व्यापार

NDMA ने आपदा प्रबंधन के दौरान साहसिक कार्यों के लिए आपदा मित्रों (डिज़ास्‍टर वॉलंटियर्स) को किया सम्‍मानित

नई दिल्‍ली। भारत की जी20 अध्‍यक्षता के अंतर्गत, राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने दिल्‍ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) तथा स्‍व-सहायता समूहों एवं गऊ संबंधी उत्‍पादों के लिए समर्पित सहकारिता सोसायटी ‘गौ समग्र’ के साथ मिलकर एक जन भागीदारी कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान, किसी भी आपातकालीन स्थिति में सबसे पहले सहायता के लिए आगे आने वाले आपदा मित्रों की महत्‍वपूर्ण भूमिकाओं के लिए उन्‍हें सम्‍मानित किया गया।
श्री कमल किशोर, सदस्‍य सचिव, एनडीएमए ने बताया कि ‘अपदा मित्र योजना’ देशभर में आपदाओं के मद्देनज़र तैयारियों के व्‍यापक मकसद को साकार करने में सहयोग करती है। ”आपदा मित्र अपने निस्‍स्‍वार्थ सेवा भाव के चलते सही मायने में, आपदा प्रबंधन के दौरान सच्‍चे संरक्षक साबित होते हैं। उनके समर्पण और साहस को स्‍वीकार किया जाना चाहिए तथा उनके योगदान के लिए उनका आभार व्‍यक्‍त किया जाना चाहिए।”
एनडीएमए द्वारा लागू ‘आपदा मित्र योजना’ की प्रमुख खूबियों के बारे में जानकारी देते हुए श्री राजेंद्र सिंह, सदस्‍य, एनडीएमए ने कहा, ”राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने ‘आपदा मित्र’ योजना के जरिए सामुदायिक भागीदारी और आपदाओं से निपटने की तैयारियों को बढ़ावा दिया है। इस पहल के चलते, देशभर के 25 राज्‍यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पायलट परियोजना के तहत् 30 बाढ़-आशंकित जिलों में प्रत्‍येक में 200 स्‍वयंसेवियों के साथ, 6000 से अधिक सामुदायिक स्‍वयंसेवियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। यह प्रशिक्षण आपदा के दौरान प्रतिक्रियाओं (रिस्‍पॉन्‍स), खासतौर से बाढ़ प्रभावित स्थितियों में, पर ज़ोर देता है ताकि ये स्‍वयंसेवी किसी भी आपदा के बाद तत्‍काल सामुदायिक जरूरतों को पूरा कर सकें।”
उन्‍होंने बताया, ”इस योजना को अब देशभर में विस्‍तार दिया जा रहा है और करीब 350 ऐसे जिलों में 100,000 स्‍वयंसेवियों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्‍य है जिनके बाढ़, चक्रवाती तूफान, भूस्‍खलन तथा भूकंपों जैसी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित होने की आशंका बनी रहती है। यह पहल आपदा जोखिम में कमी (डिज़ास्‍टर रिस्‍क रिडक्‍शन (डीआरआर) के लिए देशभर में स्‍वयंसेवा की संस्‍कृति को बढ़ावा देती है।”
आज आयोजित कार्यक्रम में, गौ समग्र के प्रतिनिधियों ने दिल्‍ली राज्‍य आपदा मित्रों को राखी बांधकर सुरक्षा तथा एकता की भावना का परिचय दिया। ये राखियां गाय के गोबर से निर्मित थी, जो कि वास्‍तव में, संगठन द्वारा पर्यावरण अनुकूल (सस्‍टेनेबल) प्रयासों को प्रोत्‍साहन देने और महिला स्‍व-सहायता समूहों को सशक्‍त बनाने की पहल है। यह सहयोग सामुदायिक भागीदारी और आपदा प्रबंधन रणनीतियों के तहत् क्षमता-निर्माण के महत्‍व को रेखांकित करता है।
‘गौ समग्र रक्षा बंधन अभियान’ किसी भी संकट या प्राकृतिक आपदाओं के दौरान समुदायों की सुरक्षा करने वाले आपदा मित्रों के अद्भुत प्रयासों के महत्‍व को स्‍वीकार करता है। इस कार्यक्रम में, आपदा मित्रों ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए न सिर्फ अपने महत्‍वपूर्ण योगदानों की जानकारी दी बल्कि अन्‍य लोगों को भी आपदा प्रबंधन के लिए आगे आने को प्रोत्‍साहित किया। ‘गौ समग्र रक्षा बंधन अभियान’ समुदाय के स्‍तर पर आपदा प्रबंधन के सामूहिक जज्‍़बे को मान्‍यता प्रदान करने की पहल है। इस कार्यक्रम के जरिए, एनडीएमए ने न सिर्फ आपदा मित्रों के समर्पण और उनके सेवा भाव को सम्‍मानित किया है बल्कि पूरे देश को आपदाओं तथा संकट की स्थिति में तैयार रहने और अधिक मजबूत बनने के लिए राष्‍ट्रव्‍यापी आंदोलन चलाने की प्रेरणा भी दी है।
समारोह की मुख्‍य अतिथि मणिपुर की माननीय राज्‍यपाल सुश्री अनुसुइया उइके ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह जी20 जन भागीदारी कार्यक्रम की भावना के अनुरूप है, और भारत जैसी उदीयमान अर्थव्‍यवस्‍थाओं की आपदा तैयारियों के लिए प्रतिबद्धता जाहिर करती है। आधुनिक दौर में जिस तरह से विभिन्‍न देशों के सामने जोखिम और खतरे मंडराते रहते हैं, उनके मद्देनज़र आपदाओं से निपटने की तैयारियों को मजबूत बनाना तथा रिस्‍पॉन्‍स को अधिक धार देना महत्‍वपूर्ण है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *