ओडिशा के पर्यटन विभाग ने भारत के सर्वश्रेष्ठ गुप्त और अनजाने पर्यटन स्थलों की थीम पर रायपुर में रोड शो किया
रायपुर। ओडिशा पर्यटन विभाग के निदेशक और आईएएस श्री सचिन जादव ने रायपुर में भारतीय वाणिज्य और उद्योग महासंघ (फिक्की) के सहयोग से राज्य पर्यटन विभाग से संबंधित विभिन्न और अनोखी विशेषताओं से लोगों को रूबरू कराने के लिए आयोजित ‘रोडशो’ में प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।
ओडिशा पर्यटन विभाग ने पर्यटन को बढ़ावा देने के मौजूदा अभियान के तहत भारत के 9 शहरों में सफलतापूर्वक रोड शो का आयोजन किया है। इसके तहत ट्रैवल एजेंट्स के साथ बिजनेस 2 बिजनेस नेटवर्किंग मीटिंग आयोजित की गई। इसके साथ ही ओडिशा के पर्यटन और मेजबानी क्षेत्र में प्रवेश करने के इच्छुक निवेशकों और ब्रांड्स के बीच चुनिंदा बैठकें भी आयोजित की गईं।
पर्यटन विभाग के निदेशक ने कई क्षेत्रों में ओडिशा के पर्यटन स्थलों से लोगों को रूबरू कराते हुए विस्तृत प्रजेंटेशन से कार्यक्रम की शुरुआत की। इसमें राज्य पर्यटन के विभिन्न क्षेत्रों, जैसे हेरिटेज टूरिज्म, इको टूरिज्म, एथनिक टूरिज्म और आध्यात्मिक पर्यटन से लोगों को रूबरू कराया गया। ओडिशा पर्यटन के विभिन्न रूपों पर पेश की गई इस प्रस्तुति में सबसे महत्वपूर्ण हाल ही में लॉन्च किया गया आकर्षक कैंपिंग प्रोजेक्ट मरीन ड्राइव इको रिट्रीट था। मरीन ड्राइव इको रिट्रीट पूर्वी भारत का सबसे बड़ा ग्लैंपिंग (ग्लैमरस कैंपिंग) प्रोजेक्ट हैं, जिसमें पर्यटकों के ठहरने के लिए विलासितापूर्ण और आकर्षक सुविधाएं दी गई हैं। इसके अतिरिक्त वहां भविष्य में होने वाली रोमांचक गतिविधियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी ब्यौरा पेश किया गया।
श्री जादव ने कहा, “ओडिशा धीरे-धीरे सबसे जीवंत और जिंदादिल स्पोटर्स डेस्टिनेशन के रूप में उभरता जा रहा है। यह राज्य की ग्लोबल ब्रैंड इमेज को चमकाने का एक प्रमुख कारक है। इसी से राज्य में विदेशी पर्यटकों का जमावड़ा भी लगने लगा है। हम इकोटूरिज्म, जनजातीय आबादी से संबंधित पारंपरिक और शिल्पकला से संबंधित पर्यटन पर विशेष रूप से फोकस कर रहे हैं। इसके साथ ही कई नई श्रेणियों जैसे विरासत स्थलों के पास पर्यटकों के ठहरने का प्रबंध भी किया जा रहा है। एडवेंचर टूरिज्म पर खासतौर से ध्यान दिया जा रहा है, जिससे राज्य में घूमने आए पर्यटक अब तक ओडिशा के अनदेखे और अनजाने पर्यटन स्थलों पर जाकर मौज-मस्ती कर सके और एक विशेष अनुभव हासिल कर सके। इसके साथ ही ओडिशा के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों जैसे पुरी और कोणार्क को भी नए अंदाज में देखने का आनंद उठा सकें। पर्यटन विभाग की प्रस्तुति ने ओडिशा की पर्यटन क्षमता को निखारने के लिए कई पहलुओं पर प्रकाश डाला। प्रस्तुति की शुरुआत ओडिशा के पर्यटन स्थलों से की गई। वहां की जैवविविधता, ऐतिहासिक महत्वपूर्ण स्मारकों और वहां की अनोखी शिल्प और कला को पेश किया गया। ओडिशा सरकार ने पर्यटन स्थल की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए भी अपनी सहमति दे दी है। ओडिशा सरकार ने कैंपिंग टूरिज्म और हाउस बोट टूरिज्म को शुरू करने की हरी झंडी दी है।
ओडिशा में 2018 में 1.5 करोड़ पर्यटक आए। 2021 तक ओडिशा में आने वाले पर्यटकों की संख्या में ढाई करोड़ तक बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। राज्य ने कुछ शानदार टूरिज्म सर्किट भी शुरू करने का दावा किया है, जिसमें 18 संरक्षित क्षेत्रों में तरह-तरह के वाइल्ड लाइफ टूर शामिल है। इसके अलावा दो नेशनल पार्क और एक भव्य बुद्धिस्ट सर्किट का भी निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा राज्य में आध्यात्मिक रूप से पर्यटकों को आनंदित और आकर्षित करने वाला भुवनेश्वर-पुरी-कोणार्क का गोल्डन ट्राइएंगल हेरिटेज सर्किट में भी नई सुविधाओं का ब्योरा पेश किया।
ओडिशा पर्यटन विभाग की प्रमुख पहलों में पर्यटन विभाग का वर्चुअल टूरिज्म अभियान शामिल है। इसकी बुनियाद राज्य की पुरस्कार विजेता वेबसाइट odishatourism.gov.in है। एडोब एक्सपियरेंस मैनेजर (एईएम) प्लेटफॉर्म पर निर्मित इस वेबसाइट में स्टेकहोल्डर से जुड़ाव की क्षमताओं, मल्टीमीडिया इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट और एनालिटक्स जैसी विशेषताओं को शामिल किया जाएगा। ओडिशा पर्यटन विभाग के अधिकारियों को बेहतरीन तरीके से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों तक पहुंचने तक उम्मीद है। इसमें बड़ी संख्या में मध्यम से उच्च स्तर तक खर्च करने वाले पर्यटकों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। वेबसाइट ने ट्रेवल एजेंटों और होटल मालिकों को ओडिशा पैकेज को रजिस्टर और प्रकाशित करने के लिए पोर्टल का ऑफर दिया है।
रायपुर में आयोजित रोडशो से भारत के पूर्वी क्षेत्र से ओडिशा में घूमने-फिरने के लिए आने वाले पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। रोड शो में उड़ीसा के समुद्री तटों पर घूमने-फिरने आने वाले पर्यटकों की सुविधाओं के बारे में भी बताया गया। राज्य की पर्यटन क्षमता को निखारने के लिए ओडिशा की एयर कनेक्टिविटी में भी सुधार किया गया है। पिछले साल ओडिशा के झारसुगुडा एयरपोर्ट से फ्लाइट्स का आना-जाना भी शुरू हो गया है। इससे भी राज्य में पर्यटन के अलावा व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।