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आईएएपीआई की 25वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में इंडस्ट्री के विकास पर हुआ विमर्श

नई दिल्ली। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मनोरंजन एवं मनोविनोद से जुड़ी गतिविधियां मन को सुकून देती हैं। सुकून और मनोरंजन की यही चाहत एम्यूजमेंट इंडस्ट्री का आधार है। समय के साथ एम्यूजमेंट पार्क जाने वालों की बढ़ती संख्या भी इस उद्योग के महत्व को दिखाती है। इस उद्योग में विकास की संभावनाओं का अंदाजा इस तथ्य से भी लगाया जा सकता है कि कई लोग एम्यूजमेंट के उद्देश्य से ही पर्यटन के लिए जाते हैं। इंडियन एसोसिएशन ऑफ एम्यूजमेंट पार्क्स एंड इंडस्ट्रीज (आईएएपीआई) की 25वीं वर्षगांठ पर नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में ये बातें सामने आईं। इस दौरान पैनल चर्चा और मोटिवेशनल सेशन में इस उद्योग की संभावनाओं पर विमर्श हुआ।
इस एक दिवसीय कार्यक्रम के दौरान विविध सत्र आयोजित किए गए। आईआईएम इंदौर के ऑर्गनाइजेशनल बिहेवियर एंड ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट के प्रोफेसर रंजीत नंबूदरी ने अगले 25 साल में एम्यूजमेंट इंडस्ट्री को आगे बढ़ाने के कदमों पर अपने विचार रखे। उनके वक्तव्य से इस इंडस्ट्री को समझने और इसमें विकास की संभावनाओं को जानने में मदद मिली। इन महत्वपूर्ण सत्रों के बाद आईएएपीआई की 25वीं वर्षगांठ का उत्सव मनाया गया।

इस अवसर पर श्रीकांत गोयन्का, अध्यक्ष आईएएपीआई ने कहा, पूरा देश या यूं कहें कि पूरा विश्व एक एक्पीरिंशियल टूरिज्म की तरफ जा रहा है। जिसमें हम हर चीज का अनुभव लेकर उसका आनन्द उठाना चाहते हैं। आईएएपीआई में हमारे पास 500 सदस्य हैं, जो एम्यूजमेंट, लेजर सेक्टर से जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि हमारी वार्षिक टर्न-ओवर 11,500 करोड़ के मुकाम पर पहुंची है और हम उम्मीद करते हैं कि 2030 तक यह 25000 करोड़ तक पहुंच जाये या उससे पहले ही हम इस आंकड़े को प्राप्त कर पायेंगे। भारत में लगभग 300 एम्यूजमेंट पार्क हैं और 2500 इंडोर एम्यूजमेंट सेंटर हैं। अनुमानतः यह उद्योग 15 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है, जिससे रोजगार में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
उन्होंने कहा, केंद्र और राज्य पर्यटन बोर्डों द्वारा विकसित विभिन्न धार्मिक सर्किटों पर तकनीकी नवाचार, लेजर शो, वीडियो आदि की मदद से अधिक थीम आधारित कहानियां, पौराणिक और धार्मिक थीम पार्क बनाने के लिए निवेश के अपार अवसर हैं। इससे देश में अधिक अंतरराष्ट्रीय पर्यटक आकर्षित होंगे। श्रीकांत गोयन्का ने बताया कि दिल्ली एनसीआर में महाभारत की थीम पर एक व्यापक एम्यूजमेंट पार्क की घोषणा की गई है। इसके अतिरिक्त बहुत सारे और बड़े इंवेस्टमेंट की बात चल रही है।
एक्सपीरियंशल टूरिज्म में मनोरंजन और एजुकेशन के पर्याप्त साधन है, जैसे इनके माध्यम से भारत की कहानियों का व्याख्यान कर सकते हैं। उद्योग में बहुत सारे नये प्रयास भी किये जा रहे हैं। काफी कुछ बेसिक डेवलेपमेंट स्टेज में है, काफी कुछ होना बाकी है।
कार्यक्रम के दौरान एम्यूजमेंट इंडस्ट्री में विकास की संभावनाओं के साथ-साथ टूरिज्म सेक्टर, फूड एवं ट्रैवल सेक्टर के विकास पर भी चर्चा हुई। एम्यूजमेंट इंडस्ट्री में विकास की संभावनाओं पर चर्चा के लिए आयोजित सत्र के पैनल में वंडरला हॉलिडेज के मैनेजिंग डायरेक्टर अरुण चितिलापिल्ली, इमैजिकावर्ल्ड लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर जय मालपानी, पैसिफिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अभिषेक बंसल और टाइमजोन इंडिया के सीईओ अब्बास जबलपुरवाला शामिल रहे। सत्र का संचालन मस्ती जोन के संस्थापक अंकुर माहेश्वरी ने किया। टूरिज्म सेक्टर, एम्यूजमेंट, फूड एवं ट्रैवल सेक्टर में विकास पर हुई परिचर्चा के पैनल में गार्डियन मीडिया एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर राजीव जलनापुरकर, अंसा रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर सौरभ सिंघल और ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की प्रेसिडेंट ज्योति मायल जैसी हस्तियां शामिल रहीं। सत्र का संचालन प्रीमियरवर्ल्ड टेक्नोलॉजी लिमिटेड के डायरेक्टर श्रीकांत गोयन्का ने किया। कार्यक्रम के अंत में संगीत संध्या का भी आयोजन किया गया।

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