टेक्नोलॉजी

कॅरियर की अपार संभावनाएं हैं चिप डिजाइनिंग में

आज चिप डिजाइनर की हर सेक्टर में काफी डिमांड है, फिर चाहे वह ऑटोमोबाइल सेक्टर हो या कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक या रोजाना की जिंदगी सभी में चिप्स का रोल बढ़ता जा रहा है, मोबाइल, टीवी रिमोट और डिश वॉशर्स में चिप का इस्तेमाल हो रहा है, ऐसे में चिप डिजाइनर्स की डिमांड होना स्वाभाविक है। आप इस इंडस्ट्री से डिजाइन इंजीनियर, प्रोडक्ट इंजीनियर, टेस्ट इंजीनियर, एप्लीकेशन/सिस्टम्स इंजीनियर, प्रॉसेस इंजीनियर, पैकेजिंग इंजीनियर, सीएडी इंजीनियर आदि के रूप में जुड़ सकते हैं। अगर आप इंजीनियरिंग कर रहे हैं और टेक्निकल के साथ-साथ कोई चैलेंजिंग और क्रिएटिव वर्क भी करना चाहते हैं, तो चिप डिजाइनिंग में करियर बना सकते हैं। चिप सिलिकॉन का एक छोटा और पतला टुकड़ा होता है, जो मशीनों के लिए इंटीग्रेटेड सर्किट बेस का काम करता है। जरूरी योग्यता चिप इंडस्ट्री में मुख्य कार्य डिजाइन, प्रोडक्शन, टेस्टिंग, एप्लीकेशंस और प्रॉसेस इंजीनियरिंग से जुड़ा होता है। इस क्षेत्र से जुडने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स, टेली कम्यूनिकेशन या कम्प्यूटर साइंस में बीई या बीटेक की डिग्री होनी जरूरी है।
कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर के साथ हार्डवेयर की पर्याप्त नॉलेज होती है, उनके लिए भी इसमें काफी मौके हैं जो लोग इस फील्ड में आना चाहते हैं। उन्हें टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट्स से अपडेट रहना होगा और लेटेस्ट इनोवेशंस की जानकारी रखनी होगी। आईसी से संबंधित जानकारी के अलावा आपको असेम्ब्ली लेवल प्रोग्रामिंग व सी प्रोग्रामिंग का भी ज्ञान जरूरी है। इलेक्ट्रॉनिक स्ट्रीम के स्टूडेंट्स, जिनकी मैथमेटिकल और एनालिटिकल स्किल स्ट्रॉन्ग होती है, वे कामयाब चिप डिजाइनर बन सकते हैं। वैसे, जिन्हें कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर के साथ हार्डवेयर की पर्याप्त नॉलेज होती है, उनके लिए भी इसमें काफी मौके हैं। जो लोग इस फील्ड में आना चाहते हैं, उन्हें टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट्स से अपडेट रहना होगा और लेटेस्ट इनोवेशंस की जानकारी रखनी होगी। वहीं, कम्युनिकेशन और टीम में काम करने जैसी पर्सनल स्किल्स भी जरूरी हैं।
एम.टेक एम्बेडेड सिस्टम टेक्नोलॉजी एम.टेक एम्बेडेड सिस्टम डिजाइन एम.टेक माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स और वीएलएसआई डिजाइन एम.टेक वीएलएसआई डिजाइन, एम.टेक वीएलएसआई डिजाइन और एम्बेडेड सिस्टम वीएलएसआई और एम्बेडेड सिस्टम में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा वीएलएसआई डिजाइन में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा (कॉरेस्पॉन्उेंट/डिस्टेंट एजुकेशन) होना भी जरूरी है। व्यक्तिगत गुण बेहतर चिप डिजाइनर बनने के लिए कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के साथ हार्डवेयर में भी उचित जानकारी जरूरी है। विश्लेषणात्मक और समस्याओं को हल करने की क्षमता, बेहतरीन कम्युनिकेशन स्किल्स, टीम में काम करने की क्षमता, आत्म प्रेरित, स्वीकार करने की क्षमता, शांत, सहनशील, धैर्य, तार्किक और तुरंत निर्णय लेने वाले तमाम गुण आपके अंदर होंगे तभी इस फील्ड में आने का सोचें। कैसे होता है चिप तैयार आईटी की भाषा में कहें तो चिप सिलिकन का काफी सूक्ष्म व पतला टुकड़ा होता है, जो इंटिग्रेटेड सर्किट के लिए आधार तैयार करता है। देखा जाए तो चिप की मांग लगभग हर क्षेत्र में होती है फिर चाहे वह ऑटोमोबाइल, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स या हाई-एंड सर्वर्स ही क्यों न हो।
इंजीनियरिंग छात्र जो बोरिंग सॉफ्टवेयर की नौकरी से इतर कुछ रचनात्मकता और चुनौतीपूर्ण काम करना चाहते हैं तो इस क्षेत्र का चुनाव कर सकते हैं। साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स के छात्र जो गणित, विश्लेषणात्मक पृष्ठभूमि और प्रोग्रामिंग में बेहतर हों उनके लिए भी यह क्षेत्र काफी सूट करता है। चिप डिजाइनर्स मुख्य रूप से डिजाइन इंजीनियर होते हैं, जो चिप के आर्किटेक्चर को डिफाइन करने के अलावा सर्किट डिजाइन क्रिएट और लेआउट सुपरवाइज करता है। बढ़ती संभावनाएं भारत में चिप इंडस्ट्री प्रत्येक वर्ष 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स की मांग बढने से चिप डिजाइनिंग इंडस्ट्री में भी करियर की अपार संभावनाएं विकसित हो रही हैं। चिप डिजाइनिंग में कई अलग-अलग पोस्ट हैं, आप अपनी क्षमता के अनुसार इन व्यापक विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं। आमतौर पर फ्रेशर को टेस्टिंग का कार्य सौंपा जाता है पर अनुभव होने पर आप चिप डिजाइनिंग या आर्किटेक्टिंग भी कर सकते हैं। वेतन बेहतरीन सैलरी पैकेज भी युवा कैंडिडेट्स को चिप डिजाइनिंग में आकषिर्त करता है। शुरुआत में फ्रेशर्स को आसानी से चार लाख सालाना पैकेज मिल जाता है। कंपनी और छात्रों की योग्यता के आधार पर भी पैकेज में फर्क होता है। तीन साल के कार्यानुभव के बाद प्रोफेशनल्स प्रत्येक महीने 75 हजार से एक लाख तक भी कमाई कर सकते हैं।

प्रमुख संस्थान…

  • जामिया मिलीया इस्लामिया, नई दिल्ली
  • बिटमैपर इंट्रीगेशन टेक्नोलजी, पुणे, महाराष्ट्र
  • सेंट्रल फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांसड कंप्यूटिंग, बेंगलूर
  • अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, खडगपुर
  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, केरल
  • भारतीय विद्यापीठ, कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पुणे

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