सूरजकुंड मेले में मन को लुभाएंगे देश-विदेश की कला-संस्कृति के नज़ारे
नई दिल्ली । देश की कला-संस्कृति व शिल्प को बढ़ावा देने के लिए 1981 में हरियाणा पर्यटन विभाग की तरफ से सूरजकुंड मेला शुरू किया गया था। शिल्प और कला के अंतरराष्ट्रीय संगम सूरजकुंड मेले में दूर-दराज से लोग यहां आए शिल्पकारों की कला का दीदार करने तथा खराददारी करने आते हैं। यूं तो मेले में रोज़ाना ही भीड़ देखने को मिलती है लेकिन छुट्टी के दिन कुछ ज़्यादा ही लोग यहां घूमने के लिए आते हैं। ऐसे 14 तारीख यानि वेलेंटाइन डे के दिन देखा गया, इस लोगों की काफी भीड़ दिखाई दी। क्योंकि इस दिन महाषिवरात्रि भी थी इसलिए भी यहां काफी भीड़ थी। वेलेंटाइन डे के दिन युवा काफी तादाद में मेले में मौजूद थे। यहां हर राज्य के स्टाॅल लगे हैं यही नहीं बल्कि तुर्की, मेडाघास्कर, भूटान, नेपाल, बांग्लादेष, उज्बेकिस्तान, साउथ अफ्रीका, अफगानिस्तान आदि देषों के स्टाल यहां लगे हुए हैं। इस मेले में आकर आप अपने देष के अनेक राज्यों की कला को देख सकते है और वहां की षिल्प से बनी चीज़ों की खरीददारी कर सकते हैं, और तो और विदेषों से आए कला और षिल्प आपके मन को अवष्य ही लुभाएंगे क्योंकि दुनिया के कोने-कोने की कला-संस्कृति के नजारे देखने का मौका आपको सूरजकुंड मेले में ही मिल सकता है। तो एक बार सूरजकुंड मेले में ज़रूर आएं।