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लोटस पेटल फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘सेलिब्रेटिंग इम्पैक्ट 2022-23’ कॉन्क्लेव में सुविधाओं से वंचित बच्चों के लिए अथक प्रयास करने वाली कंपनियों, समाजसेवियों को मिला सम्मान

गुरूग्राम। लोटस पेटल फाउंडेशन ने धुनेला, गुरूग्राम स्थित न्यू लोटस पेटल सीनियर सेकेंडरी स्कूल कैम्पस में 25 फरवरी 2023 को अपने पहले इम्पैक्ट कॉन्क्लेव “सेलिब्रेटिंग इम्पैक्ट 2022-23” का जश्न मनाया। इस मौके पर सुश्री मंजरी जरूहार, बिहार की पहली महिला आईपीएस और पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित डॉ. बिंदेश्वर पाठक विशेष रूप से उपस्थित रहे।
इस कॉन्क्लेव में ऐसे समर्थकों के योगदान को सम्मानित किया गया जिन्होंने सामाजिक प्रभाव के तीन आयामों – व्यापकता, गहराई और अवधि, पर काम करते हुए सुविधाओं से वंचित बच्चों के जीवन में बदलाव लाने के संस्था के लक्ष्य हासिल करने में सहायता की। इस कॉन्क्लेव की मेज़बानी लोटस पेटल फाउंडेशन के छात्रों द्वारा सफलतापूर्वक की गई और सुविधाओं से वंचित पृष्ठभूमि से आए 1400 से अधिक छात्रों के जीवन में आए बदलाव का जश्न मनाने के लिए अपने अलग दृष्टिकोण के लिए सभी हितधारकों द्वारा इस कार्यक्रम की सराहना की गई।
शिक्षा, पोषण और आजीविका – इन तीन विषयों में से एक के अंतर्गत ऐसी कंपनियों और स्वतंत्र व्यक्तियों, दुनियाभर में बदलाव लाने वाले लीडर्स को सम्मानित किया गया जो बहुत बड़ा सामाजिक बदलाव ला रहे हैं और जो लोटस पेटल फाउंडेशन के लिए अपने लगातार और पूर्ण समर्थन के माध्यम से एक संवहनीय भविष्य के लिए मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।
कुछ महत्वपूर्ण कंपनियाँ जिन्हें कॉन्क्लेव के दौरान सम्मानित किया गया उनमें शामिल हैं ब्रिटिश एयरवेज कॉल सेंटर, ब्लैकरॉक, ब्लैकस्टोन, सेंट्रेंट फार्मास्यूटिकल्स, सिस्को, कॉन्सेन्ट्रिक्स, डेलॉइट, फेयरपोर्टल, फीडिंगइंडिया, गूगल, जीटीपीएलहैथवे, केपीएमजी, एलएंडटी, मैक्वायर, मेरियनइंडिया, मोटरकेयरइंडिया, एनसीआर, ऑस्ट्रा, पीडबल्यूसी, आरटीआई, सरोवरहोटल्स, सिनॉप्सिस, यूनीफायडॉट्स, यूनाइटेडवेदिल्ली, वियोलियाऔरकईअन्य।
कुशल चक्रवर्ती, लोटस पेटल फाउंडेशन के संस्थापक और मैनेजिंग डायरेक्टर ने कॉन्क्लेव में बोलते हुए अपने भाषण में सामाजिक प्रभाव के तीन आयामों व्यापकता, गहराई और अवधि को प्रमुखता से सामने रखा। उन्होंने जानकारी साझा करते हुए कहा, “ व्यापकता तो स्वाभविक है लेकिन अन्य दो भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। “बड़ा है तो बेहतर है” वाली मानसिकता बिज़नेस की दुनिया से आगे सामाजिक क्षेत्र में भी फैल गई है। और यह एक अच्छे कारण के लिए है।” लोटस पेटल फाउंडेशन और इसकी शुरूआत से अब तक लाए गए परिवर्तन पर भी उन्होंने प्रकाश डाला। “हम सुविधाओं से वंचित पृष्ठभूमि वाले बच्चों को समान अवसरों के साथ सक्षम बनाने के सामाजिक बदलाव के बारे में बात कर रहे हैं। लोटस पेटलफाउंडेशन में हमारा ध्यान ऊपर जाने वाली एक संपूर्ण सामाजिक गतिशीलता उपलब्ध कराने पर केंद्रित है। इसलिए जब एक ऐसा पूर्व छात्र, जिसके माता-पिता रोज़ाना मज़दूरी कर आजीविका कमाते हैं और जो कभी स्कूल नहीं जा पाए, एक प्रतिष्ठिक वैश्विक संस्था में एक सॉफ्टवेयर टेस्टिंग एक्ज़ीक्यूटिव की तरह जाकरप्रति व्यक्ति आय से दोगुना ज़्यादा कमाता है, जिसकी प्राथमिकता आर्थिक स्वतंत्रता है, तो हम कहते हैं, हाँ यही बदलाव है। हमारे बदलाव की अवधि आजीवन और स्थायी है। इसके लिए एकाग्रता से ध्यान केंद्रित करने, नवाचार करने और न सिर्फ शिक्षा, बल्कि स्वास्थ्य और पोषण, आजीविका, 21वीं शताब्दी के कौशल प्रदान करने, छात्रों और उनके माता-पिता का समुपदेशन करने, और उनके द्वारा नौकरी करना शुरू करने के बाद कुछ वर्षों तक निरंतर मार्गदर्शन करने जैसे सभी आयामों पर काम करने की ज़रूरत होती है। इसमें समय लगता है लेकिन यह बदलाव जीवनभर के लिए होता है।”
शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रह रहे सुविधाओं से वंचित बच्चों के लिए समान अवसऱों के निर्माण के प्रमुख उद्देश्य के साथ नवंबर 2011 में लोटस पेटल फाउंडेशन, एक ग़ैर-लाभकारी संस्था, की स्थापना की गई। एक दुकान में सात बच्चों के साथ शुरू की गई एक स्कूल अब एक आंदोलन का रूप ले चुकी है जो सारी दुनिया से ऐसे व्यक्तियों और संस्थाओं को एक साथ लाता है जो भारत के गुरूग्राम की शहरी झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों और युवाओं को निजी स्कूलों जैसी शिक्षा, पोषक आहार, स्वास्थ्य देखभाल, कौशल विकास और आजीविका के विकल्प उपलब्ध कराने के लिए पैसे दान करते हैं और स्वयंसेवक के रूप में काम करते हैं।

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