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समावेशी विकास के चैंपियंस : 24वें एनसीपीईडीपी-एलटीआईमाइंडट्री हेलेन केलर अवार्ड (NCPEDP-LTIMindtree Helen Keller Awards) में 16 चेंज मेकर्स को सम्मानित किया गया

नई दिल्ली। भारत ने शनिवार को रोजगार के क्षेत्र में, विशेषकर दिव्यांग जनों के रोजगार के लिए, समान अवसर प्रदान करने के लिए समर्पित लोगों तथा संगठनों के प्रयासों को पहचान देकर इस क्षेत्र में समावेशिता को आगे बढ़ाने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की। 24वें एनसीपीईडीपी-एलटीआई माइंडट्री हेलेन केलर अवार्ड में ऐसे 16 दूरदर्शी लोगों को सम्मानित किया गया जिन्होंने भारत के कार्यबल को विविधता प्रदान करने तथा उनमें समावेशिता लाने के लिए एवं साथ ही दिव्यांग जनों को मुख्यधारा की श्रमशक्ति में एकीकृत करने के लिए उत्कृष्ट योगदान दिया है। दिव्यांगता के क्षेत्र में अत्यंत प्रतिष्ठित ये अवार्ड, उन लोगों की सराहना करने का एक मंच हैं जो समावेशी रोजगार परिदृश्य का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
भारत के अग्रणी अंतर-दिव्यांगता प्रचार संगठन नेशनल सेंटर फॉर प्रमोशन ऑफ़ एम्प्लॉयमेंट फॉर डिसेबल्ड पीपल (NCPEDP), तथा वैश्विक प्रौद्योगिकी परामर्श एवं डिजिटल समाधान कंपनी एलटीआईमाइंडट्री (LTIMindtree) ने 2023 के एनसीपीईडीपी-एलटीआईमाइंडट्री हेलेन केलर अवार्ड की घोषणा की। अपने 24वें वर्ष में, ये सम्मान दिव्यांग जनों के लिए रोजगार के समान अवसरों को बढ़ावा देने में जुटे लोगों और संगठनों को स्वीकृति प्रदान करने तथा उन्हें पहचान दिलाने में भारत के सर्वाधिक प्रतिष्ठित सम्मानों में स्थान पाते हैं। दिव्यांग जनों को सशक्त बनाने तथा समावेशी एवं सतत विकास को बढ़ावा देने, और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करने के लिए, एनसीपीईडीपी पिछले आठ वर्षों से एलटीआईमाइंडट्री के साथ मिलकर काम कर रहा है।
इस वर्ष कुल 16 पुरस्कार विजेताओं को रोल मॉडल के रूप में मान्यता दी गई, जिनमें से तीन को जूरी प्रशंसा मिली। एनसीपीईडीपी के कार्यकारी निदेशक अरमान अली ने कहा, “हेलेन केलर पुरस्कार अदम्य इच्छाशक्ति, जुनून और तन्यकता का जश्न मनाते हैं। पिछले 24 वर्षों में, इन पुरस्कारों ने कार्यस्थल पर रोजगार, समानता और विविधता को बढ़ावा देने के लिए अनुकरणीय कार्य करने वाले अविश्वसनीय व्यक्तियों और संस्थानों की पहचान की है। इस निरंतर प्रयास के परिणाम संतुष्टि भरे हैं, फिर भी हम जानते हैं कि दिव्यांगता को पूरी तरह से मुख्यधारा में शामिल करने के लिए हमें अभी भी मीलों का सफर तय करना है।”
एलटीआईमाइंडट्री के सीईओ और प्रबंध निदेशक देबाशीष चटर्जी ने कहा, “एनसीपीईडीपी-एलटीआईमाइंडट्री हेलेन केलर पुरस्कार भारत में दिव्यांग जनों को समावेशित करने तथा उनमें समानता को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे लोगों एवं संगठनों को स्वीकृति प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता की मिसाल हैं। एलटीआईमाइंडट्री में, हम एक ऐसे कार्यस्थल का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो सभी के लिए स्वागत योग्य हो।” उन्होंने इस विश्वास को दोहराया कि दिव्यांग जनों के लिए कौशल एवं रोजगार के अवसर पैदा करने से उन्हें मुख्यधारा में शामिल होने तथा सम्मानजनक आजीविका कमाने का अधिकार मिलता है।
24वें एनसीपीईडीपी-एलटीआईमाइंडट्री हेलेन केलर अवार्ड के 16 पुरस्कार विजेता भारत के नौ राज्यों- जम्मू और कश्मीर, राजस्थान, लक्षद्वीप, दिल्ली एनसीआर, झारखंड, तमिलनाडु, हरियाणा, कर्नाटकव महाराष्ट्र से हैं।
श्रेणी ए के अंतर्गत, दिव्यांग जन रोल मॉडल की श्रेणी में विजेताओं के रूप में उमर फारूक केके, डॉ. वैभव भंडारी और डॉ. राजलक्ष्मी एसजे के नाम हैं।
दिव्यांग जनों के लिए रोजगार के अवसरों में वृद्धि के रोल मॉडल समर्थकों की श्रेणी में डॉ. राजदीप मनवानी, प्रतीक माधव और अश्विन कुमार वी विजेता रहे, जबकि अमली नायक को जूरी की प्रशंसा मिली।
रोल मॉडल कंपनियों/एनजीओ/संस्थाओं की श्रेणी में, टीवीएस मोटर कंपनी, एटिपिकल एडवांटेज, अमर सेवा संगम और अलंबा चैरिटेबल ट्रस्ट विजेता रहे। नेटवेस्ट इंडिया और मिट्टी सोशल इनिशिएटिव्स फाउंडेशन को जूरी प्रशंसा पुरस्कार दिए गए।
दिव्यांग उद्यमियों के रोल मॉडल श्रेणी में, कृष्णकांत माने, सुमरती जी और राखी पांडे विजेता हैं।
अली ने ज़ोर देते हुए कहा, “सभी 16 व्यक्तियों और संगठनों के योगदान ने, आत्मनिर्भरता तथा सम्मानजनक रोजगार के साधन प्रदान कर अनगिनत दिव्यांग लोगों और उनके परिवार जनों के जीवन को व्यापक तौर पर प्रभावित किया है, और यह दिव्यांग जनों को सशक्त बनाने का एक सार्थक और महत्वपूर्ण तरीका है।”

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