राजनीति

सिख शहीदों को आतंकवादी बताने की हरसिमरत ने भूल की : मनजीत सिंह जीके

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के द्वारा जून 1984 में हुए आॅपरेशन ब्लूस्टार के दौरान मारे गए सिखों को कथित तौर पर आतंकवादी बताने पर दिल्ली कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने आपत्ति जताई हैं। दरअसल हरसिमरत ने न्यूज एजेंसी एएनआई को 6 जून को दिए गए इन्टरव्यू में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के द्वारा ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गट थैचर को श्री दरबार साहिब पर हमले से 1 वर्ष पहले मांगे गए सामरिक व रणनीतिक सहयोग का हवाला देते हुए कांग्रेस से सवाल पूछा था कि ‘वहाँ पर आतंकवाद जाएंगे, होंगे, यह 1 साल पहले इंदिरा गांधी को कैसे पता चल गया था’ ?
साथ ही हरसिमरत ने कहा था कि ‘वहाँ पर टैरारिस्ट को निकाला जाए, आपका मकसद था, सबको इनको पहले जाने दिया, सिख कौम पर टैरारिस्ट का धब्बा लगाया’। हरसिमरत के ब्यान को सिख शहीदों का अपमान बताते हुए जीके ने कहा कि 4 जून को हरसिमरत अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट डालकर आॅपरेशन ब्लूस्टार के शहीदों को श्री अकाल तख्त साहिब के अदब के लिए अपने आपको कुर्बान करने वाला बताकर, घटना को तीसरे धल्लूधारे(कत्लेआम) के तौर पर परिभाषित करती हैं। पर 6 जून को यह शहीद आतंकवादी हो जाते हैं।
जीके ने कहा कि हरसिमरत ने जल्दबाजी में कांग्रेस सरकार के हमले की थ्योरी को स्वीकार करके कांग्रेस सरकार को भी अपराध मुक्त करने के साथ ही सिखों को आतंकवादी बताने कि भूल की हैं। जबकि सैन्य कार्यवाही के दौरान मारे गए लोगों में बड़ी गिनती निर्दोष बच्चों व महिलाओं की थी, जिन्हें बिना सोचें हरसिमरत ने आतंकी बता दिया हैं। इसलिए श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को संज्ञान लेकर हरसिमरत पर कार्यवाही करनी चाहिए, क्योंकि केंद्रीय मंत्री ने यह मान लिया हैं कि श्री दरबार साहिब में आतंकवादी थे, मतलब इंदिरा गांधी के दावे पर मुहर लगा दी।
जीके ने कहा कि हरसिमरत को संगत के सामने यह साफ करना चाहिए कि कौम के शहीदों को उन्होंने आतंकवादी कैसे बताया, वो भी तब जब आप पंथक पार्टी की सांसद हों।जीके ने एक अकाली नेता के द्वारा 4 जून को पहले इस घटना के लिए मौजूदा केंद्र सरकार को सिखों से माफी मांगने तथा घटना की जांच के लिए एसआईटी बनाने की वकालत करने वाले दिए गए ब्यान से 6 जून को पैर पीछे खिंचने का भी दोष लगाया।
जीके ने दावा किया कि कल अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलने गए प्रतिनिधिमंडल ने इस मामले पर कोई बात नहीं की। क्योंकि गृहमंत्री को दिए गए ज्ञापन व मीडिया को जारी ब्यान में इसका जिक्र नहीं हैं। जीके ने पूछा कि क्या अकाली नेताओं की आॅपरेशन ब्लूस्टार में संदिग्ध रहीं भूमिका इस यू-टर्न का कारण हैं? या उक्त नेता पार्टी लाईन से बाहर कुछ भी बोलने के लिए आजाद हैं?
जीके ने हरसिमरत के ब्यान को पंजाब में पार्टी के खिसकते पंथक आधार तथा बढ़ते राष्ट्रवादी आधार के बीच सामंजस्य बिठाने की नाकाम कोशिश भी बताया। साथ ही कहा कि पार्टी की तरफ से सोशल मीडिया पर वाहवाही लेने के लिए बड़ी घोषणाएँ की जाती हैं, पर अमल के समय बातें हवा-हवाई हो जाती हैं।

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