शिक्षा

IIIT दिल्ली द्वारा वर्चुअल तरीके से अपना 9वां दीक्षांत समारोह आयोजित

नई दिल्ली। IIIT दिल्ली ने आज अपना 9वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया। कोविड-19 महामारी के कारण समारोह वर्चुअल तरीके से आयोजित किया गया था। हालाँकि, छात्रों की उपलब्धियों को पारंपरिक तरीके से नहीं मनाया जा सकता था, फिर भी संस्थान ने यह आयोजन छात्रों के लिए समानता प्रेरक और यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यह समारोह IIIT दिल्ली में छात्रों की उपलब्धियों का उत्सव था। दीक्षांत समारोह के दौरान संस्थान ने 237 B.Tech., 203 M.Tech., 2 M.Tech और, 12 पीएच.डी. छात्रों को डिग्री प्रदान की।
इस वर्ष राघव सूद और श्राविका मित्तल कुलाधिपति के स्वर्ण पदक से सम्मानित होकर आईआईआईटी दिल्ली हॉल ऑफ फेम में शामिल हुए, जबकि पुलकित मादन (बी.टेक. सीएसएएम) और राघव गोयल (बी.टेक. ईसीई) सर्वश्रेष्ठ अकादमिक प्रदर्शन पुरस्कार पाकर संस्थान की विरासत का हिस्सा बन गए। राघव गोयल (ईसीई), अभिषेक अग्रवाल (सीएसएएम) और तनिष गुप्ता (सीएसई) ने प्रतिष्ठित ऑलराउंड पर फॉर्मेंस मेडल भी जीता। एम.टेक छात्र आदित्य खंडेलवाल और प्रतीक सिंह ने भी उत्कृष्ट अकादमिक प्रदर्शन के लिए स्वर्णपदक प्राप्त कर संस्थान के अकादमिक इतिहास में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
प्रोफेसर जो आचिम फ्रैंक (कोलंबिया विश्वविद्यालय, यूएसए), रसायन विज्ञान में 2017 के नोबेल पुरस्कार प्राप्तकर्ता, मुख्य अतिथि रहे और उन्होंने दीक्षांत समारोह को संबोधित भी किया। प्रो.फ्रैंक ने अपने संबोधन में उल्लेख किया, ‘हमारे पास दो विकल्प हैं, महामारी के मद्देनजर भारी अराजकता पर निराशा या इसे फिर से विचार करने के अवसर के रूप् में लें और एक ठोस तरीके से मामलों की स्थिति और चीजों को चलाने का तरीका खोजें। जैसा कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अपने जीवन की शुरुआत में मैंने अव्यवस्था का अनुभव किया है और जहाँ मेरा जन्म हुआ यानि जर्मनी में नागरिक आदेश, शालीनता और समृद्धि की वापसी का अनुभव किया है, मैं दूसरे विकल्प को मानता हूं।
प्रोफेसर फ्रैंक ने आगे कहा कि आप के ज्ञान, विशेषज्ञता और प्रमाणित प्रमाणों के साथ जो आपको आज प्राप्त होने की उम्मीद है, दुनिया आपके लिए व्यापक होगी। अब, महामारी के कारण इनमें से कुछ कैरियर विकल्प शून्य हो गए हैं क्योंकि अर्थव्यवस्था बदल गई है, अन्य प्राथमिकताएं उभरी है ंकि विभिन्न ट्रेडों में मांग प्रशिक्षण और यात्रा प्रतिबंधों ने अड़ियल अवरोध पैदा किए हैं। फिर भी दूसरी ओर अप्रत्याशित तरीकों से पूरी तरह से नए विकल्प खुल रहे हैं।
मौके पर श्री अनिल बैजल (चांसलर) और श्री किरण कार्णिक (अध्यक्ष, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स) ने स्नातक करने वाले छात्रों को बधाई दी, और अपने शब्दों को साझा किया। श्री बैजल ने छात्रों को अवगत कराया कि जो चीज आपको अद्वितीय बनाती है वह है चिंगारी, जो आपके भीतर है। यह चिंगारी आपकी आंतरिक आवाज है और आपको इसे पोषण देना चाहिए, ताकि एक दिन यह आपको मन की सीमाओं को पार करने में मदद करे। ग्रेजुएट्स को प्रोत्साहित करते हुए, श्री कार्णिक ने कहा कि आईआईआईटी-दिल्ली के थॉट लीडर्स और चेंज मास्टर्स बनाने के साथ हमें विश्वास है कि आप इस राष्ट्र का चेहरा होंगे।
आयोजन के दौरान निदेशक प्रो. रंजन बोस ने वर्ष 2019-2020 के लिए निदेशक की रिपोर्ट प्रस्तुत की। प्रो. बोस ने अपनी रिपोर्ट में संस्थान द्वारा की गई कुछ प्रमुख पहलों को साझा किया। विशेषरूप से उन्होंने उल्लेख किया कि IIIT-D का चयन प्रौद्योगिकी नवाचार हब के लिए एक होस्ट के रूप में किया गया है, जिसका बजट 100 करोड़ है। संस्थान में हेल्थकेयर में नए उत्कृष्टता केंद्र की शुरुआत, उद्यमिता में एक माइनर की दीक्षा, रिसर्च इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन शोकेस (RIISE) और महामारी के प्रभाव से निपटने के लिए दिल्ली सरकार की मदद के लिए IIIT-D संकाय के योगदान हैं।

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