संपादकीय

‘बलिदानियों ने दिखाई है राह उन्हें आजादी से उड़ने की’

सुनील कुमार महला
फ्रीलांस राइटर, कालमिस्ट व युवा साहित्यकार (उत्तराखंड)

शहीद-ए-आजम भगतसिंह जी ने क्या शानदार लिखा है -‘मेरे जज्बातों से इस कदर वाकिफ हैं मेरी कलम मैं इश्क भी लिखना चाहूँ तो भी, इंकलाब लिख जाता हैं ! ‘ 15 अगस्त का राष्ट्रीय पर्व बिल्कुल नजदीक है और अगस्त का महीना आते ही हम सब भारतवासी स्वतंत्रता के जश्न में डूब जाते हैं। अगस्त का महीना हमारे देश की आजादी का महीना है, हर्ष, उल्लास, खुशी और उमंग का महीना है। साहिर लुधियानवी जी बड़े ही खूबसूरत शब्दों में अपनी कलम से यह लिखते हैं -‘क्या मोल लग रहा है शहीदों के ख़ून का।मरते थे जिन पे हम वो सज़ा-याब क्या हुए।’ स्वतंत्रता दिवस आता है तो हम यादों में डूब जाते हैं आजादी के परवानों की याद में। इस बार का आजादी दिवस अपने आप में बहुत ही खास, विशेष व महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में कुछ समय पहले ही हमारे देश भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 30 जुलाई 2023 को ‘मन की बात’ के 103वें संस्करण के दौरान आजादी का अमृत महोत्सव के तहत ‘मेरी माटी मेरा देश’ महत्वकांक्षी अभियान की घोषणा की थी। हाल ही में नौ अगस्त से यह अभियान संपूर्ण भारत में शुरू हो चुका है तथा यह स्वतंत्रता दिवस के बाद 30 अगस्त तक जारी रहेगा। वर्तमान में इस अभियान के तहत संपूर्ण देश भर में हमारे देश के वीरों को याद करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। बहुत अच्छी बात है कि सरकार ने ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान के साथ इस बार स्वतंत्रता दिवस मनाने का कार्यक्रम बनाया है। इस बार हम 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहे हैं और इस बार का आजादी का पर्व कई मायनों में खास होने जा रहा है। जानकारी देना चाहूंगा कि वर्ष 2022 में यानी कि पिछले वर्ष 13 से 15 अगस्त तक केंद्र सरकार द्वारा ‘हर घर तिरंगा अभियान’ की घोषणा की गई थी। इसके बाद देशभर में लोगों ने बड़े जोश, उत्साह, खुशी, उमंग से अपने घरों में तिरंगा फहराया था। इस बार यानी कि वर्ष 2023 में सभी देशवासी ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान के साथ आजादी के पर्व को मनाने जा रहे हैं। अब यहां पाठकों को यह जानना बहुत ही जरूरी है कि आखिर ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान है क्या ? तो इस संबंध में पाठकों को जानकारी देना चाहूंगा कि इस अभियान के तहत हमारे देश के वीरों की स्मृति में अमृत सरोवरों के निकट ग्राम पंचायतों में शिलाफलकम यानी कि स्मारक पट्टिकाएं स्थापित की जाएंगी। वास्तव में यह हमारे देश के वीर पुरुषों और महिलाओं के सम्मान में अभियान है। वर्तमान में अभियान पूरे जोर जोर से पूरे देश में चल रहा है और यह हमें गौरवान्वित महसूस कराता है कि इस अभियान के तहत हम हमारे अमर शहीदों की याद में देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। बच्चों, युवाओं को इससे नित नई प्रेरणा, देशभक्ति, जोश और जज्बा मिल रहा है। ऊपर जानकारी दे चुका हूं कि देश की स्वतंत्रता, इसकी रक्षा में अभूतपूर्व योगदान देने वाली हमारे देश की विभूतियों की स्मृति में देश की लाखों ग्राम पंचायतों में विशेष शिलालेख इस अभियान के दौरान लगाए जाएंगे। जानकारी मिलती है कि इस अभियान के तहत देशभर में ‘अमृत कलश यात्राएं’ भी आयोजित की जाएगी। यह ‘अमृत कलश यात्रा’ देश के कोने-कोने से 7,500 कलशों में मिट्टी(माटी) लेकर हमारे देश की राजधानी दिल्ली पहुंचेगी। इतना ही नहीं,यह यात्रा अपने साथ देश के विभिन्न हिस्सों से विभिन्न प्रजातियों के पेड़-पौधे भी लेकर आएगी। 7,500 कलशों में देश के विभिन्न कोनों और हिस्सों से आने वाली इस पवित्र और पावन मिट्टी और पौधों को मिलाकर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के पास ‘अमृत वाटिका’ बनाई जाएगी। ये ‘अमृत वाटिका’ ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ का भी भव्य प्रतीक बनेगी। वास्तव में यह देश की माटी का नमन है, हमारे देश के वीर शहीदों का वंदन, अभिनंदन है। अंत में यही कहूंगा कि ‘सैंकड़ों परिंदे आसमान पर आज नजर आने लगे। बलिदानियों ने दिखाई है राह उन्हें आजादी से उड़ने की।’ जय हिंद,जय भारत।

(आर्टिकल का उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है)

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