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हजरत निजामुद्दीन मेट्रो स्टेशन एक प्रमुख ट्रांजिट हब बनेगा

नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो फेज 3 के अंतर्गत मजलिस पार्क-शिव विहार (पिंक कॉरीडोर) पर बनने वाला हजरत निजामुद्दीन मेट्रो स्टेशन मेट्रो नेटवर्क के प्रमुख ट्रांजिट केंद्रों में से एक होगा क्योंकि इस स्टेशन से हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के साथ-साथ सराय काले खां इंटर स्टेट बस टर्मिनल तक सीधी कनेक्टिविटी होगी।
स्टेशन में हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन और सराय काले खान में स्थित आईएसबीटी को जोड़ने वाले प्रवेश/निकास बिंदु होंगे। एक प्रवेश/निकास बिंदु सराय काले खान आईएसबीटी से 50 मीटर के आसपास के दायरे में होगा। एक और प्रवेश/निकास लगभग 150 मीटर की दूरी पर हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के पास होगा।
यह स्टेशन कनेक्टिविटी की दृष्टि से एक बड़ा कदम होगा क्योंकि हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन और सराय काले खान आईएसबीटी दोनों में इस समय मेट्रो कनेक्टिविटी नहीं है। निकटतम मेट्रो स्टेशन यहां से कम से कम 3 से 4 किलोमीटर की दूरी पर हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशन पर चौड़ी सीढ़ियां और एस्केलेटर लगाए जाएंगे।
प्रसिद्ध इंद्रप्रस्थ पार्क और भावी ‘सेवन वंडर्स’ परियोजना हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से पैदल चलने की दूरी पर होगी। हजरत निजामुद्दीन मेट्रो स्टेशन से हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के साथ सराय काले खां आईएसबीटी तक कनेक्टिविटी भी प्रदान की जाएगी।
मल्टी मोडल इंटीग्रेशन (एमएमआई) योजना के अनुसार हजरत निजामुद्दीन मेट्रो स्टेशन पर इसके तीन प्रवेश/निकास बिंदुओं के पास ‘ड्रॉप ऑफ बेज’ भी होंगे। पैदल चलने वाले यात्रियों के आने जाने के लिए आसपास के इलाकों में भूमिगत स्टेशन और टेबलटॉप पैदल यात्री क्रॉसिंग के आसपास पर्याप्त हरियाली और सौंदर्यीकरण किया गया है। स्टेशन को 30 कलाकृतियों से भी सजाया गया है जो आसपास के क्षेत्रों की ऐतिहासिक विरासत का चित्रण करते हैं। स्टेशन को सुंदर बनाने के लिए थीमैटिक प्रभावों और ‘झरोखों’ का भी इस्तेमाल किया गया है।
हजरत निजामुद्दीन स्टेशन के निर्माण के दौरान सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों में से एक, यहां का बहुत ऊंचा भूमिगत जल स्तर और अत्यधिक भिन्न भू-तकनीकी स्थितियां थीं (कचरे से भरी हुई ऊपरी परत से लेकर अच्छी मिट्टी तक और रेतीली मिट्टी से कई तरह की भारी एवं बहुत ही कठोर चट्टानों तक, केवल 265 मीटर के दायरे के अंदर)। बहुत कठोर चट्टानों को तोड़ने के लिए नियंत्रित विस्फोट का तरीका भी अपनाया गया था।
अत्यधिक भिन्न भू-तकनीकी स्थितियों के कारण, स्टेशन का आधा हिस्सा बॉटम – अप तरीके से और अन्य आधा टॉप डाउन तरीके से बनाया गया था। रिंग रोड का मार्ग परिवर्तन भी एक बड़ी चुनौती थी। बिजली के साथ-साथ दिल्ली जल बोर्ड यूटिलिटी (दोनों भूमिगत और ऊपरी हिस्से) के बहुत सारे हिस्सों को सावधानी से बदला गया पड़ा ताकि इन यूटिलिटीज द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं को रोका नहीं जाए।
नई दिल्ली और दिल्ली के बाद हजरत निजामुद्दीन, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का तीसरा सबसे बड़ा रेलवे टर्मिनल है। राजधानी और सुपर फास्ट ट्रेनों सहित दक्षिण की ओर जाने वाली अधिकांश ट्रेनें यहां से निकलती हैं। सराय काले खां का आईएसबीटी कश्मीरी गेट और आनंद विहार के साथ दिल्ली के तीन प्रमुख बस टर्मिनलों में से एक है। यहां से हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश के विभिन्न स्थानों के लिए बसें गुजरती हैं।

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