लाइफस्टाइलस्वास्थ्य

पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक जोड़ो का दर्द

-डाॅ. संजय अग्रवाला
हेड, आर्थोपेडिक्स
पी.डी.हिंदुजा नेशनल अस्पताल, मुबंई

जोड़ों का दर्द एक ऐसी बेचैनी होती है जो किसी भी जोड़ में हो सकती है। जोड़ ऐसा बिंदु जहां दो या अधिक हड्डियां मिलती हैं। जोड़ों के दर्द को कभी-कभी अर्थराइटिस या अर्थरैलजिया कहते हैं। जोड़ों का दर्द सामान्य से गंभीर होता है। ये तब-तब होता है जब आप अपने जोड़ों को हिलाते हैं। सामान्यक दर्द को तो आप खानपान और जीवनशैली में परिवर्तन लाकर ठीक कर सकते हैं, लेकिन गंभीर दर्द के लिये उपचार की आवश्यकता होती है। एक अनुमान के अनुसार हर चार में से एक व्यक्ति जोड़ों के दर्द से परेशान है। यह समस्याए पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक होती है।

क्यों होता है जोड़ों का दर्द

  • जोड़ों में दर्द होने के कईं कारण हो सकते हैं जिनमें बोन फ्लूइड् या मेंम्ब्रेन में परिवर्तन आ जाना। चोट लगना या अंदर किसी बीमारी का पनपना, हड्डियों का कैंसर, अर्थराइटिस, मोटापा आदि।
  • ब्लड कैंसर।
  • उम्र बढ़ने के साथ जोड़ों के बीच के कार्टिलेज कुशन को लचीला और चिकना बनाए रखने वाला लुब्रीकेंट कम होना।
  • लिगामेंट्स की लंबाई और लचीलापन भी कम हो जाता है, जिसकी वजह से जोड़ अकड़ जाते हैं।

जोड़ों को स्वास्थ्य कैसे रखें

  • जोड़ों के दर्द खासकर अर्थराइटिस का कुछ उपाय हैं जिन्हें अपनाकर इसकी चपेट में आने से बचा जा सकता है या इसकी चपेट में आने पर लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।
  • जोड़ों में मौजूद कार्टिलेज शॉक एब्जाचर्रबर के समान कार्य करते हैं। आर्थराइटिस के कारण कार्टिलेज को नुकसान पहुंचता है। यह 70 प्रतिशत पानी से बने होते हैं इसलिए ढेर सारा पानी पिएं।
  • कैल्शिसयम युक्तखाद्य पदार्थों जैसे दूध, दुग्ध उत्पादों, ब्रोकली, सालमन, पालक, राजमा, मुंगफली, बादाम, टोफु आदि का सेवन करें।
  • विटामिन सी और डी स्वस्थ्य जोड़ों के लिए बहुत उपयोगी हैं इसलिए विटामिन सी और डी से भरपूर खाद्य पदार्थों जैसे स्ट्रांबेरी, संतरे, किवी, पाइनएप्पकल, फूलगोभी, ब्रोकली, पत्तागोभी, दूध, दही, मछिलयों आदि का सेवन करें।
  • सूर्य के प्रकाश में भी कुछ समय बिताएं, इससे आपको विटामिन डी मिलेगा।
  • वजन को नियंत्रण में रखें। वजन अधिक होने से जोड़ों जैसे घुटनों, टखनों और कुल्हों पर दबाव पड़ता है।
  • नियमित रूप से एक्सरसाइज और योग करें ये जोड़ों की जकडन को कम करने में सहायता करते हैं। लेकिन ऐसे व्यायाम करने से बचें जिससे जोड़ों पर अधिक दबाव पड़ता है।
  • शराब और धुम्रपान का सेवन जोड़ों को नुकसान पहुंचाता है। अर्थराइटिस से पीड़ित लोग अगर इनका सेवन बंद कर दें तो उनके जोड़ों और मांसपेशियों में सुधार आ जाता है और दर्द में भी कमी होती है।
  • स्वस्थ्य लोग भी धुम्रपान न करें यह आपको रूमैटाइड अर्थराइटिस का शिकार बना सकता है।
  • अधिक मात्रा में फल और सब्जियों का सेवन करें यह ऑस्टिमयोअर्थराइटिस से बचाते हैं।
  • अदरक और हल्दीे का सेवन करें ये जोड़ों की सूजन को कम करने में सहायता करते हैं।
  • आरामतलबी की जिंदगी न जिएं।
  • सूजन बढ़ाने वाले पदार्थ जैसे नमक, चीनी, अल्कोमहल, कैफीन, तेल, दूध व दुग्ध उत्पादों, ट्रांस फैट का सेवन कम करें।
  • पैदल चलना, जागिंग करना, डांस करना, जिम जाना, सीढियां चढना, योगा या हल्के फुल्के व्यायाम करके भी हम हड्डियों को मजबूत कर सकते हैं।

सर्दियों में रखें विशेष ध्यान

  • सर्दियों में जोड़ों का दर्द अधिक सताता है क्योंकि इन दिनों लोग आराम अधिक करते हैं और शारीरिक सक्रियता कम हो जाती है। दिन छोटे और रातें बड़ी होने से जीवनशैली बदल जाती है, खानपान की आदतें भी बदल जाती हैं। लोग व्यायाम करने से कतराते हैं जिससे यह समस्या और गंभीर हो जाती है।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें और शारीरिक रूप से सक्रिय रहें।
  • जब बाहर तापमान अत्यधिक कम हो तो बाहर टहलने और अन्य गतिविधियों से बचें।
  • शरीर को हमेशा गर्म कपड़ों से ढककर रखें।
  • सर्दियों में पानी पीने से न बचें, प्रतिदिन आठ से दस गिलास पानी पिएं।
  • जितना हो सके इस मौसम से प्रभाव से खुद को बचा कर रखें। जिस हिस्से में दर्द की समस्या है उस हिस्से को गर्म कपड़े में लपेटकर रखें।
  • ठंडी चीज खाने के बजाय गर्म चीजों का सेवन अधिक करें। लहसुन, प्याज, सालमन मछली, गुड़, बादाम, काजु जैसी चीजों का अधिक से अधिक सेवन करें।
  • वॉक और एक्सरसाइज करें। इससे मांशपेशियों को खुलने में मदद मिलेगी और जोड़ों की अकडन में राहत मिलेगी। एक्सरसाइज करने में जल्दबाजी न करें।
  • चोकर युक्तआटे की रोटी और मूंग की दाल का सेवन करें। सब्जियों में हरी सब्जी जैसे की सहिजन, कददु, लौकी, घीया, ककड़ी, पत्ता गोभी, फूल गोभी व गाजर का सेवन करें। ब्रोकली का उपयोग अधिक से अधिक करें। यह अर्थराइटिस को बढने नहीं देती। क्योंकि इसमें स्लफोराफेन नामक पदार्थ पाया जाता है। दवाईयों का सेवन नियमित समय पर करते रहें।

अगर जोड़ों के दर्द के साथ निम्न समस्याएं सूजन, लालपन, जोड़ों का उपयोग करते समय समस्या होना, अत्यधिक दर्द आदि हों तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

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