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रोड सेफ्टी नेटवर्क की अपील : सड़क सुरक्षा पर अध्यादेश लाए सरकार

दिल्ली। मोटर वाहन संशोधन बिल, 2017 का मकसद मोटर वाहन अधिनियम, 1988 में आवश्यक व्यापक परिवर्तन करना है। इस बिल को 10 अप्रैल 2017 को लोक सभा में स्वीकृति दी गई और इस पर विचार और इसे पारित करने के लिए 2017 ग्रीष्म सत्र में इसे राज्य सभा में पेश किया गया। हालांकि बिल के पारित नहीं होने और बिल के लैप्स होने की संभावना से देश की चिंता के मद्देनजर नेटवर्क ने सरकार से अपील की है कि विशेष प्रयास से अध्यादेश लाकर लोगों की जान बचाने का महत्वपूर्ण कार्य करे।
कंज्यूमर वाॅयस के अशीम सान्याल ने कहा, ‘‘सरकार ने 2014 से ही सशक्त सड़क सुरक्षा कानून लाने की प्रतिबद्धता दिखाई है और माननीय मंत्री ने कई वक्तव्यों में सड़क दुर्घटना से मृत्यु की घटनाओं में कमी लाने का संकल्प दुहराया है। हालांकि संसद से मोटर वाहन संशोधन बिल पारित कराने के उनके प्रयास विफल रहे हैं इसलिए माननीय मंत्री से हमारा निवेदन है कि बीच की इस अवधि के लिए एक अध्यादेश के माध्यम से सड़क सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दे का हल दें जिससे बड़ी संख्या में जानें बच सकती हैं।’’
सड़क दुर्घटना में मृत्यु के मामलों में भारत दुनिया में सबसे आगे है जो अफसोस की बात है। हर वर्ष लगभग 1.5 लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में दम तोड़ देते हैं और इनके अतिरक्त 5 लाख गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। इनमें बहुत-से आजीवन अपाहिज हो जाते हैं। पूरे देश में व्याप्त इस समस्या के समाधान के लक्ष्य से मोटर वाहन संशोधन बिल, 2017 में सड़क सुरक्षा नीति को मजबूत करने पर जोर दिया गया है। सड़क सुरक्षा संबंधी कई प्रावधान करने की मांग की गई है जैसे यातायात के नियमों का जान-बूझ कर उल्लंघन करने पर सख्त जुर्माना। साथ ही, सड़क की गलत डिजाइन इौर देखभाल में कमी के लिए सड़क के ठेकेदारों को जिम्मेदार बनाया जाना।
भारत ब्रासीलिया उद्घोषणा का हस्ताक्षरी है लिहाजा हमारा देश 2020 तक सड़क हादसों में मृत्यु के मामलों में 50 प्रतिशत कमी लाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह समय सीमा बहुत नजदीक है और भारत इस लक्ष्य से बहुत दूर है। ऐसे में लोगों की जान बचाने के लिए भारत को सड़क सुरक्षा के कानूनों में सुधार और नयापन लाना होगा। इस बीच एक अध्यादेश भी आवश्यक होगा जो इस दिशा में ठोस कदम माना जाएगा।

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