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‘‘जीजेसी’’ ने मंथन जैम्स एंड ज्वैलरी कॉन्क्लेव-2018 में तय किया 2025 का ग्रोथ विजन

नई दिल्ली/मुंबई। ऑल इंडिया जैम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउन्सिल ( जीजेसी ), पूर्व में ऑल इंडिया जैम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन ने 5 – 6 अप्रैल को होटल सहारा स्टार, मुंबई में मंथन जैम्स एंड ज्वैलरी कॉन्क्लेव 2018 (वल्र्ड गोल्ड काउंसिल द्वारा समर्थित और पावर्ड बाई जीआईए) का आयोजन किया। मंथन 2018 का उद्घाटन भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने किया। इस अवसर पर श्री नितिन खंडेलवाल (अध्यक्ष, जीजेसी), श्री अनंत पद्मनाभन (उपाध्यक्ष, जीजेसी), श्री मनोज कुमार झा (संयोजक – मंथन, जीजेसी), श्री शंकर सेन (संयुक्त संयोजक – मंथन, जीजेसी) और भाजपा नेता गिरीश व्यास और हैदर आजम भी मौजूद रहे।
मंथन 2018 के मुख्य वक्ताओं में श्री सौरव गांगुली (जाने-माने क्रिकेटर), उद्योगपति श्री सुरेश नारायणन (मुख्य प्रबंध निदेशक, नेस्ले), श्री विवेकचंद सहगल (अध्यक्ष और सहसंस्थापक संवर्धन मदरसन ग्रुप), श्रीप्रकाश शुक्ल (प्रेसीडेंट ग्रुप स्ट्रेटेजी एंड सीबीओ, महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप), श्री सुधांशु मित्तल (निदेशक, नैसकॉम), श्री एम पी अहमद (चेयरमैन, मालाबार गोल्ड एंड डायमंड) और श्री एशर ओ. (प्रबंध निदेशक, मालाबार गोल्ड एंड डायमंड) शामिल थे।
जीजेसी के अध्यक्ष श्री नितिन खंडेलवाल ने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री की दृष्टि के अनुरूप हम स्वदेशी रत्न व आभूषण क्षेत्र के लिए मंथन 2018 के साथ 100 बिलियन अमरीकी डॉलर का हमारा विजन 2025 कार्यक्रम लाॅन्च करते हैं। भारत का रत्न व आभूषण व्यवसाय देश के सकल घरेलू उत्पाद में 7 प्रतिशत का योगदान करने के साथ मेक इन इंडिया का खरा उदाहरण है। यह देश के सामाजिक – आर्थिक ढांचे में महत्वपूर्ण योगदान करते हुए 46 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है। जीजेसी के पास रत्न व आभूषण क्षेत्र में 2 मिलियन (20 लाख) नए रोजगार सृजित करने की योजना है, जिसमें 40 प्रतिशत नई नौकरियां महिलाओं के लिए होंगी। पश्चिम बंगाल सरकार ने रत्न व आभूषण पार्क के लिए अंकुरहाटी, दोमजूर में 25,000 वर्गफीट जमीन प्रदान की है व महाराष्ट्र सरकार ने नवी मुंबई में 25 एकड़ जमीन पर रत्न व आभूषण पार्क का प्रस्ताव दिया है। भारतीय जौहरियों के लिए नमूने, पूंजी, विपणन, वितरण व बिक्री संबंधी क्षमताएं दर्शाने के लिए विकास का नया चरण शुरू करने के लिए मंथन 2018 जैसे कई प्रयास जीजेएफ द्वारा भविष्य में किये जाएंगे।“
जीजेसी मंथन के संयोजक श्री मनोज कुमार झा ने कहा, “जीजेसी का मंथन काॅन्क्लेव 2018 भारत के जेम्स और ज्वैलरी सैक्टर के इतिहास में एक ऐसा इवेंट साबित हुआ है, जिसके बारे में आज से पहले कभी न सोचा गया और न देखा गया। 900 से अधिक उद्यमियों, प्रमोटर्स, सीएक्सओ, आकांक्षी और विद्यार्थियों ने पूरे 2 दिन देश के काॅर्पोरेट जगत के अग्रणी उद्योगपतियों से बहुत कुछ सीखा और देश के जेम्स और ज्वैलरी उद्योग के भविष्य के बारे में विस्तार से विचार-विमर्श किया। देश के सभी हिस्सों से दूरदराज के इलाकों के लोगों ने भी इस पर प्रसन्नता जताई कि मंथन 2018 में ज्वैलरी सदस्यों ने बहुत कुछ नया हासिल किया। जीजेसी ने अध्यक्ष के विजन और जीजेसी बोर्ड की सक्रिय भागीदारी के साथ-साथ मंथन कमेटी और टीम से समर्थन और सहयोग के लिए अकल्पनीय और अकल्पनीय धन्यवाद प्राप्त किया है! भारतीय जेम्स एंड ज्वैलरी सैक्टर के सभी दिग्गजों और 12 विभिन्न उद्योगों के विशिष्ट वक्ताओं के प्रति विशेष रूप से आभार! हमें इस बात पर गर्व है कि हमने इसके बारे में एक सपना देखा और इसे पूरा कर दिखाया!‘‘
मंथन जीजेसी के संयुक्त संयोजक श्री शंकर सेन ने कहा, “जीजेसी देश की उत्कृष्ट व चोटी की संस्था है व उद्योग के मुद्दों व चुनौतियों के लिए वर्षों से मजबूती से खड़ी है। जीजेसी सरकार व उद्योग के बीच सेतु के तौर पर भी कार्य कर रही है, व उद्योग के लिए उद्योग की ओर से कई कदम उठा रही है। मंथन 2018 द्वारा जीजेसी रत्न व आभूषण उद्योग को अगले पांच वर्षों में व्यवसाय में परिवर्तन लाकर आय दोगुनी करने को प्रोत्साहित कर रही है।“
ऑल इंडिया जैम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउन्सिल (जीजेसी) 2005 से घरेलू रत्न व आभूषण उद्योग के लिए सर्वोच्च व जिम्मेदार संस्था है। एक स्व विनियमित व्यापार निकाय के तौर पर पिछले 13 वर्षों से जीजेसी सरकार व उद्योग के बीच सेतु के तौर पर भी कार्य कर रही है, व उद्योग के लिए उद्योग की ओर से कई कदम उठा रही है। यह उत्पादकों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, वितरकों, प्रयोगशालाओं, रत्नविदों, डिजाइनरों एवं घरेलू रत्न व आभूषण उद्योग से सम्बद्ध सेवाओं के 4,00,000 से अधिक लोगों का प्रतिनिधित्व करती है। रत्न व आभूषण उद्योग एक दस्तकारी व श्रम बाहुल्य उद्योग है जिसमें 1 करोड़ से अधिक का श्रम बल घरेलू क्षेत्र में आभूषण निर्माण उद्योग में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से संलग्न है। यह उद्योग के हितों की रक्षा व प्रचार के लिए चैतरफा रणनीति का इस्तेमाल करती है।
जीजेसी खुदरा व्यवसाय व विनिर्माण क्षेत्र के विकास के लिए खास तौर पर तैयार विभिन्न समर्पित मंचों द्वारा विभिन्न प्रचार गतिविधियां चलाती है। कौशल विकास, उद्यमिता को बढ़ावा देने व आजीविका के अवसर बढ़ाने के लिए जीजेसी कारीगरों, खुदरा क्षेत्र, आदि के कौशल विकास के लिए विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रम चलाती है, सुपात्र डिजाइन विद्यार्थियों को छात्रवृत्तियां देती है और प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने एवं एक उभरते श्रम बल के लिए मौकों का निर्माण करने के लिए विभिन्न रत्न व आभूषण संस्थानों के साथ मिलकर कार्य करती है।
जीजेसी उद्योग के कर्मचारियों की ओर से अपने बड़े श्रम बल के लिए सुरक्षित काम का माहौल सुनिश्चित करने के लिए कई सीएसआर गतिविधियां भी चलाती है।

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