व्यापार

सोहार पोर्ट एंड फ्रीज़ोन ने ओमान में मेटल इंडस्ट्रीे की कंपनियों को जानकारी और अवसर देने के लिये एफआईसीसीआई के साथ साझेदारी की

मुंबई। ओमान सल्तहनत के सोहार पोर्ट एंड फ्रीज़ोन ने फेडरेशन ऑफ इंडियन चौम्बइर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एफआईसीसीआई) के साथ मिलकर पाँच भागों की वेबिनार सीरीज फोर्जिंग अहेड इन मेटल्सए टू मैक्जीसमाइस योर मार्केट रीच का तीसरा भाग शुरू किया है। तीसरा सेशन 25 जनवरी, 2022 को भारतीय मेटल प्रोड्यूसर्स को सोहार पोर्ट एंड फ्रीज़ोन के रणनीतिक फायदों, डाउनस्ट्रीेम मेटल ऑपरेशंस में अवसरों और उन भारतीय कंपनियों की औद्योगिक सफलता की गाथाओं पर जानकारियाँ देने के लिये आयोजित होगा, जिन्होंने सोहार को चुना है।

वेबिनार सीरीज के तीसरे भाग में निम्न लिखित विषय होंगे :

  • सोहार के रणनीतिक फायदे, सोहार पोर्ट एंड फ्रीज़ोन के कमर्शियल मैनेजर रॉबर्ट बार्टस्ट्रां द्वारा
  • सोहार में अवसरों का लाभ उठाना, सोहार फ्रीज़ोन के कमर्शियल ऑफिसर मोहम्मरद अल किंदी द्वारा
  • लॉजिस्टिक समाधान, ओमान एलएलसी में कमर्शियल डिपार्टमेंट के हेड सी. स्टेमनवेग द्वारा

पैनल चर्चाओं के विषय होंगे सोहार में मेटल्सम और उनके औद्योगिक समाधान। उनमें उद्योग की जानी-मानी हस्तियाँ भी होंगी, जैसे :
अनिन्द्य दास (फाइनेंशियल कंट्रोलर, अल तम्माान इंडसिल फेरोक्रोम एलएलसी), जेसन मूडली (सप्लाॉय चेन मैनेजमेंट मैनेजर, सोहार एल्युकमिनियम) और सुनील कुमार (चीफ मैनेजमेंट ऑफिसर, जिंदल शदीद आयरन एंड स्टीजल एलएलसी)
यह सेशन सोहार के क्लसस्ट र डेवलपमेंट एप्रोच पर रोशनी डालेगा और यह कि सोहार के औद्योगिक आसामियों में से 50% से ज्योदा किस तरह से प्राइमरी और सेकंडरी मेटल प्रोजेक्ट्स एवं/अथवा डाउनस्ट्रीम एक्टिविटीज हैं, जिन्हों ने सोहार में अपना रास्ताय बनाया, जिसका कारण वे पारस्प रिक फायदे हैं, जो उनके परिचालन का महत्व् बढ़ाते हैं। यह वेबिनार भरोसेमंद और किफायती ऊर्जा पर बात करेगा, जैसे सौर, और व्यकवसायों को कच्चेा माल, मेटल्सय के ऑन-साइट उपभोक्तामओं और पोर्ट के परिपक्वक बुनियादी ढांचे तथा सोहार द्वारा प्रदान की जाने वाली अन्यन पेशकशों तक पहुँच देगा।
भारत ओमान के टॉप व्याापार भागीदारों में से एक है। वित्तीनय वर्ष 2019-20 में 2261.81 मिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात के साथ ओमान भारत का 35वां सबसे बड़ा निर्यात बाजार था। भारत और ओमान के बीच पारंपरिक रूप से एक स्व स्थ और बढ़ता खाद्य व्या पार रहा है, जिसमें चावल और पारंपरिक निर्यात सामग्री, जैसे चाय, कॉफी, मसाले, डेयरी उत्पा्द, पहनने की चीजें और मीट, आदि रहे हैं।
भारतीय शेयरधारकों के पास भी किसी अन्यी देश की तुलना में जनरल ट्रेडिंग लाइसेंस (जीटीएल) का सबसे बड़ा प्रतिशत है और जीटीएल के मुख्यि सेक्टरर हैं मेटल्सर, पॉलीमर्स और टेक्सीटाइल्सस। फ्रीज़ोन में कुल औद्योगिक निवेशों में से 35% भारतीय निवेशकों के हैं, जिनमें से 50% निवेश मेटल्स क्लसस्ट्र को हुए हैं।
सोहार पोर्ट एंड फ्रीज़ोन के डिप्टीक चीफ एक्जी्क्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) और सोहार फ्रीज़ोन के सीईओ ओमर अल महरिज़ी ने बताया, “हमें जानकारियों से भरी इस सीरीज के एक और भाग का इंतजार है। हम एफआईसीसीआई जैसी शीर्ष व्येवसाय संस्था“ के साथ जुड़कर सम्मासनित हुए हैं, जिसके माध्यीम से हम भारत और ओमान के लिये अवसर खोज सकते हैं। हमें यकीन है कि यह सीरीज भारत के मेटल व्यावसायों को सोहार के समाधानों और पहुँच की पेशकशों और फायदों को समझने का मौका देगी। इस वेबिनार में सोहार के फायदों का विवरण दिया जाएगा और बताया जाएगा कि कैसे वैश्विक उद्योग अग्रणियों, जैसे जिंदल स्टीाल एंड पावर लिमिटेड, वेल और अल तम्माान इंडसिल ने सोहार पोर्ट एंड फ्रीज़ोन द्वारा दिये गये महत्व के प्रस्तािवों को चुना है। हम इस पहल के माध्यलम से अपनी क्षमता और ज्ञान को साझा करेंगे और उम्मीजद करते हैं कि हमें सफलता मिलेगी।”

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