मनोरंजन

मैं अपने काम कि हमेशा बहुत इज़्ज़त करता हूं : सिद्धार्थ निगम

– शबनम नबी

सोनी सब का शो ‘‘अलादीन- नाम तो सुना होगा’’ इन दिनों काफी चर्चा में है क्योंकि अपने यादगार खाने, अनोखे स्थलों और युगों को परिभाषित करती वास्तुकला के मशहूर, मुगलों के इस शहर में इस शो और इसके किरदारों के वर्षों से कई सारे फैन्स रहे हैं। इस पाॅपुलर किरदार की भूमिका निभा रहे हैं सिद्धार्थ निगम जो अलादीन बने हैं। सिद्धार्थ निगम को आप सभी जानते ही हैं उन्होंने कलर्स चैनल पर अशोका का युवा किरदार निभाया था। वो स्टार प्लस के शो ‘चंद्रनंदिनी’ में भी बिंदुसार का युवा किरदार निभा चुके हैं। और हम सभी उन्हें बाॅलीवुड फिल्म ‘धूम 3‘ में आमिर खान के बचपन के किरदार में देख चुके हैं। उन्होंने टाइगर श्रॉफ की फिल्म ‘मुन्ना माइकल’ में भी बतौर बाल कलाकार काम किया है। सिद्धार्थ जहां एक अच्छे कलाकार हैं वहीं वो बहुत ही अच्छे जिमनास्ट भी हैं उन्होंने जिमनास्ट में कई राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीते हैं और वो राष्ट्रीय गोल्ड मैडलिस्ट रह चुके हैं। वो चाहते हैं कि आर्टिस्टिक जिमनास्ट जिसके बारे में लोगों को नहीं पता उसे हर तरह से प्रमोट करें।
हाल ही में शो ‘अलादीन-नाम तो सुना होगा’ के मुख्य किरदार सिद्धार्थ और अवनीत दोनों ही अपने शो के प्रमोशन के लिए दिल वालों की दिल्ली आए थे। अपने हर किरदार के प्रति सिद्धार्थ हमेशा से सजग रहे हैं। वो कहते हैं कि अलादीन का किरदार उन्होंने इसलिए किया क्योंकि वो हमेशा कुछ अलग और नया करना पसंद करते हैं। इस बार अलादीन को थोड़ा बदलाव के साथ दिखाया जा रहा है जैसे – राजकुमारी जैस्मीन की जगह यास्मिन रखा गया है और शो को थोड़ा माॅर्डन रखा गया है। यानि शो में थोड़ा पुराने कल्चर और आज के जमाने की मॉडर्ननेस को एक-साथ दिखाया गया है।
सिद्धार्थ का कहना है कि ‘अलादीन एक ऐसा किरदार है जो दूसरों की काफी इज़्ज़त करता है। हर चीज को मस्ती में करता है। वो काफी चुलबुला है। किसी भी काम को लेकर कोई भी दबाव नहीं लेता है। अलादीन अपनी सारी जिम्मेदारियों को समझता है। अपनी अम्मी के लिए हर चीज करना चाहता है। उनकी हर ख्वाहिशों को पूरा करना चाहता है। मुझे लगता है कि मैं जिस तरह के फैंटेसी शो करता हुं वो बहुत अलग होते हैं, उसमें कई सारी नई चीज़ें करने को मिलती हैं। इस तरह के शोज़ जिसमें फन हो, मस्ती हो, कास्ट्यूम ड्रामा भी हो मुझे करने में बहुत ही मज़ा आता है। मैं अपने काम की बहुत इज़्ज़्ात करता हूं क्योंकि मेरी मां ने हमेशा यही सिखाया है कि अपने काम की इज़्ज़त करोे तुम्हें कामयाबी ज़रूर मिलेगी। मैं अपनी जिमनास्टिक और अपनी पढ़ाई को स्टाॅप नहीं किया है इसलिए अपनी एक्टिंग के साथ-साथ दोनों पर ध्यान देता हूं। अगर ऐसा हो कि मुझे चिराग असलियत में मिल जाए तो मेरी पहली विश यही होगी कि हमारे देश जितनी भी सारी परेशानियां हैं वो सारी हल हो जाएं, किसी को कोई तकलीफ न रहे, हमारा देश एकदम साफ-सुथरा रहे। मेरी दूसरी विश यही होगी कि मैं मां को दुनिया की सारी खुशियां दे सकूं उन्होंने हमें बड़ा करने में बहुत संघर्ष किया है तो उन्हें मैं हर खुशी दे सकूं और बहुत बड़ा सुपरस्टार बनूं।
‘अलादीन-नाम तो सुना होगा’ अलादीन की एक पारंपरिक कहानी पर आधारित है, जिसमें कंटेम्पररी ट्विस्ट है। सारे कलाकार अपने किरदारों में डूबे नजर आ रहे हैं। ड्रामा, फेंटेसी और भव्यता से भरपूर ‘अलादीन- नाम तो सुना होगा’ एक ऐसा शो है, जोकि निश्चित रूप से सोनी सब के खुशियां देने के वादे को पूरा कर रहा है। इस शो में प्रमुख किरदार जैसे दुष्ट वजीर (आमिर दल्वी), स्वार्थी चाचा (बदरूल इस्लाम) और चाची (गुलफाम खान), यास्मीन के माता-पिता सुल्तान शहनवाज (ज्ञान प्रकाश) और सुल्ताना (याशू धीमन) और जिनी (राशूल टंडन) को भी दिखाया गया है।

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