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19 जनवरी, 2021 से सबसे बड़े और 5 दिवसीय वर्चुअल प्लास्टिक एक्सीबिशन ‘प्लास्टीवर्ल्ड’ की होगी शुरुआत

नई दिल्ली। 19 जनवरी, 2021 से आयोजित किये जा रहे दिवसीय ‘प्लास्टीवर्ल्ड’ नामक वर्चुअल प्लास्टिक प्रदर्शनी में 68 देशों के 12000 से अधिक पंजीकृत विजिटर हिस्सा लेंगे। अब तक के सबसे बड़े और भव्य प्लास्टिक पैकेजिंग प्रदर्शनी के जरिए 1000 करोड़ रुपये के कारोबार की उम्मीद भी जताई जा रही है.इस प्रदर्शनी की संकल्पना द ऑल इंडिया प्लास्टिक मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (AIPMA) ने तैयार की है और उन्हीं की ओर से इसका आयोजन भी किया जा रहा है। AIPMA भारत की सबसे पुरानी और सर्वोच्च प्लास्टिक बॉडी है और देशभर में इसके 20,000 से अधिक सदस्य हैं। इसके तमाम प्रतिनिधि 175 देशों के विभिन्न सेक्टर के सदस्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
‘प्लास्टीवर्ल्ड’ तैयार प्लास्टिक उत्पादों के अग्रणी मैन्युफैक्चरों और खरीददारों के लिए आयोजित किया जानेवाला ट्रेड शो है जो उन्हें आपस में मुलाकात करने, एक-दूसरे से जुड़ने और साझा तौर पर आगे बढ़ने का मौका प्रदान करेगा। इस वर्चुअल प्रदर्शनी औ्र व्यापारिक मेले का मुख्य मकसद भारत से दुनिया भर में प्लास्टिक उत्पादों के निर्यात को बढ़ाना और ऐसे उत्पादों के निर्यात में कमी लाना है। इस तरह से इसका ध्येय देश को ‘आत्मनिर्भर’ बनने में सहयोग करना भी है। इस भव्य कार्यक्रम को केमिकल्स और पेट्रोकेमिकल्स, वित्त एवं उद्योग मंत्रालय (भारत सरकार), CIPET और 15 बड़े एसोसिएशनों और संस्थानों का सहयोग हासिल है।
यह आयोजन प्लास्टिक आयात करनेवाले बड़े देशों के खरीददारों को भारत में प्लास्टिक का उत्पादन करनेवाली कंपनियों से जोड़ने में मदद करेगा। इसके जरिए भारत प्लास्टिक उत्पादकों को वैश्विक तौर पर नये उत्पादकों को लॉन्च करने, उन्हें नये बाजारों को खंगालने और अपने उत्पादकों को प्रमोट करने का मौका मिलेगा. इससे प्लास्टिक क्षेत्र से जुड़ी इंडस्ट्री को नये बाजारों में अपनी जगह बनाने के लिए डिसिजन मेकरों से संवाद साधने और मार्गदर्शन हासिल करने का भी मौका प्राप्त होगा।
उल्लेखनीय है कि इस आयोजन में शामिल होने के लिए जरूरी पंजीकरण के लिए मिले प्रतिसाद से साफ है कि इसकी गिनती देश के प्रथम सबसे बड़े वर्चुअल प्लास्टिक प्रदर्शनी के तौर पर होगी। इस आयोजन में सीईओ से लेकर, वाइस प्रेसिडेंट, निदेशक, विभागाध्यक्ष, हेड ऑफ ऑपरेशन, प्रबंध निदेशक, डिप्टी मैनेजर स्तर के सभी लोग शामिल होंगे। इस 5 दिवसीय आयोजन में दुनियाभर के इंडस्ट्री लीडरों और डिसिजन मेकरों का शुमार होगा। भारतीय प्लास्टिक पैकेजिंग इंडस्ट्री के लिए यह इस तरह का भव्य आयोजन किसी उपलब्धि से कम नहीं है।
अमेरिका, सिंगापुर, मलेशिया, इटली, जर्मनी, कोरिया, इंडोनेशिया, ताइवान, तुर्की, थाईलैंड, बैंकॉक, वियतनाम समेत 68 देशों के बिजनेस विजिटर और खरीदार इस भव्य आयोजन में शिरकत करनेवाले हैं। खरीदारों और एक्जीबिटरों में आपसी संवाद को सुगम बनाने के लिए एक्सपो में 5 हॉल, 9 वर्चुअल कांफ्रेंस, ऑनलाइन मैचमेकिंग और ऑन डिमांड टेक सपोर्ट जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी.।इससे मेल-जोल, नेटवर्किंग और पैकेजिंग संबंधित जानकारियों को एक-दूसरे से साझा करने में आसानी होगी। उल्लेखनीय है कि ये तमाम काम घर/दफ्तर से आरामदायक माहौल से संचालित होंगे जिसमें किसी तरह के खर्च की संभावना नहीं होगी. सभी मीटिंग पहले से ही तय होंगी और खरीदारों को एक्जीबिटरों से योजनाबद्ध ढंग से जुड़ने का मौका मिलेगा।
‘प्लास्टीवर्ल्ड’ के अध्यक्ष श्री अजय देसाई कहते हैं, ‘भारतीय अर्थव्यस्था के मुताबिक, पैकेजिंग देश का 5वां सबसे बड़ा और सबसे तेजी से बढ़ने वाला सेक्टर है. खैर, अब वो वक्त आ गया है जब भारतीय प्लास्टिक पैकेजिंग इंडस्ट्री अपने प्रभाव क्षेत्र का और विस्तार करे और नई ऊंचाइयों को छुए. हमें उम्मीद है कि हमारे अनूठे वर्चुअल आयोजन से इस सब में खासी मदद मिलेगी।’ श्री देसाई ने कहा कि उम्मीद है कि ‘प्लास्टीवर्ल्ड’ के जरिए होनेवाले कारोबार का आंकड़ा 1000 करोड़ तक छुएगा।
AIPMA के अध्यक्ष श्री चंद्रकांत तुराखिया ने कहा, ‘हमारा मकसद पैकेजिंग के खरीदारों के लिए नेटवर्किंग, अच्छे कारोबारी डील, ब्रांडिंग और नाविन्यपूर्ण पैकेजिंग के क्षेत्र में संभावनाओं के अनंत द्वारों को खोलना है. हमारे इस आयोजन से भारत के बाहर स्थित कंपनियों को भारत के पैकेजिंग मैन्युफैक्चरों से जुड़ने में भी मदद मिलेगी। इससे निर्यात में बढ़ोत्तरी और आयात को घटाने में भी खासा सहयोग प्राप्त होगा।’
AIPMA के गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष श्री अरविंद मेहता ने कहा कि ‘प्लास्टीवर्ल्ड’ विश्व बाजार में भारतीय उत्पादकों के लिए संभावनाओं के कई द्वार खोलेगा। उन्होंने आगे कहा कि इस कार्यक्रम से भारत से निर्यात बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। गौरतलब है कि देश की प्लास्टिक इंडस्ट्री के तहत 50,000 से अधिक प्लास्टिक व प्रोसेसिंग यूनिट्स आती हैं जिसमें 90% यूनिटों का ताल्लुक MSME से है। इस क्षेत्र में 50 लाख से अधिक लोग काम करते हैं और देश की जीडीपी में इसका योगदान 3 लाख करोड़ से अधिक है।
द ऑल इंडिया प्लास्टिक मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (AIPMA) की स्थापना इंडस्ट्री के दूरद्रष्टाओं ने 75 साल पहले की थी। ऐसे में यह संस्था भारत में प्लास्टिक इंडस्ट्री से जुड़ी सबसे पुरानी और सर्वोच्च संस्था है और AIPMA के 90% सदस्य MSME सेक्टर से ताल्लुक रखते हैं।

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