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राम मंदिर का निर्माण मोदी जी के मजबूत और निर्णायक नेतृत्व को दर्शाता है : अमित शाह

अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार दोपहर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए आधारशिला रखी। शिला में नंदा, भद्रा, जया, रिक्ता, पूर्णा, अजिता, अपराजिता, शुक्ला व सौभाग्यनी शामिल हैं। पूजन के बाद इन शिलाओं को राम मंदिर में सुरक्षित रखा जाएगा। पुनः नींव के लिए गर्भगृह का गहराई में उत्खनन होने पर रामलला के सिंहासन के ठीक नीचे इन्हें रखवाया जाएगा। इससे पहले पीएम मोदी राम जन्मभूमि मंदिर के शिलान्यास के लिए बुधवार को अयोध्या पहुंचे। उन्होंने पहले हनुमानगढ़ी पहुंचकर हनुमान जी की पूजा-अर्चना की और फिर राम जन्मभूमि क्षेत्र पहुंचकर भगवान राम को दंडवत प्रणाम किया। उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी थे। पारंपरिक धोती-कुर्ता पहने मोदी को हनुमानगढ़ी मंदिर के मुख्य पुजारी ने एक पटका भेंट किया। मंदिर में कुछ देर पूजा-अर्चना करने के बाद मोदी राम जन्मभूमि क्षेत्र के लिए रवाना हो गए। राम जन्मभूमि पहुंचकर प्रधानमंत्री ने भगवान राम को दंडवत प्रणाम किया और वहां पारिजात का पौधा लगाया।
शिलान्यास के अवसर पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज का दिन भारत के लिए एक ऐतिहासिक व गौरवपूर्ण दिन है। प्रभु श्री राम की जन्मभूमि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भव्य राम मंदिर का भूमि पूजन व शिलान्यास किया गया, जिसने महान भारतीय संस्कृति व सभ्यता के इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय लिखा है और एक नए युग की शुरुआत की है।
अयोध्याजी में राम मंदिर निर्माण सदियों से दुनिया भर के हिंदुओं की आस्था का प्रतीक रहा है। आज पीएम मोदी और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने राम मंदिर का भूमिपूजन करके करोड़ों लोगों की आस्था को सम्मान देने का काम किया है, इसके लिए मैं उनका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
प्रभु श्री राम जी के आदर्श एवं विचार भारतवर्ष की आत्मा में बसते हैं। उनका चरित्र एवं जीवन दर्शन भारतीय संस्कृति की आधारशिला है। राम मंदिर निर्माण से यह पुण्यभूमि अयोध्याजी पुनः विश्व में अपने पूर्ण वैभव के साथ जग उठेगी। धर्म और विकास के समन्वय से रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।
इस भव्य प्रभु श्री राम मंदिर का निर्माण पीएम मोदी के मजबूत और निर्णायक नेतृत्व को दर्शाता है। इस अविस्मरणीय दिन पर सभी भारतवासियों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। मोदी सरकार भारतीय संस्कृति और उसके मूल्यों की रक्षा व संरक्षण के लिए हमेशा कटिबद्ध रहेगी। प्रभु श्री राम मंदिर निर्माण असंख्य नाम-अनाम रामभक्तों के सदियों के निरंतर त्याग, संघर्ष, तपस्या और बलिदान का परिणाम है। आज के दिन मैं उन सभी तपस्वियों को नमन करता हूँ जिन्होंने इतने वर्षों तक सनातन संस्कृति की इस अमूल्य धरोहर के लिए संघर्ष किया। जय श्री राम!

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