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सरहदों को लांघकर और कोरोना वायरस के डर से ऊपर उठकर 103 देशों के विजिटर्स ने दिल्ली बुक फेयर में वर्चुअली भाग लिया

दिल्ली। कोरोना संकट के दौर में इस वर्ष का दिल्ली बुक फेयर-2020 पहली बार विशाल पैमाने पर 30, 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को वर्चुअली आयोजित किया गया। पहले इस मेले का आयोजन शनिवार तक होना था, लेकिन पाठकों के जबर्दस्त रेस्पांस को देखते हुए यह बुक फेयर रविवार 1 नवंबर को आधी रात तक बढ़ा दिया गया। वर्चुअल दिल्ली बुक फेयर 2020 अब तक का विश्व का सबसे बड़ा डिजिटल बुक फेयर है। विजिटर्स की संख्या में वर्चुअल दिल्ली पुस्तक मेले ने जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में वर्चुअल रूप से आयोजित पुस्तक मेले को पीछे छोड़ दिया है। इस बुक फेयर में 103 देशों के 2 लाख से ज्यादा पुस्तक प्रेमियों ने भाग लिया। फेडरेशन ऑफ इंडियन पब्लिशर्स की ओर से प्रायोजित दिल्ली बुक फेयर पुस्तक मेले का आयोजन प्रगति ई-प्लेटफॉर्म पर किया गया। इन 2 दिनों में 2 लाख से ज्यादा पुस्तक प्रेमियों ने अपनी मन-पसंद किताबों की खरीद कम दामों पर की। वार्षिक दिल्ली पुस्तक मेले का यह 26वां संस्करण है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को इसका उद्घाटन किया था।
भारतीय प्रकाशक संघ (एफआइपी) और कैपेक्सिल द्वारा आयोजित व कराड़ी पाथ लर्निग द्वारा प्रायोजित इस पुस्तक मेले ने पाठकों को विविध विषयों की तमाम पुस्तकों और प्रकाशकों से जोड़ा। अमेरिका के 4,000 और जर्मनी के 2500 से ज्यादा पुस्तक प्रेमियों ने वर्चुअल बुक फेयर में हिस्सा लिया। प्रगति मंच पर डिजिटल रूप में आयोजित पहले वर्चुअल दिल्ली बुकफेयर 2020 ने सरहदों की लांघकर और कोरोना वायरस के डर से ऊपर उठकर 103 देशों के विजिटर्स ने भाग लिया। इस मेले ने सफलतापूर्ण ढंग से पुस्तक प्रेमियों, लेखकों और एग्जिबिटर्स को पाठकों से सीधे तौर पर जुड़ने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म प्रगति-ई दिया। इस पुस्तक मेले के डिजिटल फॉर्मेट में 100 से ज्यादा एग्जिबिटर्स की 9000 से ज्यादा पुस्तकें प्रकाशित की गई। इसमें ढेर सारी किताबें, रिसर्च पेपर और जर्नल पाठकों के सामने रिलीज की गई और बुक प्रमोशन इवेंट भी हुए।
बुक फेयर में ऑनलाइन लिटरेचर फेस्टिवल का भी आयोजन किया गया, जिसमें 100 से ज्यादा लेखकों, वक्ताओं और इंडस्ट्री एक्सपटर्स ने पब्लिशिंग इंडस्ट्री से संबंधित महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों और चुनौतियों पर प्रकाश डाला। पुस्तक मेले में मनीष तिवारी, प्रतिभा प्रहलाद, शिव खेरा, ऋषि नित्यप्रज्ञा और कई अन्य वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए।
मशहूर लेखक शिव खेरा ने कहा, “कोरोना वायरस के खतरे और इसके कारण लेखकों और प्रकाशकों पर आए खतरे और संकट को कम नहीं आंकना चाहिए। हमें अपनी संघर्ष करने और जीतने की ताकत को भी कम नहीं आंकना चाहिए। हम निश्चित रूप से इससे जीतेंगे। इस खतरे ने हमारे जीवन को तीन तरीकों से प्रभावित किया है। इस खतरे ने लेखकों की जिंदगी, उनकी आय के जरिए और लाइफस्टाइल पर प्रभाव डाला है।“
कैबिनेट मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कॉलेज, यूनिवर्सिटीज, छात्रों और टीचरों से इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने की अपील की। उन्होंने फेडरेशन ऑफ इंडियन पब्लिशर्स और प्रगति-ई के प्लेटफॉर्म को इस पुस्तक मेले को आयोजित करने के लिए बधाई दी।
वर्चुअल दिल्ली पुस्तक मेले के फेयर कार्टून नेटवर्क और पोगो को अपनी मजेदार प्रतियोगिताओं के लिए काफी सराहना मिली। कहीं आप इस पुस्तक मेले में बेमिसाल और दुर्लभ पुस्तकों में मिल रही डिस्काउंट का लाभ उठाने से चूक न जाएं। इसलिए जल्दी कीजिए।

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