शिक्षा

आईआईआईटी-दिल्ली में होगा सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स ‘सेंटर ऑफ सस्टेनेबल मोबिलिटी’

नई दिल्ली। दिल्ली यातायात, प्रदूषण एवं सड़क दुर्घटनाओं की गंभीर समस्याओं से जूझ रही है। इन मुद्दों पर गंभीरता से अनुसंधान करने तथा सरकार, अकादमिक एवं उद्योग जगत के सहयोग से इन क्षेत्रों में विकास कार्यों की आवश्यकता है। इसी उद्देश्य के साथ आईआईआईटी -दिल्ली, दिल्ली नॉलेज डेवलपमेन्ट फाउन्डेशन के सहयोग से संस्थान में एक सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स ‘सेंटर ऑफ सस्टेनेबल मोबिलिटी’ की स्थापना कर रहा है।
नया रीसर्च सेंटर दिल्ली में शहरी परिवहन की समस्या के समाधान पर ध्यान केन्द्रित करेगा। स्थायी परिवहन एक जटिल समस्या है जिसके लिए कम्प्युटर विज्ञान, आर्टीफिशियल इंटेलीजेन्स, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एवं डिजाइन के माध्यम से डेटा एनालिटिक्स एवं बहु-आयामी अनुसंधान के आधार पर डिजाइन एवं अनुकूलन की आवश्यकता है। आईआईआईटी-दिल्ली के फैकल्टी सदस्य इन विभिन्न अनुसंधान क्षेत्रो ंमें विशेषज्ञ हैं। संस्थान इस तरह के आधुनिक अनुसंधान एवं लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए विश्व स्तरीय सुविधाओं से युक्त बुनियादी ढांचा पेश करता है।
आईआईआईटी-दिल्ली के शोधकर्ता पिछले 3 सालों से जीएनसीटीडी के परिवहन विभाग एवं विभिन्न ट्रांजिट एजेन्सियों जैसे डीटीसी, डीआईएमटीएस और दिल्ली मेट्रो के सहयोग से ओपन ट्रांजिट डेटा, बस में कॉन्टैक्ट लैस टिकटिंग के लिए ओपन टिकटिंग फ्रेमवर्क, डीटीसी के लिए डीपो मैनेजमेन्ट टूल आदि केलिएकाम कर रहेहैं।संस्थान के अध्यापकों ने ट्रांजिटडेटा के संग्रहणके लिए चेन्नई की ट्रांजिट एजेन्सियों और दक्षिणी रेलवे के साथ मिलकर भी काम किया है।
सेंटर ऑफ सस्टेनेबल मोबिलिटी, अनुसंधान परध्यान केन्द्रित करते हुए न केवल सार्वजनिक परिवहनकी समस्याओ को हल करेगा बल्कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और कीमती जिंदगियां बचाने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। भारत में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में 1.5 मिलियन से अधिक लोगों की मौत हो जाती हैं और 1 करोड ़सेअधिक लोग गंभीर चोटों का शिकारहो जातेहैं। एक अनुमान के मुताबिक सड़क दुर्घटनाओं के कारण जीडीपी में 2 फीसदी नुकसान होता है। ऐसी ज्यादातर दुर्घटनाओं को बेहतरपरिवहन प्रणाली एवं सेंटर ऑफ सस्टेनेबल मोबिलिटी के निर्माण द्वारा रोका जा सकता है।
नए अनुसंधान केन्द्र की घोषणा करते हुए डायरेक्टर, प्रोफेसर रंजन बोस ने कहा, ‘‘परिवहन की बात करें तो हम धीरे-धीरे कनेक्टेड, ऑटोनोमस, इलेक्ट्रिफाईड और शेयर्ड भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं। यह केन्द्र दिल्ली/एनसीआर की परिवहन संबंधी समस्याओं पर ध्यान केन्द्रित करते हुए स्मार्ट/स्थायी परिवहन के क्षेत्र में अनुसंधान, विकास और उद्यमिता की गतिविधियों को प्रोत्साहित करेगा।’

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