संपादकीय

चीन की ताजा पंचवर्षीय योजना में जलवायु के लिए अनिश्चिता के संकेत

-निशांत

इस साल, चीन में 14-वीं पंचवर्षीय योजना की शुरुआत होगी। लेकिन जलवायु परिवर्तन की चुनौती से लड़ने की नजर से अगर इस योजना के बारे में मिल रही जानकारी को देखा जाए तो कहना गलत नहीं होगा कि खास उम्मीद नहीं लगायी जा सकती इस योजना से।
साल 1953 से, चीन सरकार अपने देश में प्रमुख सामाजिक और आर्थिक विकास के मुद्दों को 5 साल के नीति नियोजन चक्र की मदद से निर्धारित करती रही है। चीन में नियोजन की यह प्रक्रिया सभी स्तरों और क्षेत्रों में नीति-निर्माण प्रक्रिया को निर्देशित करने वाले आधारभूत ढांचे के रूप में बनी हुई है।
मौजूदा योजना स्पष्ट रूप से जलवायु के खिलाफ जंग से जुड़ी अपेक्षाओं पर खरी उतरी नहीं दिखती। इस योजना में बड़े ही औसत स्तर के जलवायु और ऊर्जा लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं और विकास के लिए कम कार्बन वाली व्यवस्था पर भी कोई स्पष्ट रणनीतिक सोच नहीं दिखती इसमें।
पिछली पंचवर्षीय के विपरीत, इस ताजा योजना में कोई स्पष्ट पंचवर्षीय GDP विकास लक्ष्य भी नहीं है। इसमें बल्कि GDP लक्ष्य वास्तविक परिस्थितियों के अनुसार वार्षिक आधार पर तय किये जायेंगे।
कुल मिलाकर चीन की यह पंचवर्षीय योजना एक अनिश्चित जलवायु संकेत भेजती है। और इस अनिश्चिता को औद्योगिक समूह निश्चित रूप से व्यापार को पुराने ढर्रे पर चलाने के लिए एक बहाने के रूप में लेंगे।
ध्यान रखने वाली बात है कि जलवायु संकट से निपटने के लिए, चीन को अपनी उत्सर्जन वृद्धि को बहुत धीमे स्तर पर लाने की आवश्यकता है, और आगामी पांच वर्ष की अवधि में उत्सर्जन वक्र को जल्दी से समतल करना होगा। बल्कि 2025 से पहले उत्सर्जन का अपने उच्चतम स्तर तक पहुंच कर नीचे आना न सिर्फ संभव है बल्कि आवश्यक भी है।
ध्यान रहे कि चीन वैश्विक उत्सर्जन के 26 फीसद के लिए अकेले जिम्मेदार है, और इस पंचवर्षीय योजना में दर्ज आर्थिक और ऊर्जा संक्रमण के फैसले मोटे तौर पर चीन में अगले 5 वर्ष और उससे आगे चीन में उत्सर्जन के स्तर को निर्धारित करेंगी।
पिछले सितंबर में, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2030 से पहले कार्बन उत्सर्जन को चरम पर पहुंचाने और 2060 तक कार्बन तटस्थता (न्यूट्रैलिटी) तक पहुंचने का वादा किया था। चीन की नई जलवायु प्रतिबद्धताओं के बाद पहले FYP के रूप में, 14-वें FYP का परीक्षण किया जाएगा ताकि इस बात की तसल्ली हो सके कि यह चीन को कार्बन तटस्थ भविष्य की ओर सही रास्ते पर लाएगा या नहीं।
14-वें FYP के मसौदे में जलवायु और ऊर्जा से संबंधित कुछ प्रमुख लक्ष्य हैं जो कि इस प्रकार हैं :

  • 13.5% तक कम ऊर्जा की तीव्रता
  • 18% तक कम कार्बन की तीव्रता
  • ऊर्जा मिश्रण में गैर-जीवाश्म ऊर्जा का हिस्सा 2020 में 15.8% से बढ़ाकर 2025 में लगभग 20% करना
  • वन कवरेज को बढ़ाकर 24.1% करना

बड़ी आर्थिक और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच पंचवर्षीय योजना एक अनिश्चित जलवायु संकेत भेजती है। चीन की पंचवर्षीय योजनाओं के केस में अंडर-कमिटिंग और ओवर-डिलिवरिंग की आदत को ध्यान में रखते हुए, उम्मीद है कि ये लक्ष्य आगे की उत्सर्जन वृद्धि में वृद्धि पर बाड़ा लगाएंगे।
अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ग्रीनपीस ईस्ट एशिया के नीति सलाहकार ली शुओ कहते हैं, “यह तय है कि ऐसी योजना के चलते औद्योगिक समूह इसमें पुराने तरीकों से व्यापार करने बहाने तलाश लेंगे।’’ वो आगे कहते हैं, “जलवायु संकट से निपटने के लिए, चीन को अपनी उत्सर्जन वृद्धि को काफी धीमी स्तर पर लाने की जरूरत है, और आगामी पांच साल की अवधि में उत्सर्जन वक्र को जल्द से जल्द समतल करना है। 2025 से पहले का पीक उत्सर्जन न केवल संभव है बल्कि आवश्यक है। उत्सर्जन पर उत्तरोत्तर अधिक ब्रेक लगाना चीन के आर्थिक परिवर्तन के लिए अच्छा है, और इससे चीन की वैश्विक छवि में सुधार को बढ़ावा मिलेगा। इन पाँच वर्षों के लक्ष्यों से परे बहुत कुछ किया जाना बाकी है। चीन के कोयला संयंत्र निर्माण बूम का अभी भी कोई अंत नहीं नजर आ रहा है। स्टील, सीमेंट और एल्युमीनियम सेक्टर्स में रनवे की रफ्तार से पता चलता है कि चीन को अपने कोविड रिकवरी को ग्रीन (हरित) बनाने के लिए और बेहतर करने की जरूरत है। जब तक बीजिंग कोयला निर्माण बूम का निरोध नहीं करता है और अपनी कोविड रिकवरी को ग्रीन नहीं करता है तब तक चीन डीकार्बोनाइजेशन मार्ग पर वापस नहीं आएगा।”
चीनी प्रधानमंत्री, ली केकियांग, ने NPC (नेशनल पीपल्स कांग्रेस) के वार्षिक सत्र के एक भाषण में राष्ट्रीय आर्थिक और सामाजिक विकास पर 14-वीं पंचवर्षीय योजना के मसौदे के प्रमुख अंश प्रस्तुत किए। फिलहाल इस 14-वीं पंचवर्षीय योजना के मसौदे की NPC सदस्यों द्वारा समीक्षा की जा रही है और इसे 11 मार्च को NPC सत्र के अंत में अनुमोदित किया जाएगा। अनुमोदन के बाद 14 वें वित्त वर्ष का पूरा पाठ सार्वजनिक किया जाएगा। मसौदा योजना में मुख्य लक्ष्यों को बदलने की उम्मीद नहीं है। अनुमोदन के बाद 14-वें वित्त वर्ष का पूरा टेक्स्ट (पाठ) सार्वजनिक किया जाएगा।

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