चंबल रिवर फ्रंट का लोकार्पण शीघ्र, दो दिन का होगा समारोह, मंत्री मंडल रहेगा मौजूद
डॉ.प्रभात कुमार सिंघल
कोटा। हेरिटेज लुक में बने चंबल रिवर फ्रंट की सौगात शीघ्र मिलेगी। नगरी विकास और स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने यह घोषणा विश्व विरासत दिवस के पूर्व दिवस पर कोटा में की। उन्होंने कहा संभवतः मई के अंतिम सप्ताह में दो दिन का लोकार्पण समारोह अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ आयोजित किया जाएगा। इस दौरान सरकार का पूरा मंत्री मंडल मौजूद रहेगा। उन्होंने कहा हेरिटेज रिवर फ्रंट विश्व स्तरीय स्मारकों का आधुनिक पर्यटक स्थल होगा जो विश्व के सैलानियों को लुभाएगा।
चम्बल नदी पर बना रिवर फ्रंट हैरिटेज होने के साथ विश्वस्तरीय स्थापत्यकला को अपने में समेटे हुए है। तीन साल के कम समय में 6 किमी लम्बाई में बना यह रिवर फ्रंट विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में कोटा की पहचान बनेगा। रिवर फ्रंट की लागत 1200 करोड़ रुपया है और इसमें 24 घाट और 2 वाटर पार्क बनाए गए हैं। खासियत यह भी है की 8 विश्व स्तरीय स्मारक भी इसकी शोभा हैं। वर्षो से पर्यटन में उपेक्षित हाड़ोती का यह पर्यटन स्थल केंद्रीय आकर्षण बन कर इस क्षेत्र के पर्यटन के नए द्वार खोलेगा।
नगरी विकास और स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल सोमवार को चम्बल रिवरफ्रंट के विकास कार्यों का अधिकारियों के साथ अवलोकन करते हुए मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि हमारी आशा से भी कहीं अधिक खूबसूरत बना है। दुनिया के पहले हेरिटेज रिवर फ्रंट का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। कड़ी मेहनत और समर्पण से इस इस विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल को विकसित किया गया है।
उन्होंने कहा कि रिवरफ्रंट कोटा की अर्थव्यवस्था को न सिर्फ गति प्रदान करेगा बल्कि रोजगार के भी बड़े साधन भी स्थापित होंगे। स्थानीय युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार का माध्यम बनेगा। स्वायत्त शासन मंत्री ने नयापुरा साइट पर निर्मित की गई खूबसूरत बावड़ी , सिंह घाट, फव्वारा चौक, साहित्य घाट, वाटर पार्क, वर्ल्ड हेरिटेज बिल्डिंग्स, बैराज गार्डन सहित रिवरफ्रंट के ईस्ट साइड में विकसित किए गए विभिन्न घाटों का जायज़ा लिया।
रिवरफ्रंट के दोनों साइडों पर विकसित की गई खूबसूरत हेरिटेज लुक के साथ आधुनिक तकनीकी का समावेश करते हुए तैयार किये गये विश्व स्तरीय स्मारकों को देखकर मंत्री धारीवाल ने प्रसन्नता जाहिर की और शेष कार्य समय पर पूर्ण करने को अधिकारियों से कहा। विश्व स्तरीय फव्वारा, योग करता साधक एवं घंटे के निर्माण की जानकारी भी ली। उनका कहना था कि नदी में भ्रमण के समय पर्यटकों को दोनो घाटों पर आधुनिक तकनीकी के समावेश को देखने का भी कौतुहल बना रहेगा।