संपादकीय

‘अद्भुत राजस्थान’ ( पुस्तक समीक्षा)

लेखक : डॉ. प्रभात कुमार सिंघल एवं प्रमोद कुमार सिंघल
समीक्षक : अख्तर खान ‘अकेला’ एडवोकेट-कोटा

वीरों की धरती, राजाओं की धरती, राजस्थान की ऐतिहासिक और आजादी के आंदोलन की धरती राजस्थान, देश का सबसे बढ़ा राज्य राजस्थान यकीनन अद्भुत है। इसी विविधता, एकता, पर्यटन, खूबसूरती, धार्मिक स्थल, कला-संस्कृति, शिक्षा, ऐतिहासिक गढ़, महल, हवेलियों, इतिहास, भोगोलिक विशेषताओं को राजस्थान के सभी जिलों की विविधता और विशिष्टता को डॉ. प्रभात कुमार सिंघल ने उनके भूगोल प्रोफेसर भाई प्रमोद कुमार सिंघल के साथ मिलकर ‘अद्भुत राजस्थान’ के रूप में एक पुस्तक का रूप दिया है। एक ऐतिहासिक दस्तावेज जो देश के ही नहीं विश्व के पर्यटकों के लिए, प्रतियोगी परीक्षाओं के छात्र-छात्राओं के लिए बहु उपयोगी पुस्तक साबित हो रही है।
हाल ही में अद्भुत राजस्थान प्रकाशित पुस्तक का विमोचन कोटा जिला कलेक्टर उज्ज्वल राठोड ने करते हुए इसकी महत्ता पर भी जोर दिया। बहुमुखी प्रतिभा के धनी पुस्तक के लेखक डॉ. प्रभात कुमार सिंघल किसी पहचान के मोहताज नहीं। कोटा सहायक जनसम्पर्क अधिकारी के बाद संयुक्त निदेशक जनसपर्क के पद से सेवानिवृत होने के बाद डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल वर्तमान में राजस्थान एवं भारत के विविध पक्षों पर पुस्तक लेखन एवं पत्रकारिता में सक्रिय हैं। डेढ़ दर्जन से भी अधिक पुस्तकों के लेखक जनसम्पर्क कार्य के अलावा, पर्यटन, इतिहास, ऐतिहासिक स्मारक, धार्मिक स्थल, शेल चित्र, पुरातत्व महत्व के स्थलों के साथ-साथ पर्यावरण, स्वच्छता, सामाजिक क्षेत्र एवं विकास के विविध पहलुओं पर खोजपूर्ण लेख लिखते रहे है। सह लेखक प्रमोद कुमार सिंघल जाने-माने भूगोलवेत्ता प्रोफेसर, सेवानिवृत प्राचार्य राजकीय महाविद्याय, राजस्थान ही नहीं देश की संस्कृति, भूगोल सहित सामान्य ज्ञान के ज्ञाता और डबल गोल्ड मेडलिस्ट हैं।
दोनों भाइयों का लेखन संगम हुआ और राजस्थान के ऐतिहासिक स्थलों, पर्यटन स्थलों और हर जिले का सारगर्भित परिचय एक पुस्तक के रूप में तैयार हुआ और पुस्तक के शीर्षक अद्भुत राजस्थान की तर्ज पर हमारा राजस्थान, म्हारो राजस्थान की हर गाथा अद्भुत हो गयी। चौड़ा रास्ता जयपुर के प्रकाशक, साहित्यागार, द्वारा लेजर टाइप सेटिंग भूमि ग्राफिक्स के जरिये शीतल प्रिंटर्स पर मुद्रित की गई है। पुस्तक अमेजॉन, फ्लिपकार्ट पर भी उपलब्ध है। राजस्थान की विविधता एवं अद्भुतता को लेखकों ने 384 पृष्ठ और 34 अध्याय में समेट कर गागर में सागर भर दिया है।
राजस्थान सरकार के स्वायत्तशासन मंत्री शांति धरिवाल ने अपने सारगर्भित संदेश के जरिये इस पुस्तक की महत्ता को और प्रमाणित कर दिया है। पुस्तक की प्रस्तावना इनेलो साऊथ एशिया मेंटर ईफ्ला वॉल ऑफ फेम में सम्मिलित नाम के अधिकृत बने संभागीय पुस्तकालय अध्यक्ष राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय, कोटा के डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव ने चिरपरिचित अंदाज में राजस्थान को समामेलित कर के रख दिया है। प्राक्क्थन में भूगोलवेत्ता प्रोफेसर प्रमोद कुमार सिंघल की कलम ने राजस्थान के भूगोल, विविधता, इतिहास, स्थलों को समेट कर रख दिया है जबकि लेखकीय में डॉ. प्रभात सिंघल ने राजस्थान की अद्भुदद्ता, विविधता, सहित पर्यटन आकर्षण को अपने चिरपरिचित अल्फाजों में एक माला के रूप में पिरो दिया है। साथ ही पुस्तक के प्रकाशन की महत्ता, आवश्यकता, और सहयोगियों को धन्यवाद भी ज्ञापित किया है ।
पुस्तक में राजस्थान के सारगर्भित परिचय के साथ, राजस्थान के हर जिले की विशिष्टता का महत्व बताते हुए जिले के इतिहास, उद्गम, विशिष्टता, धार्मिक, ऐतिहासिक स्थलों सहित, हर तरह ज्ञानवर्धक विवरण है। पुस्तक के अध्यायों में राजस्थान परिचय, राजस्थान का ह्रदय स्थल अजमेर, भारत का प्रमुख तेल क्षेत्र बाड़मेर, राजस्थान का सिंहद्वार, अलवर, सो द्वीपों का शहर बांसवाड़ा, पुरातत्व सम्पदा का धनी बारां, पक्षियो का स्वर्ग भरतपुर के बारे में सारगर्भित जानकारियां हैं।
राजस्थान की टेक्सटाइल सिटी भीलवाड़ा, ऊंटों का देश बीकानेर, छोटी काशी, बूंदी, भक्ति और शक्ति का नगर चित्तौड़गढ़, गोगाजी की तीर्थ स्थली चूरू, मेहंदीपुर बाला जी का तीर्थ दोसा, पूर्वी राजस्थान का प्रवेश द्वार धौलपुर, पहाड़ियों का नगर डूंगरपुर, धान का कटोरा श्रीगंगानगर क्षेत्र की हर उपलब्धि का स्वर्णिम विवरण है। जबकि सभ्यता का पालन स्थल हुनमानगढ़, राजस्थान का गुलाबी नगर जयपुर, हवेलियों और झरोखों की नगरी जैसलमेर, राजस्थान का नागपुर झालावाड़, शेखावाटी का सिरमौर झुंझुनू, टरनैट सिटी जालोर, सूर्यनगरी जोधपुर ,केलादेवी की भूमि करोली, चंबल का वरदान कोटा, राजस्थान की धातु नगरी नागौर, जैन मंदिरों का तीर्थ पाली, थेवा कला में प्रसिद्ध प्रतापगढ़, श्रीनाथ जी की तीर्थ स्थली राजसमंद, देवोँ की नगरी सिरोही, शेखावाटी का ह्रदयस्थल सीकर, बाघों की क्रीड़ा स्थली सवाईमाधोपुर, नवाबों का शहर टोंक एवं राजस्थान का कश्मीर उदयपुर अध्य्याय शामिल हैं। आखिर में लिए गए सन्दर्भो का भी उल्लेख किया गया हैं।

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