राष्ट्रीय

राज्यसभा में उठा इंजीनियरों के स्वयं सहायता समूह का मामला

नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने जम्मू कश्मीर में इंजीनियरों के स्वयं सहायता समूह को समाप्त कर देने से 15 हजार इंजीनियरों से काम छिन जाने का मुद्दा बुधवार को उठाया और सरकार से पुरानी व्यवस्था को बहाल करने की मांग की। राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान आजाद ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि 2003 में कांग्रेस और पीडीपी की गठबंधन सरकार ने बेरोजगार इंजीनियरों को काम देने के लिए ‘‘इंजीनियर स्वयं सहायता समूह’’ प्रणाली की शुरूआत की थी। आजाद ने कहा कि इस व्यवस्था के तहत इन समूहों को विकास कार्य में ठेके दिए जाते थे और उनके लिए आरक्षण की भी व्यवस्था की गयी थी। लेकिन चार दिन पहले सरकार ने पुरानी व्यवस्था खत्म कर दी जिससे 15 हजार इंजीनियर सड़क पर आ गए हैं। उन्होंने केंद्र से पुरानी प्रणाली बहाल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि 13 महीने पहले जम्मू कश्मीर को विभाजित करने और उसका दर्जा घटाए जाने के बाद से वहां आर्थिक गतिविधियां ठप हो गयी हैं। पर्यटन के प्रभावित होने के साथ ही रोजगार के मौके भी खत्म हो गए हैं। शून्यकाल में ही कांग्रेस के पी भट्टाचार्य ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में होमियोपैथी की कुछ दवाइयों के उपयोगी होने का जिक्र किया। उन्होंने होमियोपैथी हेल्पलाइन शुरू किए जाने की मांग करते हुए कहा कि सरकार को इस बात पर गौर करना चाहिए कि कोरोना वायरस से बचाव में कुछ होमियोपैथी दवाइयां काफी उपयोगी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को होमियोपैथी टीका विकसित करने पर और इस क्षेत्र में अनुसंधान पर जोर देना चाहिए। उन्होंने होमियोपैथी अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाने का भी आग्रह किया। भट्टाचार्य ने कहा कि संसद के दोनों सदनों के कुछ सदस्य भी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और मौजूदा स्थिति काफी चिंताजनक है। टीआरएस के बी लिंगैया यादव ने किसानों से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का दायरा बढ़ाने की मांग की। शून्यकाल में ही अगप के वीरेंद्र प्रसाद वैश्य ने 27 मई से ही असम के बागजान में गैस कुएं में लगी आग का मुद्दा उठाया और इससे जानमाल की क्षति के साथ ही पर्यावरण को हो रहे नुकसान का जिक्र किया।

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