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दिल्ली-एनसीआर में हुई एकरेक्स इंडिया 2024 की शुरूआत, भारत के मैनुफैक्चरिंग हब के रूप में विकसित करने पर होगा फोकस

नई दिल्ली। एचवीएसी आपूर्ति श्रृंखला की आधुनिक तकनीकों को प्रदर्शित करने वाले प्रमुख कार्यक्रम एक्रेक्स इंडिया की शुरूआत आज इंडिया एक्स्पो मार्ट, ग्रेटर नोएडा, दिल्ली-एनसीआर में हुई। इंडियन सोसाइटी ऑफ हीटिंग, रेफ्रीजरेशन एण्ड एयर कंडीशनिंग इंजीनियर्स (ईशरे) द्वारा इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया के साथ साझेदारी में आयोजित इस एक्स्पो ने स्थानीय एवं अंतर्राष्ट्रीय निर्माताओं को सरकारी अधिकारियों, उद्योग जगत के दिग्गजों के साथ जुड़ने का अवसर प्रदान किया है, जिससे उन्हें 2030 तक 30 बिलियन डॉलर के अनुमानित मार्केट साइज़ के कारोबार लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी।
एक्स्पो के भव्य उद्घाटन समारोह के दौरान मौजूद गणमान्य दिग्गजों में- श्री सुशील चौधरी, चेयरपर्सन एक्रेक्स इंडिया; श्री योगेश ठक्कर, नेशनल प्रेज़ीडेन्ट, ईशरे; श्री अनूप बलाने, प्रेज़ीडेन्ट इलेक्ट, ईशरे; श्री योगेश मुद्रास, मैनेजिंग डायरेक्टर, इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया; मिस जिंजर स्कॉगिन्स, प्रेज़ीडेन्ट अशरे; श्री संजय गोयल, सीनियर वाईस प्रेज़ीडेन्ट एवं डायरेक्टर, डैकिन इंडिया; श्री सुंदरसन नारायणन, मैनेजिंग डायरेक्टर, कैरियर इंडिया; और श्री पी. वेंकट राव, चीफ़ ऑपरेशन ऑफिसर, ब्लूस्टार आदि शामिल है।
सेक्टर में मौजूद अवसरों पर बात करते हुए श्री योगेश ठक्कर, प्रेज़ीडेन्ट ईशरे, ने कहा, ‘‘एचवीएसी उद्योग में तेज़ी से विकसित हो रहा है और विभिन्न पहलों जैसे अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर (एसीआईसी) प्रोग्राम के माध्यम से उल्लेखनीय प्रयास किए जा रहे हैं। इस बीच एकरेक्स इंडिया अवसरों एवं प्रगति के प्रतीक के रूप में उभरा है। अगले 5 सालों में इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में 1.45 ट्रिलियन डॉलर के सरकारी निवेश के साथ हम अप्रत्याशित प्रगति दौर में प्रवेश कर रहे हैं।”
“इसके अलावा एचवीएसी टेक्नोलॉजी में आधुनिक प्रगति जैसे वेरिएबल रेफ्रीजरेन्ट फ्लो सिस्टम, मशीन लर्निंग एल्गोरिदम के उपयोग द्वारा प्रेडिक्टिव मेंटेनेन्स आदि रिहायशी एवं कमर्शियल सैटिंग में उर्जा दक्षता, स्थायित्व और लागत में कमी की दृष्टि से ज़बरदस्त बदलाव ला रहे हैं। एक्रेक्स इंडिया ओद्यौगिक विकास के लिए अग्रणी प्लेटफॉर्म के रूप में स्थापित हो चुका है जो न सिर्फ आधुनिक तकनीकों को प्रदर्शित करता है बल्कि आपसी सहयोग एवं इनोवेशन को भी प्रोत्साहित करता है। हमें गर्व है कि हम इसी संवेग को गति प्रदान कर एचवीएसी उद्योग के भविष्य को आकार दे रहे हैं।’’
इस साल के संस्करण में 40 देशों-बेल्जियम, चीन, चैक गणराज्य, इजिप्ट, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, कोरिया, मलेशिया, सउदी अरब, सिंगापुर, स्पेन, स्विट्ज़रलैण्ड, ताईवान, नीदरलैण्ड्स, यूएई, यूके, युक्रेन और यूएसए से 500 से अधिक प्रदर्शक और 30000 से अधिक आगंतुक हिस्सा ले रहे हैं। मुख्य प्रदर्शकों में फुजित्सु जनरल इंडिया प्रा. लिमिटेड, डैकिन, डेनफोस, ब्लूस्टार, टाटा वोल्टास, मित्सुबिशी हैवी, शार्प इंडिया, हायर एचवीएसी सोल्युशन्स, ऐज टेक आदि शामिल हैं।

एक्रेक्स इंडिया को ओद्यौगिक संगठनों जैसे रेफ्रीजरेशन एण्ड एयर कंडीशनिंग ट्रेड्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया एयर कंडीशनिंग एण्ड रेफ्रीजरेशन एसोसिएशन, अमेरिकन सोसाइटी ऑफ हीटिंग, रेफ्रीजरेटिंग एण्ड एयर-कंडीशनिंग इंजीनियर्स, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अमोनिया रेफ्रीजरेशन, एसोचैम इंडिया, इंडियन प्लम्बिंग एसोसिएशन, इंडिया ग्रीन बिल्डिंग काउन्सिल, एफएसएआई का समर्थन प्राप्त है।
इस अवसर पर श्री योगेश मुद्रास, मैनेजिंग डायरेक्टर, इनफोर्मा मार्केट्स इंडिया ने कहा, एकरेक्स इंडिया, “2070 तक कार्बन न्यूट्रेलिटी हासिल करने के भारत के महत्वकांक्षी लक्ष्यों के अनुरूप एचवीएसी एण्ड आर सेक्टर में पर्यावरण के प्रति सजग प्रथाओं को अपनाने पर ज़ोर देता है। यह एक महत्वपूर्ण मंच है जहां उद्योग जगत के दिग्गज एक दूसरे के साथ अपने विचारों का आदान प्रदान करते हैं और आधुनिक समाधानों का अनावरण करते हैं। इस साल के एक्सपो में कई फीचर्स पेश किए गए हैं जैसे स्टार्टअप पैविलियन, इनोवेशन ज़ोन, डेमो ज़ोन बी2बी बैठकें, सेमिनार एवं कार्यशालाएं, लॉन्च पैड, सोल्युशन सेंटर और आइडिया प्रेज़ेन्टेशन। दूसरे और तीसरे दिन महत्वपूर्ण विषयों पर पावर पैक्ड सत्रों और गोलमेज चर्चाओं का आयोजन किया जाएगा। इन विषयों में शामिल हैं-एचवीएसी उद्योग में कौशल की खामियां, इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं निर्माण क्षेत्र के लिए एचवीएसी तकनीकों का रूपान्तरण। इन सत्रों के साथ एकरेक्स इंडिया उद्योग जगत में इनोवेशन और विकास को गति प्रदान करने के लिए प्रयासरत है।’’
उद्योग जगत के विकास पर ज़ोर देते हुए श्री संजय शर्मा, मार्केटिंग डायरेक्टर, कैरियर इंडिया ने कहा, ‘‘भारत के एचवीएसी उद्योग की बात करें तो आज के दौर में तेज़ी से शहरीकरण हो रहा है, नई इमारतें विकसित की जा रही हैं और मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में प्रगति हो रही है। एक अनुमान के मुताबिक 2030 तक 1 मिलियन से अधिक आबादी वाले भारीय शहरों की संख्या 42 से बढ़कर 68 तक पहुंच जाएगी, ऐसे में एचवीएसी सिस्टम्स की मांग बढ़ेगी। इसके अलावा अगले दो दशकों में देश की 50 फीसदी से अधिक इमारतें बनाई जाएंगी, ऐेसे में इस मार्केट में अपार संभावनाएं हैं। सरकार इस विकास को गति प्रदान करने के लिए आत्मनिर्भरता पर ज़ोर दे रही है।’’
आधुनिक तकनीकों के प्रदर्शन के अलावा एक्सपो में कई विषयों पर गोलमेज चर्चाएं भी होंगी जैसे नेट ज़ीरो 2070; एचवीएसी ट्रेड में बड़े एवं एमएसएमई निर्माताओं के लिए रोडमैप तथा विश्वस्तरीय एवं घरेलू उर्जा रूपान्तरण बाज़ार में विनियामक बदलाव। दूसरे दिन की चर्चा में भारत में वर्कफोर्स डेवलपमेन्ट एवं सर्विसिंग टेकनिशियन्स स्किल डेवलपमेन्ट प्रोग्राम के क्षेत्रीय अवलोकन पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। साथ ही एचवीएसी उद्योग में कौशल की खामियों को दूर करने संबंधी विषय पर गोलमेज चर्चा होगी। तीसरे दिन इन्फ्रास्ट्रक्चर और बिल्डिंग सेक्टर्स के लिए एचवीएसी तकनीकों के रूपान्तरण पर विचार-विमर्श होगा।
हाल ही के वर्षों में एचवीएसी उद्योग तेज़ी से विकसित हुआ है। एक अनुमान के मुताबिक भारत का एचवीएसी मार्केट 2023 से 2028 के बीच 10.77 फीसदी की दर से बढ़कर 3.98 बिलियन तक पहुंच जाएगा। इस विकास का श्रेय कई कारकों को दिया जा सकता है जैसे इन्वर्टर एचवीएसी सिस्टम की बढ़ती मांग, बढ़ता ऑफिस स्पेस एब्ज़ॉर्प्शन और रेंटल एचवीएसी समाधानों की बढ़ती मांग। गगन-चुंबी इमारतों, दूसरे स्तर के शहरों में हाइपरमार्केट्स तथा शॉपिंग मॉल्स एवं कॉम्पलेक्सेज़ के चलते इस उद्योग का विकास हो रहा है, इन सभी सेक्टरों में एचवीएसी सिस्टम्स ज़रूरी हैं।

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