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केंद्रीय शिक्षा मंत्री महोदय द्वारा उत्कृष्ट संकाय सदस्यों और अभिनव छात्रों को पुरस्कार प्रदान किए गए

नई दिल्ली। इन पुरस्कारों को अभातशिप द्वारा असाधारण शिक्षकों की पहचान करने और उन्हें सम्मानित करने, उनकी उत्कृष्टता, सर्वोत्तम प्रथाओं, छात्रों के बीच नवीनता और रचनात्मकता और संस्थानों के बीच पर्यावरण संवेदनशीलता को पहचानने के लिए प्रारंभ किया गया है।
माननीय केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान जी के साथ शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह जी ने इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में 17 संकाय सदस्यों को अभातशिप विश्वेश्वरैया सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया, जबकि 3 संकाय सदस्यों को प्रबंधन शिक्षा में डॉ. प्रीतम सिंह सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मंत्री महोदय ने सभी पुरस्कार विजेताओं के साथ बातचीत की और समाज में उनके योगदान की सराहना की। छात्रों द्वारा प्रदर्शित परियोजनाओं का दौरा करते हुए, उन्होंने छात्र विश्वकर्मा पुरस्कार की टीमों की अभिनवता और प्रयासों की प्रशंसा की और भारत के उज्ज्वल भविष्य में विश्वास व्यक्त किया।
अभातशिप विश्वेश्वरैया सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार और डॉ. प्रीतम सिंह पुरस्कार 2021 पर प्रकाश डालते हुए, मंत्री महोदय ने कहा कि इसका उद्देश्य मेधावी संकायों को सम्मानित करना और उन्हें वैश्विक स्तर पर उच्च शिक्षा की लगातार बदलती जरूरतों के लिए स्वयं को अद्यतन करने के लिए प्रोत्साहित करना है। और इस प्रकार ज्ञान समाज में प्रभावी योगदानकर्ता बन जाना है। डॉ. प्रीतम सिंह सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार इसी वर्ष प्रारंभ किया गया है जोकि प्रबंधन शिक्षा में शिक्षण उत्कृष्टता और संस्थागत नेतृत्व का प्रदर्शन करने के लिए संकाय सदस्यों को प्रदान किया जाता है।
उन्होंने कहा, ‘सदियों से हमारा भाग्य हमारे हाथ में नहीं था। पर जब आज हम आजादी के 75 वर्ष पूर्ण कर रहे हैं तो हम महसूस कर सकते हैं की हमारे पास नया भारत बनाने की इच्छाशक्ति मौजूद है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से भारत में शैक्षिक क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आएगा और माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विजन 2047 के अनुसार अगले 25 वर्षों के लिए मार्ग प्रशस्त होगा । शिक्षा का उद्देश्य हमें अधिक जिम्मेदार बनाना है जिससे हम एक अच्छे वैश्विक नागरिक बन सकें। इसके लिए मैं इन 4 पुरस्कारों की स्थापना के लिए एआईसीटीई को बधाई देना चाहता हूं। इन पुरस्कारों ने शिक्षकों के प्रयासों को मान्यता देने के अलावा नवाचार की भी अलख जगाई है।’
माननीय मंत्री महोदय ने छात्रों, संकाय सदस्यों और संस्थानों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए परिषद की नवीन योजनाओं, जैसे कि अटल, एनआईटीटीटी, आईडिया लैब, छात्राओं के लिए प्रगति छात्रवृत्ति योजना, विशेष रूप से दिव्यांग छात्रों के लिए सक्षम छात्रवृत्ति योजना, छात्रों को सशक्त बनाने के लिए, कोविड-19 महामारी से एक अथवा दोनों अभिभावकों के कालग्रस्त हो जाने के कारण अनाथ हुए बच्चों, सैन्य कार्रवाई में शहीद हुए केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों और सशस्त्र बलों के बच्चों हेतु “सनाथ” योजनाओंय छात्रों के लिए छात्रावास के निर्माण के लिए कैफे योजना और प्रयोगशालाओं के आधुनिकीकरण के लिए मोडरोब योजनाओं हेतु आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृति योजना (पीएमएसएसएस) जैसी योजनाएं जम्मू और कश्मीर, लद्दाख में छात्रों तक पहुंचती हैं। इनोवेशन एंबेसडर प्रोग्राम श्युवाओं के मस्तिष्क में नवोन्मेष के विचार उत्पन्न करेगा। उन्होंने अभातशिप को 11 क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम उपलब्ध करने हेतु, क्षेत्रीय भाषाओं में तकनीकी पुस्तक लेखन, अटल अकादमी में अग्रणी और अपने पोर्टल के माध्यम से छात्रों को 6 लाख से अधिक इंटर्नशिप प्रदान करने के लिए बधाई दी।
अभातशिप उद्यमिता और नवाचार की बढ़ती संस्कृति का समर्थन करने के लिए विभिन्न कदम उठा रहा है। अभातशिप – छात्र विश्वकर्मा पुरस्कार ऐसी ही एक पहल है। ये पुरस्कार भारत में निर्माण प्रथाओं के शासक देवता भगवान विश्वकर्मा द्वारा संरक्षित इंजीनियरिंग और सृजन की भावना से प्रेरित हैं। इस प्रकार यह पुरस्कार हमारे छात्रों को सामाजिक चुनौतियों को देखने के लिए एक मंच प्रदान करने का एक साधन है, जिसका उद्देश्य नवीन और कम लागत वाले समाधान प्रदान करना है। इस वर्ष फिर से परिषद ने ‘इंडियाज इकोनॉमिक रिकवरी पोस्ट कोविडरू रिवर्स माइग्रेशन एंड रिहैबिलिटेशन प्लान, आत्मनिर्भर भारत’ विषय के साथ छात्र विश्वकर्मा पुरस्कार 2020 की घोषणा की।
छात्रों की 24 टीमों को सम्मानित किया गया है और उनके पुरस्कार विजेता मॉडल प्रदर्शित किए गए हैं। छात्रों ने विभिन्न सामाजिक-आर्थिक मुद्दों के लिए बहुत उपयोगी और रचनात्मक समाधान विकसित किए हैं। इन छात्रों का जोश, उत्साह, अभिनवता और कड़ी मेहनत निकट भविष्य में भारत को नवीन विचारों को उत्पन्न करने का केंद्र बिंदु बनाएगी।
चयनित तकनीकी संस्थानों को स्वच्छ एंड स्मार्ट कैंपस अवार्ड, 2020 भी प्रदान किया गया है। पुरस्कार का उद्देश्य सभी हितधारकों, मुख्य रूप से छात्र समुदाय के साथ जुड़ाव की तलाश करना है, ताकि स्वच्छ भारत अभियान के अनुरूप स्वच्छता, स्थिरता और पर्यावरण आदि जैसे अमूर्त उद्देश्यों पर प्रौद्योगिकी की व्यापक गुंजाइश और क्षमता की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया जा सके। विजेता संस्थानों ने पर्यावरण के लिए बहुत चिंता और प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है। सभी संस्थानों को अपनी गतिविधियों को स्थायी, स्वच्छ और हरित पर्यावरण नीति के साथ संरेखित करना चाहिए।
सभी पुरस्कारों के लिए भारी प्रतिक्रिया प्राप्त हुई थी। विशिष्ट शिक्षाविदोंध्विशेषज्ञों की एक गठित समिति द्वारा कठोर, समग्र मूल्यांकन मानदंडों पर प्रस्तावों को शॉर्टलिस्ट किया गया था, जिन्होंने शिक्षण प्रभावशीलता, अभिनवता और अनुसंधान, अकादमिक नेतृत्व और सामुदायिक आउटरीच के विभिन्न मानकों पर प्रतिभागियों का मूल्यांकन किया था।
इस अवसर पर बोलते हुए शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने छात्रों और अन्य सभी हितधारकों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि इस तरह का प्रोत्साहन विभिन्न शिक्षण समुदायों को प्रभावित करेगा, जो उन्हें छात्रों को त्रुटिहीन शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रेरित करेगा।’
शिक्षा मंत्रालय के सचिव, श्री अमित खरे ने कहा, ‘‘इस शिक्षक दिवस पर, मैं अपनी ओर से और शिक्षा मंत्रालय की ओर से भारत में पूरे शिक्षण समुदाय को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। भले ही हम अपने शिक्षकों को जीवन भर याद करते हैं, आज एक विशेष दिन है क्योंकि यह हमारे माननीय पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जन्म जयंती है ।“
अभातशिप के अध्यक्ष प्रो. अनिल डी सहस्रबुद्धे, उपाध्यक्ष प्रो.एम. पी. पूनिया और सदस्य सचिव प्रो. राजीव कुमार ने भी कार्यक्रम के दौरान पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों के महत्व पर प्रकाश डाला।

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