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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने डॉ. एससी वत्स की पुस्तक ‘वाइड एंगल : वाइल्ड लाइफ इन पिक्चर्स’ का लोकार्पण किया

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को पुस्तक ‘वाइड एंगल: वाइल्ड लाइफ इन पिक्चर्स’ का विमोचन किया। इसमें वन्यजीवों पर फोटोग्राफ हैं। इस पुस्तका का संपादन डाॅ. एससी वत्स ने किया है। जेटली ने संबोधन में कहा कि वन्यजीवों व उनके रहने के स्थल की संरक्षण करने की ज़रूरत है।
उन्होंने कहा “समाज में सभी लोगों जिनमें बुद्धिजीवी, कार्यकर्ता और सिविल सोसयटी हैं, उन सभी की जिम्मेदारी है कि वे वन्य जीवों व उनके रहने के स्थलों के संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाएं। मानव सभ्यता व जीवन का अभिन्न हिस्सा वन्यजीव व उनके रहने के स्थल हैं।”
उन्होंने कहा “डॉक्टर एससी वत्स ने एक उदाहरण पेश किया है कि कैसे एक व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए वन्यजीवों के संरक्षण के लिए महत्तवपूर्ण योगदान दे सकता है। हालांकि इसमें मुख्य जिम्मेदारी सरकार की है लेकिन हमें यह समझना होगा कि समाज के अन्य सभी हिस्से इस जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकते हैं। अभी वन्यजीव और उनके आवास खतरे में हैं।”
जेटली ने वन्यजीवों के संरक्षण के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों की तारीफ करते हुए कहा “भारतीय राष्ट्रीय वन्यजीव कार्य योजना India’s National Wildlife Action Plan (एनडब्ल्यूएपी) 2017-2031 और सुरक्षित हिमालय में इस बात पर जोर दिया गया है कि आनुवांशिक विविधता का संरक्षण और टिकाऊ विकास किया जाए। एनडब्ल्यूएपी के पांच तत्व, 17 थीम और 103 संरक्षण एक्शन और 250 प्रोजेक्ट्स।”
उन्होंने कहा “पांच तत्व हैं – वन्यजीव व उनके आवासों को मजबूत करना व समन्वित प्रबंधन को बढ़ावा देना, क्लाइमेट चेंज में बदलाव को स्वीकार करते हुए भारत की जलीय विविधता के लिए टिकाऊ समन्वित प्रबंधन को बढ़ावा देना, इको टूरिज्म को बढ़ावा देना, प्रकृति के बारे में शिक्षा देना व सहभागिता का प्रबंधन, वन्यजीवों पर शोध को बढ़ावा देना और वन्यजीव के संरक्षित इलाकों में मानव संसाधन के विकास पर नजर रखना और भारत में वन्यजीवों के संरक्षण के लिए नीतियों व संसाधनों को लागू करना है। इस कार्ययोजना से विकास की योजना के दौरान वन्यजीव के संरक्षण में मुख्य तौर पर मदद मिलेगी।”
इससे पहले डॉक्टर वत्स ने कहा कि उनका एक छोटा सा प्रयास है। लेकिन उन्हें विश्वास है कि सभी लोग एक साथ आकर भारत की बहुमूल्य जैव विविधता का संरक्षण करेंगे व इसे और बेहतर करेंगे।
डाक्टर वत्स ने कहा “यह हम सभी की बहुत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है कि हम अपने बहुमूल्य वन्यजीवों को संरक्षण केवल अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए ही न करें बल्कि अपनी इस पीढ़ी के लिए भी करें।” डॉक्टर वत्स को नई दिल्ली में वेकानन्द इंस्टीच्यूट आफ प्रोफेशनल स्टडीज की स्थापना और जिम्मेदार लेजिस्लेटर के रूप में जाना जाता है। लेकिन उन्होंने कैमरे से भी बहुत योगदान दिया है जो वाइड एंगल रू वाइल्ड लाइफ इन पिक्चर्स’ में बखूबी प्रमाणित हो रही है।
डाक्टर वत्स ने कहा “यह किताब बताती है कि युवा पीढ़ी अपने बुजर्गों से मिली विरासत को किस प्रकार आगे बढ़ा सकती है। यह किताब हमें बताती है कि शिक्षा के बारे में स्वामी विवेकानन्द की सीखों को किस तरह अभ्यास में लाया जाए। यह किताब हमें वन्यजीवन के संरक्षण के प्रति सक्रिय रहने के लिए प्रोत्साहित करती है।,”
डॉक्टर वत्स ने यह भी घोषणा की कि किताब से प्राप्त की गई राशि को टाइगर कंजर्वेशन फंड के लिए अनुदान में दिया जाएगा। उन्होंने कहा ‘मुझे जो कुछ भी प्रकृति से प्राप्त हुआ है, वह मैं इसे वापस देना चाहता हूं।’
पुस्तक के सह संपादक डॉक्टर सिद्धार्थ मिश्रा ने कहा “डॉक्टर वत्स की अतुलनीय पिक्चर्स वन्यजीवन के संरक्षण का संदेश देती हैं जो शोधपूर्ण लेखों के साथ बुनी गई हैं। इस किताब में बेहतरीन फोटोग्राफ और शानदार विवरण है जो पाठकों को बताता है कि शिक्षा पर स्वामी विवेकानन्द की सीखों को किस प्रकार अभ्यास में लाया जाए।”
श्री मिश्रा ने कहा “स्वामी विवेकानन्द को इससे अच्छी श्रद्धांजलि और क्या होगी कि इस किताब का विमोचन 1893 में शिकागो में पार्लियामेंट ऑफ वर्ल्ड रिलीजन्स को उनके संबोधन की 125वीं वर्षगांठ पर किया जा रहा है।”

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