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डेलॉइट द्वारा उपलब्ध प्लेबुक करेगी घर पर कोविड-19 से लड़ने में मदद

नई दिल्ली। भारत में ओमीक्रॉन के बढ़ते मामलों से निपटने में मदद करने के लिए डेलॉइट एक प्लेबुक उपलब्ध करा रही है। प्लेबुक में उल्लिखित प्रोटोकॉल सरकारों को कोविड-19 (SARS-CoV-2) मामलों में वृद्धि को संबोधित करने के लिए आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल सहायता और संसाधनों को शीघ्रता से बढ़ाने में सक्षम कर सकते हैं। यह ‘प्लग एंड प्ले’ मॉडल पर्यवेक्षित घर-आधारित देखभाल की सिफारिश करता है जिसे समुदाय के उन लोगों की सहायता के लिए आसानी से अपनाया जा सकता है जो चिकित्सकीय रूप से घर पर ठीक होने में सक्षम हैं।
प्लेबुक मई 2021 में करनाल, हरियाणा, भारत में शुरू की गई एक पर्यवेक्षित, वर्चुअल होम केयर पहल, नीति आयोग, ‘संजीवनी परियोजना’ से प्राप्त सीखों के साथ-साथ महामारी के प्रबंधन में दक्षिण अफ्रीका में डेलॉइट के अनुभव पर आधारित है। दूसरी लहर के चरम के दौरान, हरियाणा सरकार और डेलॉइट की पहल ने करनाल के लोगों को घर पर स्वास्थ्य सेवा तक जल्दी पहुंचने में मदद की थी, जिससे प्रभावी रूप से मृत्यु दर में 50 प्रतिशत की कमी आई थी। 90 प्रतिशत से अधिक रोगियों का इलाज घर पर या आइसोलेशन केंद्र पर किया गया, जिससे जिला अस्पताल पर दबाव कम करने में मदद मिली, जिसके परिणामस्वरुप गंभीर रूप से बीमार लोगों के लिए बेड्स आसानी से उपलब्ध हो सके। भारत में इसकी सफलता के बाद, इस ‘संजीवनी परियोजना’ पहल को दक्षिण अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया में भी अपनाया गया।
डेलॉयट, पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के डॉ के श्रीनाथ रेड्डी और हरियाणा में पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के डॉ ध्रुव चौधरी द्वारा डिजाइन और समर्थित प्लेबुक, सामूहिक रूप से महामारी से निपटने के लिए डिजिटल और मानवीय हस्तक्षेप के महत्व पर प्रकाश डालती है।
डेलॉइट के वैश्विक सीईओ पुनीत रेनजेन ने कहा, ‘डेलॉयट प्लेबुक घर पर लोगों के लिए पर्यवेक्षित स्वास्थ्य सेवा लाने में मदद करती है, जिससे ‘मेडिकल वार्ड का विस्तार होता है।’ यह पूर्णरूप से लागू होने पर ग्रामीण, वंचित समुदायों तक पहुंचने के लिए बहुत आवश्यक चिकित्सा देखभाल और संसाधन लाता है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘यह ‘फिट-फॉर-पर्पस’ दृष्टिकोण एक ऐसा मॉडल तैयार करेगा जो महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संसाधनों तक पहुंच के साथ व्यापक स्वास्थ्य इक्विटी को सक्षम बनाएगा। मुझे विश्वास है कि मॉडल को व्यापक रूप से अपनाने से कम लागत पर दीर्घकालिक स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का समाधान होगा। यह भारत और दुनिया के लिए पूर्णरूप से सत्य है।’
यह घर-आधारित देखभाल मॉडल एक पाँच सूत्री पहल है जो निम्नलिखित सहायता प्रदान करने में सक्षम है।

  • मेडिकल संसाधनों के प्रबंधन में सहायता

ट्रैकिंग सिस्टम और डिजिटल सुविधाओं द्वारा पूरक एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र। यह रीयल-टाइम स्थितिजन्य विश्लेषण प्रदान करेगा जिससे बेड, ऑक्सीजन और मेडिकल प्रोफेशनल जैसे दुर्लभ संसाधनों के प्रबंधन में सहयता होगी तथा रोकथाम और पता लगाने के उपायों का प्रबंधन भी हो सकेगा।

  • संक्रमित मरीजों की निगरानी

वर्चुअल हेल्थ, एक टेली-हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम, नागरिकों को लक्षणों के आने के बाद किसी भी संभावित वृद्धि को रोकने के लिए समर्थन। इसका प्रबंधन सावधानी से चयनित, व्यापक रूप से प्रशिक्षित और चिकित्सकीय रूप से पर्यवेक्षित वालंटियर्स द्वारा किया जाता है जो एक सख्त प्रोटोकॉल के तहत काम करते हैं जिसके तहत लक्षणों की पहचान करना, होम आइसोलेशन में मरीजों की निगरानी करना और जरूरतमंद मरीजों को लाइसेंस प्राप्त डॉक्टरों को रेफर करना शामिल है।

  • महामारी बढ़ने पर मदद

महामारी बढ़ने की स्थिति में सभी स्तरों के प्रभावी उपयोग को सक्षम करने के लिए टीएर्ड मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर जो कि फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से लेकर टरशिआरी केयर हॉस्पिटल्स तक एक समान और प्रभावी तरीके से सक्षम करता है।

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