आरईपीएल की 26वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) का हुआ आयोजन
नई दिल्ली। अग्रणी शहरी विकास और बुनियादी ढांचा परामर्श फर्म आरईपीएल (रुद्राभिषेक एंटरप्राइजेज लिमिटेड) ने आज वाईडब्ल्यूसीए, नई दिल्ली में अपनी 26वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) आयोजित की। जुलाई 2018 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने के बाद यह कंपनी का पहला एजीएम था। कंपनी ने पिछले कई वर्षों के रुझानों को बरकरार रखते हुए मजबूत विकास दिखाया है।
आरईपीएल के सीएमडी श्री प्रदीप मिश्रा ने कहा, ‘वित्तीय वर्ष 2017-18 हमारी कंपनी के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ है, इस वर्ष हमने कई उपलब्धियां हासिल की है। हमारी कंपनी रुपये की बिक्री 38.42 करोड़ दर्ज की गई और ईबीआईटीडीए 8.44 करोड़ रुपये रहा। इस साल हमारी ग्रोथ रेट 39.40% की है जो पिछले वित्त वर्ष मे 20.63ः की थी और पीएटी रु 5.26 करोड़ का है। कंपनी का (एनएसई – एसएमई एमर्ज प्लेटफॉर्म) में सूचीबद्ध न केवल हमारी विश्वसनीयता को बढ़ाया है बल्कि सार्वजनिक क्षेत्र मे हमे एक बड़ी इंडस्ट्री का हिस्सा बना दिया है।
वित्तीय वर्ष के दौरान आरईपीएल को कानपुर स्मार्ट सिटी, देहरादून स्मार्ट सिटी, डीजी-एमएपी मेरठ, प्रधानमंत्री आवास योजना – यूपी, और स्ट्रीट वेंडिंग प्लान-हरियाणा आदि जैसी कई बड़े पैमाने पर प्रतिष्ठित परियोजनाओं से सम्मानित किया गया। श्री मिश्रा ने आगे कहा कि आने वाले वित्तीय वर्ष में कंपनी राजमार्ग जैसे बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ने का लक्ष्य रख रही है। कंपनी पहले से ही केंद्र और राज्य सरकारों के साथ अनुबंधित है और समग्र रूप से सरकार की नीतियों के अनुसार विभिन्न परियोजना पर काम कर रही है। हमें विश्वास है की शहरी विकास और आधारभूत संरचना में लम्बा अनुभव आने वाले वर्ष में हमारे लिए अधिक व्यावसायिक अवसर उत्त्पन करेगा।
पिछले वर्ष के दौरान आरईपीएल ने बीआईएम (बिल्डिंग सूचना मॉडलिंग) के कार्यान्वयन के लिए हंगेरियन बहुराष्ट्रीय कंपनी ग्राफिसॉफ्ट के साथ एक महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैंय और एसटीआर विजन सीपीएम (निर्माण परियोजना प्रबंधन) के लिए इतालवी फर्म टीम सिस्टम एसपीए के साथभी करार किया। अब आरईपीएल देश में कुछ अग्रणी बीआईएम अनुपालन परामर्श फर्मों में से एक है और ये तकनीकी अनुप्रयोग हमें ग्राहकों को अधिक लागत प्रभावी मामले में बेहतर सेवा प्रदान करते हैं।
एनएसई में लिस्टिंग के बाद, आरईपीएल नेट वर्थ बढ़ गया है और अब यह उस लीग में है जिसमे अभी तक बड़े पैमाने पर एमएनसी कंपनियों का प्रभुत्व था, लेकिन भारतीय रुपया (आईएनआर) के अवमूल्यन ने आरईपीएल और अन्य घरेलू कंपनियों को इस क्षेत्र मे बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर बढ़त दी है।