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श्रीलंका ने वर्ष 2018 के लिए 440,000 भारतीयों के आगमन का लक्ष्य रखा

नई दिल्ली, निशा जैन । श्रीलंका टूरिज्म ने आज अपनी प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया। इसमें ऐतिहासिक विकास के लिए नए तरीके की घोषणा की है। इसमें ऐतिहासिक विकास के एक रिकार्ड की घोषणा की गई। इसके मुताबिक, 2017 के दौरान भारत से श्रीलंका घूमने आने वालों की संख्या 3,84,628 रही। भारतीय पर्यटकों के लिए अनूठी पेशकशों को समझते हुए डेस्टिनेशन श्रीलंका अब 4,40,000 भारतीय आगमन का लक्ष्य रख रहा है। श्रीलंका का विकास हरेक मौसम के डेस्टिनेशन के रूप में हो रहा है। इसका मतलब यह हुआ कि साल के किसी भी समय श्रीलंका जाया जा सकता है। कोनडे नास्ट ट्रैवलर इंडिया ने इसे वर्ष के उभरते डेस्टिनेशन का पुरस्कार दिया है। इसके अलावा, 2017 में यह एशिया का अग्रणी ऐडवेंचर टूरिज्म डेस्टिनेशन ऑफ दि ईयर रहा है।
यह सर्वेक्षण श्रीलंका टूरिज्म ने किया है। इसकी खास बात यह है कि 63.7 प्रतिषत भारतीय सैर सपाटे पर निकल जाते हैं और 49.82 प्रतिषत खरीदारी के लिए जबकि 41.64 प्रतिषत सी बेदिंग पसंद करते हैं और 32.74 प्रतिषत घंटों स्वीमिंग पूल में गुजारते हैं। 37.01 प्रतिषत भारतीय पर्यटक श्रीलंका के ऐतिहासिक स्थलों पर जाते हैं जबकि वन्य जीवन सिर्फ 21 प्रतिषत लोगों की पसंद होती है। सर्वेक्षण के मुताबिक श्रीलंका जाने वाले भारतीय पर्यटक का संपूर्ण अनुभव 69.1 प्रतिषत के लिए बहुत सुखद रहा है जबकि 30.69 प्रतिषत के लिए यह संतोषजनक रहा है। इसलिए यह कहना सही होगा कि श्रीलंका घूमने आने वाले लगभग 100 प्रतिषत भारतीय का अच्छा और आनंददायक दौरा रहा। सर्वेक्षण की अन्य प्रमुख बातें यह हैं कि 44.84 प्रतिषत भारतीय श्रीलंका की अच्छी यादें लेकर आते हैं और वे इसे एक सुंदर देश मानते हैं, 29.54 प्रतिषत कहते हैं कि श्रीलंका के लोग अच्छे मेजबान हैं। 24.2 प्रतिषत लोग इसके अच्छे समुद्र तट और सुनहरी रेत की चर्चा करते हैं। 24.20 प्रतिषत लोगों ने इस छोटे द्वीप के विविध आकर्षणों को पसंद किया। आज की तारीख में श्रीलंका को 30.25 प्रतिषत भारतीयों पर भारी गर्व है जो देश को अच्छी तरह जानते हैं और बार-बार घूमने आते हैं।
भारत से विकास और संभावनाओं को देखते हुए श्रीलंका टूरिज्म ने 52 ट्रैवेल एजेंट और होटल वालों के साथ एसएटीटीई-2018 में भाग लेने की घोषणा की है। श्रीलंका के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व महामहिम श्रीमती चित्रांगनी वागीश्वर, उच्चायुक्त, श्री फेलिक्स रोड्रिगो, श्रीलंका में पर्यटन विकास के माननीय मंत्री के वरिष्ठ सलाहकार, श्रीलंका टूरिज्म प्रोमोशन ब्यूरो के प्रबंध निदेशक – श्री सुथेस
बालासुब्रमणियम और अन्य वरिष्ठ अधिकारी करेंगे। वैसे तो श्रीलंका के पुराने समुद्र तटों और सांस्कृतिक पहलुओं का पहले से ही भारतीय पर्यटकों द्वारा जायजा लिया जा रहा है पर इस साल की भागीदारी के लिए जो प्रमुख क्षेत्र फोकस में हैं वो फिल्म टूरिज्म, डेस्टिनेशन वेडिंग, धार्मिक और तीर्थयात्रा वाला पर्यटन (रामायण ट्रेल) शामिल है। एसएटीटीई के दौरान श्रीलंका पैवेलियन 2018 में एक टी बार होगा जो सिलोन टी का प्रतिनिधित्व करेगा।
श्री सुथेश बालासुब्रमणियम, प्रबंध निदेशक, श्रीलंका टूरिज्म प्रोमोशन ब्यूरो ने भारत के अपने दौरे के दौरान कहा, ‘भारत अब भी हमारा सर्वोच्च स्रोत बाजार है। हमारा मानना है कि भारतीय यात्रा बाजार की संभावना अभी हासिल होनी है और यह लंबे समय तक ठहरने और ज्यादा खर्च करने वाले पर्यटकों के रूप में होगा।
हमें पूरी उम्मीद है कि श्रीलंका को हम भारतीय पर्यटकों के लिए एशिया का सबसे पसंदीदा डेस्टिनेशन बना पाएंगे। श्रीलंका पर्यटकों को विविधतापूर्ण उत्पाद पेशकशों की श्रृंखला पेश करता है जो इस छोटे द्वीप में फैला हुआ है और हरेक आयु वर्ग की जरूरतें पूरी करता है।’ श्रीलंका एक शिखर का पर्यटन स्थल है और लंबे समय से संरक्षित संस्कृति व विरासतों के लिए एशिया के अजूबे के रूप में जाना जाता है। श्रीलंका में आठ यूनेस्को वर्ल्ड हेरीटेज साइट हैं। और यह सिगिरिया रॉक फोर्ट्स के रूप में विख्यात है। यह पुरानी सभ्यता का उत्तराधिकारी है जिसमें कुछ और आकर्षण प्रदर्शित किया गया है। जो देश की दिलचस्प औपनिवेशक विरासत है।

 

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