व्यापार

बजट 2019-20 पर केसी रवि की प्रतिक्रिया

केसी रवि, चीफ सस्टेनेबिलिटी ऑफ़िसर, सिंजेंटा इंडिया लिमिटेड
2019-20 के बजट में कृषि की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण घोषणा 75,000 कुशल कृषि उद्यमियों के निर्माण की है। इससे भारत के गांवों में उद्यमशीलता की भावना बढ़ेगी और कृषि क्षेत्र को अत्यधिक बढ़ावा व प्रोत्साहन मिलेगा। कृषि व्यापार के विकास में पब्लिक-प्राईवेट पार्टनरशिप्स का गठन करने से दीर्घकालिक मदद मिलेगी, क्योंकि प्राईवेट सेक्टर में अनेक सफल माॅडल मौजूद हैं। दूसरी महत्वपूर्ण घोषणा 10,000 और फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाईजेशंस (एफपीओ) के निर्माण की है। यहां ध्यान देने वाली बात इनका क्रियान्वयन होगी, क्योंकि अभी तक निर्मित किए गए अनेक एफपीओ किसान समुदाय के लिए सामूहिक मोलभाव की शक्ति में सुधार का उद्देश्य पाने में सफल नहीं हो सके। ज्यादा प्रोफेशनलिज्म प्रदान करने पर केंद्रण से एफपीओ की सफलता सुनिश्चित होगी और इस क्षेत्र में भी पीपीपी मोड में प्राईवेट सेक्टर के अनुभव का फायदा उठाया जा सकता है। किसानों (अन्नदाता) को पाॅवर जनरेटर (ऊर्जादाता) बनाने का सरकार का उद्देश्य भारत के गांवों में उद्यमशीलता की भावना की नई लहर लाएगा और 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के भारत सरकार के उद्देश्य को मजबूत करेगा।
गांव, गरीब और किसान पर भारत सरकार का केंद्रण अनेक अभियान शुरु करेगा, जिनमें प्राईवेट सेक्टर साझेदारी कर सकता है। बजट में प्रगतिशील कार्यक्रमों द्वारा किसानों को न केवल जरूरी बल प्रदान करने की प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है, बल्कि यह बिजली, रसोई गैस, सड़क, हाउसिंग सुनिश्चित कर व उनकी उद्यमशीलता की क्षमताओं का विकास कर उनके लिए अनुकूल वातावरण भी निर्मित करता है। वित्तमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि ईज आॅफ डूईंग बिजनेस और ईज आॅफ लिविंग पारंपरिक ढांचे- जिसमें किसानों को उनके क्षेत्र के आधार पर देखा जाता है, न कि उनके संपूर्ण जीवनचक्र के आधार पर- के बाहर किसानों पर भी लागू होने चाहिए। इन सभी प्रयासों से मौजूदा योजनाओं, जैसे ग्रामीण, ई-नाम आदि को बल मिलेगा और कृषि निरंतर विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ेगी।

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