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फाउंडेशन एडेलगिव के ग्रो फंड के 100 ग्रांट्स के लिए दिल्ली के 9 एनजीओ चुने गए

दिल्ली। देश भर में महत्वपूर्ण सामाजिक कार्य करने वाले 100 एनजीओ को ग्रो फंड से अनुदान प्राप्त करने के लिए चुना गया है, जिसे एडेलगिव फाउंडेशन द्वारा दिया जायेगा। एडेलगिव फाउंडेशन के इलावा कई अन्य प्रतिष्ठित फंडिंग पार्टनर्स भी इसमें शामिल हैं। चुने गए 100 एनजीओ में से 9 एनजीओ दिल्ली के हैं।
इस पहल का हिस्सा बनने के लिए चुने गए प्रत्येक एनजीओ को अपनी क्षमताओं, लचीलेपन और भविष्य की तैयारी के लिए अपने संसाधनों को बढ़ाने के लिए दो वर्षों में 80 लाख रूपए प्राप्त होंगे। 2300 से अधिक संगठनों के पंजीकरण के साथ, चुने गए प्रत्येक एनजीओ को मेंटरिंग, नेटवर्किंग और लीडरशिप बिल्डिंग में भी सहायता की जाएगी। यह संगठनों को कोविड-19 के कारण आने वाली तत्काल चुनौतियों से उबरने और महत्वपूर्ण लागतों को कवर करके संचालन को बनाए रखने तथा लम्बे समय तक संस्था की स्थिरता एवं भविष्य की तैयारी को बढ़ावा देने में सक्षम करेगा।
दिल्ली से चयनित एनजीओ में सेंटर फॉर हेल्थ एंड सोशल जस्टिस, फेमिनिस्ट अप्रोच टू टेक्नोलॉजी, इंडस एक्शन इनिशिएटिव्स, सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी, प्रवाह, विजन स्प्रिंग फाउंडेशन, चाइल्ड सर्वाइवल इंडिया, कॉमम्यूटी – द यूथ कलेक्टिव एंड अवंती फेलो शामिल हैं। ये सभी संस्थाएं गरीबी, स्वास्थ्य, स्वच्छता, शिक्षा और जेंडर राइट्स जैसे विविध क्षेत्रों में अच्छा काम कर रही हैं।
कोविड-19 फैलने के बाद से दुनिया में पहली बार जमीनी स्तर पर भारत के भिन्न-भिन्न समुदायों को सेवाएं देने वाले संगठनों के सामने अपना अस्तित्व बचाए रखने व वृद्धि करने के मामले में अनेक समस्याएं आईं और घटते फंड के साथ वो मजबूरन बंद होने के कगार पर आ गए। ग्रो फंड एक अद्वितीय वित्तीय अभियान है, जिसका लक्ष्य संगठनों के विकास की जरूरत को संबोधित कर उनकी दृढ़ वृद्धि और प्रशस्त भविष्य के लिए एक अनुकूल परिवेश का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध होकर परोपकार को नई परिभाषा देना है।
ग्रो फंड को ज्यादा समावेशी बनाने एवं छोटे व मध्यम आकार के एनजीओ को ज्यादा आसानी से उपलब्ध कराने के अपने मिशन के लिए ग्रो फंड को भारतीय एवं अंतर्राष्ट्रीय फंड प्रदाताओं से काफी सराहना एवं संसाधन मिले हैं। इन प्रदाताओं में परोपकारी संस्थान एवं प्रतिष्ठित परोपकारी शामिल हैं, जो व्यक्तिगत रूप से दान देने के लिए प्रख्यात हैं। इस फंड के मुख्य प्रदाताओं में एडेलवीस ग्रुप के साथ बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, मान ट्रस्ट, रोहिणी निलेकानी फिलांथ्रोपीज़, मैकऑर्थर फाउंडेशन, ए.टी.ई. चंद्रा फाउंडेशन, रेनमैटर फाउंडेशन, दालयान फाउंडेशन, ओक फाउंडेशन, एक निजी परोपकारी साझेदार, इंडस फाउंडेशन ऑफ उटा, ओमिद्यार नेटवर्क इंडिया एवं आशीष कचोलिया शामिल हैं। इसके अलावा प्रतिष्ठित व्यवसायी एवं परिवर्तन के दूत, जैसे संजय पुरोहित, रति फ़ोर्ब्स, बिखचंदानी फैमिली, हेलेंका एवं सुनील आनंद, ऑनवार्ड फाउंडेशन एवं गोविंद अईयर ने भी ग्रो फंड में सहयोग दिया है।
एडेलगिव फाउंडेशन की एग्जीक्यूटिव चेयरपर्सन विद्या शाह ने इस समूह की घोषणा पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘हम दिल्ली के 9 एनजीओ को देश के 20 राज्यों से चुने गए ग्रो फंड ग्रांट्स के लिए समूह में शामिल होते देखकर खुश हैं। ये जमीनी स्तर के संगठन गरीबी, स्वास्थ्य, स्वच्छता, शिक्षा और जेंडर राइट्स जैसे विविध क्षेत्रों में राज्य भर में वंचित समुदायों के साथ मिलकर उन सभी को उनका अधिकार दिलाने का अथक प्रयास कर रहे हैं। फाइनेंसियल सहायता के अलावा, दिल्ली के इन चयनित एनजीओ को प्रौद्योगिकी, वित्त, मानव संसाधन, फंडरेजिंग और संचार पर प्रशिक्षण मिलने से अत्यधिक लाभ होगा। इस पूरे कार्यक्रम को एक विशेष 12-14 महीने के कार्यक्रम, संगठन के लिए डेवलपमेंट असेसमेंट टूल तथा ग्रो-हब नॉलेज ज्ञान प्रसार प्लेटफार्म के साथ जोड़ा जाएगा। हम इन सभी एनजीओ को कोविड-19 के कारण आने वाली चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाने के लिए दृढ़ हैं और जमीनी स्तर पर उनके काम को और आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
ग्रो फंड के उद्देश्य के बारे में नगमा मुल्ला, सीईओ, एडेलगिव फाउंडेशन ने बताया, ‘‘हमारा विश्वास है कि वंचित समुदायों के उत्थान के लिए काम कर रहे जमीनी संगठन जमीनी स्तर पर विभिन्न समस्याओं के स्थायी समाधानों का विकास करने के लिए सबसे ज्यादा प्रभावशाली होते हैं। ग्रो फंड द्वारा हमारा उद्देश्य एक सहयोगपूर्ण परोपकार प्रस्तुत करना तथा भारत की एनजीओ की मदद कर उन्हें मजबूत बनाना है। हमें फंड देने वाली संस्थाओं और परोपकारियों के उदार सहयोग के बूते मौजूदा अनुदान 100 चयनित एनजीओ के लिए काफी मददगार होगा और भविष्य में इस तरह के अन्य सहयोगों के द्वार खोलेगा।’’
100 चयनित एनजीओ को एक ओपन एवं पारदर्शी ऑनलाईन आवेदन प्रक्रिया द्वारा चुना गया। हर आवेदन का मूल्यांकन क्वालिटेटिव एवं क्वांटिटेटिव जानकारी के आधार पर फाईनेंशल स्ट्रेंथ, फंडरेज़िंग की क्षमता, विस्तार, फंडिंग के मामले में प्रभाव व महत्वपूर्ण कमियों आदि मानकों पर किया गया। दिल्ली के अलावा भारत के सभी हिस्सों से एक समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए इस समूह में विभिन्न क्षेत्रों जैसे जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, नागालैंड, असम, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना के एनजीओ शामिल हैं।

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