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निजी क्षेत्र से मिली सीख को यूएसएड (USAID) की कोविड-19 वैक्सीन लर्निंग एक्सचेंज पहल ने विश्व के दक्षिणी भू-भाग तक पहुंचाया

नई दिल्ली। यू.एस. एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) और पॉपुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल (पीएसई) ने आज सिटी-टू-सिटी कोविड-19 वैक्सीन लर्निंग एक्सचेंज (CoVLEx) पहल के माध्यम से एक वर्चुअल चर्चा का आयोजन किया। इस सम्मेलन में दुनिया भर के शहरों और देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए, जिन्होंने कोविड-19 महामारी से लड़ने के वैश्विक प्रयासों में निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा की।
USAID ने सितंबर 2021 में नीति आयोग और भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ साझेदारी में CoVLEx कार्यक्रम की शुरुआत की, ताकि दुनिया को बचाने के लिए अधिक से अधिक लोगों को टीका लगाने, वैश्विक अर्थव्यवस्था को गति देने और नए वैरिएंट के खतरे को रोकने के लिए उपकरण और सर्वाेत्तम व्यवहारों को साझा किया जा सके। कोविड-19 वैक्सीन लर्निंग एक्सचेंज पहल एक अनूठा मंच है, जो पांच भारतीय शहरों (दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, इंदौर, भुवनेश्वर), 10 दक्षिण पूर्व एशियाई और अफ्रीकी शहरों, हनोई (वियतनाम), ढाका (बांग्लादेश), बिराटनगर (नेपाल), नोम पेन्ह (कंबोडिया), कंपाला (युगांडा), केप टाउन (दक्षिण अफ्रीका), लिलोंग्वे (मलावी), अदीस अबाबा (इथियोपिया), अबूजा (नाइजीरिया), और नैरोबी (केन्या) के बीच कोविड-19 टीकाकरण रणनीतियों पर सर्वाेत्तम प्रथाओं को साझा करता है।
आज के आयोजन के माध्यम से वैश्विक दक्षिण के शहरों और देशों के सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों और निजी क्षेत्र की कंपनियों ने वैक्सीन अनुसंधान और निर्माण जैसे साझा मुद्दों पर अपने अनुभव साझा किए, जिसमें टीका शोध और निर्माण, कोल्ड चेन क्षमता में सुधार, प्रभावी तरीके से टीका भंडार का प्रबंधन और अंतिम उपभोक्ता तक डिलीवरी के लिए ड्रोन जैसे अभिनव समाधानों के इस्तेमाल किए जाने का जिक्र था।
मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ डॉ. आर एस शर्मा ने कहा, “कोविन के एक वास्तुकार के रूप में, मैं हमारे टीकाकरण कार्यक्रम को शुरू करने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बहुत स्पष्ट था। यह महामारी इतनी बड़ी है कि अकेले एक इकाई इससे नहीं निपट सकती। हमने कोविन को एक बहुदलीय मंच के रूप में डिजाइन किया है जिसमें टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल सभी वैक्सीन प्रदाता, टीकाकरणकर्ता और अस्पताल, निजी और सार्वजनिक दोनों संस्थाएं हो सकते हैं। टीकाकरण कार्यक्रम में डिजाइन प्रक्रिया के दौरान सभी हितधारक भी शामिल थे। कोविन (COWIN) के लिए तकनीकी समाधान ने अंततः एक खुली, समावेशी और अंतर-संचालन प्रणाली का उपयोग किया जिसे किसी भी तीसरे पक्ष के ऐप्लिकेटर द्वारा या यहां तक कि सुविधाओं के भीतर एक बहुत अच्छी तरह से परिभाषित एपीआई में टीकाकरण शुरू करने और प्रगति को ट्रैक करने के लिए सक्षम किया जा सकता है।’’
स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने में निजी क्षेत्र की भागीदारी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए USAID/भारत में स्वास्थ्य अधिकारी और निदेशक संगीता पटेल ने कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत और हमारे सहयोगी टीकों के निर्माण और वितरण व उपचार का विस्तार करने के प्रयासों का नेतृत्व करना जारी रखते हैं, जो दुनिया भर के लोगों को लाभान्वित करता है। इस तरह के वैश्विक आदान-प्रदान वैश्विक भलाई के लिए विज्ञान और तकनीकी में भारत की विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए दुनिया को जल्द से जल्द टीकाकरण करने के लिए हमारे सामूहिक कार्यों को मजबूत करते हैं। निजी क्षेत्र के साथ USAID की भागीदारी मेजबान देश की सरकारों और नागरिक समाज के साथ, कमियों को दूर करती है और हमारे प्रयासों को तेज करती है। निजी क्षेत्र के सहयोग के माध्यम से और बाजार-आधारित दृष्टिकोण जो इसका लाभ उठाते हैं- यूएसएआईडी और हमारे सहयोगी स्थानीय प्रणालियों और बाजारों को आत्मनिर्भर बनाते हैं। हमारे संयुक्त प्रयासों से अधिक ज्ञान, बेहतर कौशल, अतिरिक्त संसाधन और मजबूत स्थानीय संस्थान बनते हैं।’
अपने प्रारंभिक संबोधन में पीएसआई के प्रबंध निदेशक शंकर नारायणन ने सार्वजनिक स्वास्थ्य के व्यापक क्षेत्रों में सीखने को लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘सिटी-टू-सिटी लर्निंग एक्सचेंज’ पहल के प्रमुख उद्देश्यों में से एक विभिन्न हितधारकों के साथ जुड़ाव है, जिनमें से निजी क्षेत्र एक महत्वपूर्ण है। निजी क्षेत्र की भूमिका तेजी से महत्वपूर्ण होती जा रही है क्योंकि हम कोविड-19 टीकाकरण के लिए दुनिया भर में बड़े पैमाने पर अभियान चलाना चाहते हैं। इस क्षेत्र ने न केवल टीकाकरण कवरेज को बढ़ाने में योगदान दिया है, बल्कि टीका की शुरूआत की विभिन्न प्रक्रियाओं जैसे कि वैक्सीन अनुसंधान, विकास, निर्माण और खरीद, वैक्सीन कोल्ड चेन और लॉजिस्टिक्स, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की क्षमता निर्माण, डिजिटल अन्वेषण आदि में भी योगदान दिया है। इन सीखों को नियमित टीकाकरण और शहरी स्वास्थ्य के व्यापक क्षेत्रों में लागू किया जाना चाहिए।’
आज के कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने इस बात पर जोर दिया कि निजी क्षेत्र की भूमिका न केवल कोविड-19 को संबोधित करने के लिए महत्वपूर्ण रहेगी, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों के लिए अभिनव समाधान विकसित करना और अंततः कमजोर आबादी के लिए सेवाओं में सुधार के लिए स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करना होगा।

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