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जयपुर में पहले इंटरनेशनल जैम ज्वैलरी शो का शुभारंभ, इस आयोजन में विश्व के 48 देशों के प्रतिनिधि कर रहे हैं शिरकत

जयपुर। जैम एण्ड ज्वैलरी एक्सपोट प्रमोशन (GJEPC) कौंसिल की ओर से आज यहां सीतापुरा स्थित जेईसीसी (JECC) में पहले इंटरनेशनल जैम एण्ड ज्वैलरी शो का शुभारंभ किया गया। इस आयोजन में विश्व के 48 देशों के 8000 से अधिक बायर्स और 500 से अधिक एक्जीबिटर्स हिस्सा ले रहे हैं। इस साल GEMFIELDS IGJS 2022 के लिए सहयोगी भागीदार है
इस अवसर पर श्री अरूलानन्दन, डायरेक्टर, वाणिज्य विभाग भारत सरकार, श्री दिलीप शाह संयोजक इंटरनेशनल एक्जीबिशन जीजेईपीसी, रीजनल चेयरमैन निर्मल बरडिया, कलर जेम स्टोन पैनल के संयोजक श्री विजय केडिया और जीजेईपीसी, के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री सब्यसाची रे भी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर कौंसिल के चेयरमैन श्री कॉलिन शाह ने इस आयोजन की जानकारी देते हुए बताया कि इस शो का मकसद स्थानीय जैम एण्ड ज्वैलरी निर्माताओं को एक्सपोर्ट के लाभ और उससे जुडने के बारे में जानकारी देना है। वर्तमान में इस कौंसिल के 8000 सदस्यों में से केवल 2500 सदस्य ही एक्सपोर्ट कर पा रहे हैं, इसका कारण है उन्हें एक्सपोर्ट के बारे में जानकारी का अभाव होना है। उन्होंने कहा कि जैम एण्ड ज्वैलरी प्रमोशन कौंसिल जयपुर को जैम हब बनाने के लिए प्रयासरत है और आषा है कि इस दिशा में जल्द ही जयपुरवासियों को यह सौगात मिल सकेगी तथा यह घरेलू निर्माताओ के लिए काफी लाभकारी होगा।
श्री शाह ने कोरोना के पहले दौर मे इस उद्योग को काफी नुकसान उठाना पड़ा है लेकिन विगत छह माह में हालात सामान्य है। उन्होंने बताया कि भारत की जीडीपी में जैम एण्ड ज्वैलरी इण्डस्ट्रीज का योगदान 7 से 10 प्रतिशत है वहीं यह सेक्टर 5 मिलियन लोगों को रोजगार उपलब्ध करवा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व के कुल 400 बिलियन एक्सपोर्ट में 10 प्रतिशत योगदान दे रहा है, वर्तमान में अमेरिका विश्व का सबसे बड़ा निर्यातक है जो विश्व के कुल निर्यात का 50 प्रतिशत माना जाता है। उन्होंने जानकारी दी कि गत वितीय वर्ष में जैम एण्ड ज्वैलरी उद्योग में 56 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है। वित वर्ष 2020-21 में भारत ने 39.15 बिलियन डॉलर करीब 3 लाख करोड़ रुपए का जैम एण्ड ज्वैलरी एक्सपोट किया वित वर्ष 2021 में भारत ने कुल 25.40 बिलियन डॉलर का निर्यात किया था। भारत के सकल निर्यात में जैम एण्ड ज्वैलरी का बड़ा योगदान होता है।
उन्होंने बताया कि मार्च में जैम एण्ड ज्वैलरी का कुल निर्यात 4.33 प्रतिशत से बढ़ कर 3.39 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया जो पिछले वित वर्ष की समान अवधि के 3.40 बिलियन डॉलर के मुकाबले 0.46 प्रतिशत कम है। श्री शाह ने बताया कि वैश्विक बजार में भारत का निर्यात 54 प्रतिशत बढ़ गया है।
यह पूछे जाने पर कि जयपुर कलर्ड स्टोन कटिंग में श्रेष्ठ माना जात है इसे प्रमोट करने की दिशा में यह कौंसिल क्या कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए इस सेक्टर को मार्केटिंग पर ध्यान देना चाहिए साथ ही सरकार को भी इस दिशा में आगे आना चाहिए।
इससे पूर्व उद्घाटन सत्र में कौसिंल के पदाधिकारियों द्वार दीप प्रज्जवलन के बाद कौसिंल चेयरमैन श्री कॉलिन शाह ने कहा कि यह पहला इंटरनेशनल शो है और जयपुर में लिए यह गौरव की बात है कि इतना बड़े आयोजन की मेजबानी गुलाबी शहर कर रहा है। उन्होंने इस तीन दिवसीय आयोजन के कार्यक्रमों की जानकारी दी तथा अगले एक वर्ष के दौरान होने वाले अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों जानकारी दी तथा बताया कि अगले साल जयपुर मे इसी स्तर का आयोजन किया जाएगा।
वाणिज्य एक उद्योग मत्रालय के प्रतिनिधि अरुला नंदन ने अपने स्वागत भाषण में बताया कि देश की जीडीपी में इस उद्योग का योगदान काफी रहा है और यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के निर्धारित लक्ष्यों को पूरा कर चुका है।
भारत वैश्विक रत्न और आभूषण उद्योग में सालाना लगभग 40 बिलियन अमरीकी डालर के निर्यात के साथ एक प्रमुख भूमिका निभाता है। भारत के G&J निर्यात में 37%, हांगकांग (24%), UAE (14.5%), बेल्जियम (5%) और इज़राइल (4%) के लिए शीर्ष बाज़ारों में संयुक्त राज्य अमेरिका का योगदान है।
श्री अरुलनंदन, निदेशक, वाणिज्य विभाग, सरकार। भारत के, ने कहा, “मुझे जयपुर में IGJS के पहले संस्करण का हिस्सा बनकर खुशी हो रही है। सरकार और मंत्रालय की भूमिका नियंत्रकों से सुगमकर्ताओं की हो गई है। जीजेईपीसी निर्यात समुदाय और सरकार के बीच मुख्य कड़ी है; हम व्यापार के मुद्दों को एक साथ संबोधित करते हैं। जीजेईपीसी सबसे संगठित और कुशल परिषदों में से एक है और रत्न और आभूषण क्षेत्र हमें प्रिय है। यह 5 मिलियन लोगों को रोजगार देता है, और देश के कुल निर्यात में 10% का योगदान देता है।’’
अपने धन्यवाद प्रस्ताव में, श्री दिलीप शाह, संयोजक, अंतर्राष्ट्रीय राष्ट्रीय प्रदर्शनी, जीजेईपीसी ने कहा, “हमें आईजीजेएस को जयपुर में लाकर खुशी हो रही है, जहां परिषद ने शुरू में इसे आयोजित करने की योजना बनाई थी। महामारी के बाद रत्न और आभूषणों की अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जबरदस्त मांग रही है, जो भारत के पिछले साल के निर्यात में भी परिलक्षित होता है, जिसका लगभग 40 बिलियन अमरीकी डालर था। हमारे सभी अंतरराष्ट्रीय समन्वयकों को मेरा विशेष धन्यवाद जिन्होंने दुनिया के सभी हिस्सों से खरीदार प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नेपाल जेम एंड ज्वैलरी एसोसिएशन को मेरा विशेष धन्यवाद; दुबई गोल्ड एंड ज्वैलरी ग्रुप (डीजीजेजी); बांग्लादेश ज्वैलरी एसोसिएशन (BAJUS); मिग्जा; और श्रीलंका जेम एंड ज्वैलरी एसोसिएशन उनके समर्थन के लिए और इन संबंधित देशों से खरीदार प्रतिनिधिमंडलों को लाने के लिए।”
इस अवसर पर कौंसिल के पदाधिकारियों ने इस आयोजन में योगदान करने वाले विभिन्न देशों और भारत के सहयोगियों का पुष्प गुच्छ और शॉल पहना कर स्वागत किया।

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