ’’इंपेला’’ का इस्तेमाल करने वाला यह अस्पताल देश में हृदय रोग के मरीजों का जीवन बचाने वाले ऐसे नए और आधुनिक उपचार की पेशकश करने के मामले में पहला है। नई ’’इंपेला डिवाइस’’ ’’दुनिया का सबसे छोटा हार्ट पंप’’ है जो काम करना बंद करते जा रहे हृदय को 7 दिन तक समर्थन दे सकता है और सर्जरी के लिए अत्यधिक जोखिम होने और कोई अन्य विकल्प शेष न रहने पर मरीजों को कई बार यह लंबे समय तक भी मदद दे सकता है।
हाल ही में हुई कॉसमॉस हॉस्पिटल में आयोजित सीएमई में डॉ. विशाल रस्तोगी ने कोरोनरी आर्टरी डिजीज (सीएडी) में गंभीर क्षति को ठीक करने में परक्यूटानियस ट्रांसल्यूमिनल एंजियोप्लास्टी (पीटीसीए) जैसे प्रयासों के विभिन्न पहलुओं के बारे में चर्चा की। इस सीएमई का आयोजन अस्पताल में आधुनिक फ्लैट पैनल जीई कैथ लैब लगाने के अवसर पर किया गया। कार्डिएक प्रयासों के क्षेत्र में आधुनिकता के साथ फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट, ओखला ने हाल ही में मिनिएचर हार्ट इंप्लांट एंजियोप्लास्टी की गई जो देश में पहला था।
इसके साथ ही भारत में पहले ’’हार्ट रिकवरी प्रोग्राम’’ की शुरूआत हुई जहां डिवाइस मरीज के अपने बीमार और कमजोर हृदय को आराम करने, सुधार करने और खुद से काम करने देने में मदद कर सकती है। वास्तव में कई ब्लॉकेज या कमजोर हृदय से पीड़ित मरीजों में जिन में सर्जरी करने का अत्यधिक जोखिम होता है, इंपेला की मदद से सुरक्षित एंजियोप्लास्टी और कई ब्लॉकेज के संपूर्ण री वैस्क्यूलराइजेशन से हृदय के काम करने की क्षमता सुधारने में मदद मिल सकती है और बचने की उम्मीद बढ़ सकती है।
डॉ. विशाल रस्तोगी का कहना है कि ’’इंपेला डिवाइस की मदद के बिना सुरक्षा के साथ इस प्रक्रिया को पूरा करना संभव नहीं था। यह उपलब्धि देश में पहले ’’हार्ट रिकवरी प्रोग्राम’’ की शुरूआत है जहां कमजोर हृदय और कार्डियोजेनिक शॉक से पीड़ित मरीजों को एंजियोप्लास्टी या सीसीयू में मदद दी जा सके जिससे सर्जरी के बिना सूक्ष्म कैथेटर आधारित हृदय पंप प्रत्यारोपित कर हृदय की स्थिति में सुधार हो सके। इस डिवाइस का इस्तेमाल मरीज कोटर्शियरी सेंटर तक पहुंचाने में भी किया जा सकता है जहां उसे बचाने में मदद करने के लिए आधुनिक उपचार उपलब्ध कराया जा सके।’’

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