राष्ट्रीय

देश के शीर्ष डॉक्टर्स ने एक साथ मिलकर पहले एयर काउंसिल का किया गठन

नई दिल्ली । आज, पूरे देश से विभिन्न विशेषज्ञता वाले शीर्ष मेडिकल विशेषज्ञ एयर पॉल्यूशन इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च (एयर) काउंसिल के गठन के लिए शुभारंभ बैठक हेतु मुंबई में एक साथ एकत्रित हुए। काउंसिल का उद्देश्य वायु प्रदूषण से होने वाले स्वास्थ्य खतरों को पहचानकर उन्हें परिभाषित करना और नैदानिक मुद्दे के रूप में स्थापित करना है तथा एक रूपरेखा तैयार करना है कि कैसे एक आम आदमी अपने आप को, अपने परिवार को और समुदाय को इसके बुरे-प्रभाव से सुरक्षित रख सकता है।
इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा के बाद, काउंसिल अपने रिसर्च और ज्ञान के आधार पर एक श्वेत पत्र जारी करेगी, क्लीनिकल वार्तालाप (रोग की पहचान के लिए) के लिए एक संरचना तैयार करेगी और निवारक समाधान पेश करेगी, क्या करें और क्या न करें जिन्हें पूरी दुनिया में लोगों द्वारा अपनाया जा सकता है। वे मरीजों और हेल्थ केयर पेशेवरों के लिए शैक्षणिक सामग्री के विकास में भी मदद करेंगे और दुनिया की मदद करने के लिए आंतरिक जानकारियों को साझा करेंगे ताकि इस समस्या को और अधिक जान लेने से रोका जा सके, जो पहले ही बहुत से जीवन को समाप्त कर चुकी है। काउंसिल का उद्देश्य डॉक्टर्स के साथ ही साथ आम आदमी को शिक्षित करना और सक्षम बनाना है।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, दुनिया की 92 प्रतिशत जनसंख्या ऐसे स्थान पर रहती है जहां वायु गुणवत्ता स्तर डब्ल्यूएचओ की निर्धारित सीमा से अधिक है और 5 साल से छोटे बच्चों के बीच प्रत्येक चार में से एक मौत प्रदूषित वातावरण के कारण होती है। वायु प्रदूषण एक वैश्विक समस्या के तौर पर उभरकर सामने आया है, जो दिनभर सांस लेने और छोड़ने के जरिये प्रत्येक मानव के स्वास्थ्य और जीवन को प्रभावित कर रहा है। भारत के अधिकांश शहरों में प्रदूषण स्तर डब्ल्यूएचओ द्वारा स्वीकृत स्तर से बहुत अधिक है जो प्रतिदिन लाखों लोगों को जीवन पर असर डालता है। डब्ल्यूएचओ की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, वायु प्रदूषण के कारण हर साल तकरीबन 12 लाख लोगों की जान जाती है और दिल्ली भारत का सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर है। ये खतरनाक तथ्य इस तरह की पहल की तुरंत आवश्यकता को पैदा करते हैं ताकि मानव समाज को इसके प्रभाव से बचाया जा सके।

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